नई दिल्ली: GST 2.0 के लागू होने के बाद ब्यूटी और फिटनेस सर्विसेस के लिए बड़ी खबर सामने आई है। सरकार ने हाल ही में जीएसटी नियमों में बदलाव किए हैं, जिससे सैलून, जिम और वेलनेस सेंटर्स को चलाने वालों को राहत मिलने की उम्मीद है। ये बदलाव न केवल बिजनेस को आसान बनाएंगे, बल्कि ग्राहकों के लिए भी सेवाओं की कीमतों में कमी ला सकते हैं। आइए जानते हैं कि ये बदलाव क्या हैं और ये आपकी जेब पर कैसे असर डालेंगे।
जीएसटी दरों में कटौतीजीएसटी 2.0 के तहत ब्यूटी और फिटनेस से जुड़ी कई सेवाओं पर टैक्स की दरों को कम किया गया है। पहले जहां सैलून सर्विसेस, जैसे हेयरकट, हेयर कलरिंग और फेशियल पर 18% जीएसटी लगता था, अब इसे घटाकर 12% कर दिया गया है। इसी तरह, जिम मेंबरशिप और योगा क्लासेस पर भी टैक्स की दर को 18% से घटाकर 12% किया गया है। इसका सीधा फायदा ये होगा कि सैलून और जिम की सेवाएं अब पहले से सस्ती हो सकती हैं।
छोटे बिजनेस के लिए राहतजीएसटी 2.0 में छोटे ब्यूटी और फिटनेस सेंटर्स के लिए खास छूट दी गई है। जिन बिजनेस का सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये से कम है, उन्हें अब कम्पोजिशन स्कीम के तहत कम टैक्स देना होगा। साथ ही, इन बिजनेस को हर महीने टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी। इससे छोटे सैलून और जिम मालिकों को पेपरवर्क का बोझ कम होगा और वे अपने बिजनेस को बढ़ाने पर ध्यान दे सकेंगे।
ग्राहकों के लिए क्या है खास?इन बदलावों का असर सीधे तौर पर ग्राहकों की जेब पर भी पड़ेगा। टैक्स की दरें कम होने से सैलून और जिम की सेवाओं की कीमतें कम हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप हर महीने 2000 रुपये का हेयरकट या जिम मेंबरशिप लेते हैं, तो अब आपको 100-200 रुपये तक की बचत हो सकती है। साथ ही, सरकार ने स्पा और वेलनेस सेंटर्स के लिए कुछ खास प्रोडक्ट्स पर भी जीएसटी कम किया है, जिससे ये सेवाएं और किफायती हो सकती हैं।
बिजनेस मालिकों की रायदिल्ली के एक मशहूर सैलून चेन के मालिक रमेश शर्मा ने कहा, “जीएसटी 2.0 के ये बदलाव हमारे लिए गेम-चेंजर हैं। टैक्स कम होने से हम अपनी सेवाओं की कीमतें कम रख सकते हैं, जिससे ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी।” वहीं, मुंबई के एक जिम ट्रेनर ने बताया कि कम टैक्स और आसान नियमों की वजह से अब वे नए उपकरण खरीदने की योजना बना रहे हैं।
आगे क्या होगा?जीएसटी 2.0 के ये बदलाव ब्यूटी और फिटनेस इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल बिजनेस बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। हालांकि, कुछ लोग अभी भी चाहते हैं कि सरकार इन सेवाओं पर टैक्स को और कम करे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन्हें अफोर्ड कर सकें।
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