दिल्ली की मशहूर लव-कुश रामलीला में मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडे को मंदोदरी की भूमिका मिलने से हंगामा मच गया है। इस फैसले ने न सिर्फ सोशल मीडिया पर चर्चा छेड़ दी है, बल्कि बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी तीखी आपत्ति जताई है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला और क्यों हो रहा है इतना बवाल?
पूनम पांडे को क्यों चुना गया?लव-कुश रामलीला कमेटी ने पूनम पांडे को मंदोदरी का किरदार सौंपने का फैसला किया है। कमेटी के चेयरमैन अर्जुन कुमार ने साफ कहा कि 29 और 30 सितंबर को पूनम मंदोदरी की भूमिका में मंच पर नजर आएंगी। अर्जुन कुमार का कहना है कि मंदोदरी एक आदर्श चरित्र है और इसे कोई भी महिला निभा सकती है। उन्होंने कहा, “पूनम पांडे का अतीत चाहे जो रहा हो, हमें उम्मीद है कि इस किरदार को निभाने से उनका मन बदलेगा। वह सिर्फ एक कलाकार हैं और हर किसी को मौका मिलना चाहिए।” इस रामलीला में 500 से ज्यादा कलाकार हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें पूनम भी एक हैं। रावण का किरदार मशहूर एक्टर आर्य बब्बर निभाएंगे।
बीजेपी और VHP का गुस्सादिल्ली बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख और लव-कुश रामलीला कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण शंकर कपूर ने आयोजकों को पत्र लिखकर पूनम पांडे को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि पूनम की जगह किसी और कलाकार को मौका देना चाहिए। दूसरी ओर, VHP की दिल्ली इकाई के प्रांत सचिव सुरेंद्र गुप्ता ने भी पूनम के चयन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पूनम पांडे की विवादित छवि और सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरों-वीडियोज के कारण वह धार्मिक किरदार निभाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
साधु-संतों ने भी ठोकी ताललव-कुश रामलीला अपनी भव्यता और आधुनिक प्रस्तुति के लिए देश भर में मशहूर है। हर साल इसमें हजारों दर्शक, खासकर युवा, शामिल होते हैं। लेकिन पूनम पांडे के चयन ने न सिर्फ आम लोगों बल्कि साधु-संतों को भी नाराज कर दिया है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है।
पूनम पांडे का जवाबपूनम पांडे ने सोशल मीडिया पर लव-कुश रामलीला कमेटी का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि मंदोदरी का किरदार निभाना उनके लिए सम्मान की बात है। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद भी कमेटी अपने फैसले पर अडिग है। अर्जुन कुमार ने कहा, “हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें अपने फैसले में कुछ गलत नहीं लगता।”
क्या होगा आगे?पूनम पांडे का मंदोदरी बनना अब दिल्ली की रामलीला का सबसे चर्चित मुद्दा बन गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कमेटी दबाव में फैसला बदलेगी या पूनम मंच पर मंदोदरी बनकर दर्शकों का दिल जीतेंगी। इस विवाद ने एक बार फिर सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों में कलाकारों के चयन पर सवाल उठा दिए हैं।
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