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मोबाइल पर अकेले में देखते हैं एडल्ट कंटेंट? आपकी ये आदत बन सकती है सबसे बड़ा खतरा!

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आज के डिजिटल युग में इंटरनेट हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। मनोरंजन से लेकर जानकारी तक, सब कुछ एक क्लिक की दूरी पर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब आप इंटरनेट पर कुछ खास तरह का कंटेंट, जैसे कि प्रतिबंधित या संवेदनशील सामग्री देखते हैं, तो आपकी निजता पर कितना बड़ा खतरा मंडरा सकता है? भले ही आप अपने ब्राउजर के निजी मोड (प्राइवेट मोड) का इस्तेमाल करें, लेकिन आपकी गतिविधियां पूरी तरह छिपी नहीं रहतीं। आइए, इस लेख में जानते हैं कि कैसे आपकी ऑनलाइन गतिविधियां ट्रैक की जाती हैं और आप अपनी निजता को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

आपकी हर गतिविधि पर है नजर

जब आप अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, तो आपकी हर गतिविधि पर कई डिजिटल नजरें टिकी होती हैं। खास तौर पर, जब आप संवेदनशील या प्रतिबंधित सामग्री, जैसे कि वयस्क कंटेंट, देखते हैं, तो आपकी जानकारी कई स्तरों पर एकत्र की जा सकती है। आपके मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर से लेकर आपके फोन में मौजूद ऐप्स तक, हर कोई आपकी ऑनलाइन गतिविधियों को ट्रैक कर सकता है। ये ऐप्स आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री, सर्च पैटर्न और यहां तक कि आपके डिवाइस की लोकेशन तक को रिकॉर्ड कर सकते हैं। यह जानकारी न केवल आपके इंटरनेट उपयोग के पैटर्न को समझने के लिए इस्तेमाल होती है, बल्कि इसे विज्ञापन कंपनियों को बेचा भी जा सकता है।

सोशल मीडिया: आपकी निजता का छिपा दुश्मन

क्या आपने कभी गौर किया कि इंटरनेट पर आपके द्वारा देखे गए कंटेंट के आधार पर आपको उसी तरह के विज्ञापन दिखाई देने लगते हैं? यह कोई संयोग नहीं है। आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल और ऑनलाइन गतिविधियों को गहराई से विश्लेषण किया जाता है। अगर आप बार-बार किसी खास तरह का कंटेंट देखते हैं, तो एल्गोरिदम आपके व्यवहार को समझकर उसी तरह के विज्ञापन आपके सामने लाते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति बार-बार वयस्क सामग्री देखता है, तो उसे उसी से संबंधित विज्ञापन दिखाए जा सकते हैं। यह न केवल आपकी निजता का उल्लंघन है, बल्कि आपके डेटा का गलत इस्तेमाल होने का खतरा भी बढ़ाता है।

पेड सर्विसेज और डेटा चोरी का जोखिम

कई लोग संवेदनशील कंटेंट देखने के लिए पेड सर्विसेज का सहारा लेते हैं, यह सोचकर कि इससे उनकी गोपनीयता बनी रहेगी। लेकिन हकीकत इससे उलट है। जब आप ऐसी सर्विसेज के लिए भुगतान करते हैं, तो आपकी बैंक डिटेल्स, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी तुरंत एकत्र कर ली जाती है। हैकर्स या स्कैमर्स इस जानकारी का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। कई बार तो ऐसी वेबसाइट्स फर्जी होती हैं, जो आपकी वित्तीय जानकारी चुराने के लिए ही बनाई जाती हैं। इससे न केवल आपका पैसा खतरे में पड़ सकता है, बल्कि आपकी व्यक्तिगत जानकारी भी गलत हाथों में जा सकती है।

मैलवेयर और साइबर अपराध का खतरा

इंटरनेट पर संवेदनशील सामग्री देखने या डाउनलोड करने का एक और बड़ा खतरा है मैलवेयर। ऐसी वेबसाइट्स या लिंक्स के जरिए आपके डिवाइस में वायरस या मैलवेयर डाला जा सकता है। यह मैलवेयर आपके फोन की जासूसी कर सकता है, आपके निजी डेटा, जैसे कि फोटो, वीडियो या चैट्स, को चुरा सकता है। कई बार साइबर अपराधी इस डेटा का इस्तेमाल आपको ब्लैकमेल करने के लिए भी करते हैं। ऐसे में आपकी निजता और सुरक्षा दोनों ही खतरे में पड़ सकती हैं।

अपनी निजता को कैसे करें सुरक्षित?

इंटरनेट की दुनिया में अपनी निजता को सुरक्षित रखना आज के समय में एक चुनौती है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर आप इस जोखिम को कम कर सकते हैं। सबसे पहले, हमेशा विश्वसनीय और सुरक्षित वेबसाइट्स का ही इस्तेमाल करें। अपने डिवाइस में एक अच्छा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें, जो मैलवेयर और वायरस से सुरक्षा प्रदान करे। इसके अलावा, वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल करके अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को छिपा सकते हैं। पासवर्ड को मजबूत और नियमित रूप से बदलते रहें। साथ ही, सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सीमित रखें और अनजान लिंक्स पर क्लिक करने से बचें।

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