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क्या पीरियड्स की देरी है बीमारी का संकेत? जानें ये जरूरी बातें!

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महिलाओं के लिए पीरियड्स एक ऐसा सच है जो उनकी सेहत का आईना होता है। लेकिन क्या हो जब ये अपने तय समय पर न आए? ये सवाल हर उस महिला के मन में उठता है जो इस अनियमितता से गुजर रही है। ये सिर्फ एक छोटी परेशानी नहीं, बल्कि कई बार किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। डॉक्टरों की मानें तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, और इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। आइए, इस बारे में विस्तार से समझते हैं कि समय पर पीरियड्स न आना किन बीमारियों की ओर इशारा करता है।

हार्मोनल बदलाव: सबसे आम वजह

डॉक्टरों का कहना है कि पीरियड्स में देरी का सबसे बड़ा कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। हमारे शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन पीरियड्स को नियमित रखते हैं। लेकिन तनाव, नींद की कमी या गलत खानपान इन हार्मोन्स को बिगाड़ सकता है। अगर आपको लगातार ये दिक्कत हो रही है, तो ये थायराइड या पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) जैसी समस्याओं का लक्षण भी हो सकता है। ये दोनों ही ऐसी स्थितियां हैं जो बिना इलाज के गंभीर हो सकती हैं।

पीसीओएस: महिलाओं की छिपी दुश्मन

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस आजकल हर दस में से एक महिला को परेशान कर रहा है। इसमें ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। वजन बढ़ना, चेहरे पर अनचाहे बाल और मुंहासे इसके लक्षण हो सकते हैं। डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर आपके पीरियड्स महीनों तक नहीं आते, तो तुरंत जांच करवाएं। सही समय पर इलाज से इसे काबू में किया जा सकता है, वरना ये बांझपन जैसी बड़ी समस्या का कारण बन सकता है।

थायराइड का असर: चुपके से आने वाली परेशानी

थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर की कई गतिविधियों को नियंत्रित करती है, और इसका असर पीरियड्स पर भी पड़ता है। हाइपोथायराइडिज्म या हाइपरथायराइडिज्म में पीरियड्स या तो बहुत कम आते हैं या बिल्कुल बंद हो जाते हैं। थकान, बाल झड़ना और वजन में बदलाव इसके संकेत हो सकते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, एक साधारण ब्लड टेस्ट से इसकी पुष्टि हो सकती है और इलाज से ये ठीक भी हो सकता है।

गर्भावस्था और अन्य कारण

सबसे पहले जो ख्याल आता है, वो है गर्भावस्था। अगर आपकी उम्र और स्थिति इसके अनुकूल है, तो देरी इसका संकेत हो सकती है। लेकिन इसके अलावा वजन का बहुत कम होना, ज्यादा एक्सरसाइज या कोई दवा भी पीरियड्स को प्रभावित कर सकती है। डॉक्टर सुझाव देते हैं कि अगर ये समस्या बार-बार हो रही है, तो बिना देर किए विशेषज्ञ से सलाह लें।

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