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Voter Adhikar Yatra : राहुल-तेजस्वी की गाड़ी से पुलिसकर्मी को टक्कर, मचा हड़कंप!

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बिहार के नवादा जिले में मंगलवार को कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को ले जा रही गाड़ी ने यात्रा की सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी को टक्कर मार दी। यह घटना उस समय हुई जब यात्रा नवादा के भगत सिंह चौक पर पहुंची थी। हादसे ने सभी को चौंका दिया, लेकिन राहुल गांधी ने तुरंत गाड़ी रुकवाई और घायल पुलिसकर्मी को अपनी गाड़ी में बिठाकर उसकी मदद की।

क्या है वोटर अधिकार यात्रा?

‘वोटर अधिकार यात्रा’ 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और इसका मकसद बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ लोगों को जागरूक करना है। यह 16 दिन की यात्रा 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ खत्म होगी। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव इस यात्रा के जरिए बीजेपी और चुनाव आयोग पर मतदाताओं के अधिकारों को छीनने का आरोप लगा रहे हैं। राहुल ने नवादा में सभा को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव आयोग और बीजेपी मिलकर वोट चोरी कर रहे हैं। हम बिहार में एक भी वोट चोरी नहीं होने देंगे।”


हादसे ने खींचा ध्यान

नवादा में हुए इस हादसे ने यात्रा को सुर्खियों में ला दिया। जैसे ही गाड़ी ने पुलिसकर्मी को टक्कर मारी, वहां मौजूद अन्य सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे बचाया। राहुल गांधी ने मानवीयता दिखाते हुए पुलिसकर्मी को अपनी गाड़ी में बिठाया और उसकी हालत का जायजा लिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद लोग राहुल की तारीफ भी कर रहे हैं और हादसे पर सवाल भी उठा रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे यात्रा के आयोजन में लापरवाही बताया, तो कुछ ने इसे महज एक दुर्घटना करार दिया।

राजनीतिक बयानबाजी शुरू

इस हादसे के बाद बिहार की सियासत में हलचल मच गई। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को ‘पंक्चर टायर’ बताकर तंज कसा और कहा कि इसमें जनता का समर्थन नहीं है। वहीं, तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, “उन्होंने अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं दिया। जीवित लोगों को मृत घोषित कर उनके वोट छीने जा रहे हैं।” दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें सात दिनों के भीतर सबूत देने या माफी मांगने को कहा है।

यात्रा का मकसद और प्रभाव

यह यात्रा बिहार के 25 जिलों को कवर करेगी और इसका उद्देश्य दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। महागठबंधन के नेताओं का दावा है कि SIR प्रक्रिया के जरिए लाखों वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है। राहुल गांधी ने सासाराम में कहा, “गरीबों का एकमात्र हथियार उनका वोट है, और इसे छीना जा रहा है।” यात्रा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीआई(एमएल) के दीपांकर भट्टाचार्य और अन्य विपक्षी नेता भी शामिल हो रहे हैं, जिससे बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल गर्म हो गया है।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर

हादसे के अलावा, यात्रा के दौरान कुछ विवाद भी सामने आए। आरजेडी से निष्कासित नेता तेज प्रताप यादव ने आरोप लगाया कि औरंगाबाद के नबीनगर में एक विधायक के ड्राइवर और पत्रकार के साथ मारपीट हुई। उन्होंने राहुल और तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा, “यह लोकतंत्र बचाने की यात्रा है या इसे तोड़ने की?” दूसरी ओर, महागठबंधन के नेताओं ने बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि वह मतदाताओं को डराने की कोशिश कर रही है। बिहार की जनता अब इस यात्रा के अगले पड़ाव और इसके सियासी नतीजों पर नजर रखे हुए है।

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