मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र में दो प्रेमी जोड़ों ने समाज की रूढ़ियों को चुनौती देते हुए एक नई मिसाल कायम की है। इन जोड़ों ने न केवल अपने दिल की बात सुनी, बल्कि धर्म और परंपराओं की सीमाओं को पार करते हुए आर्य समाज मंदिर में विवाह रचाया। दो युवतियों, जो पहले मुस्लिम समुदाय से थीं, ने अपने हिंदू प्रेमियों के साथ नया जीवन शुरू करने का फैसला किया। इस खास मौके पर उन्होंने न सिर्फ अपने जीवनसाथी को चुना, बल्कि अपनी मर्जी से हिंदू धर्म को भी अपनाया और अपने नाम भी बदल लिए। यह कहानी न केवल प्रेम की ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सच्चा प्यार हर बाधा को पार कर सकता है।
कटघर की रहने वाली स्वालेहीन ने अपने लंबे समय के प्रेमी अमित के साथ विवाह का फैसला किया। दोनों का रिश्ता कई सालों से चला आ रहा था, लेकिन परिजनों के विरोध के कारण यह जोड़ा अपने प्यार को खुलकर जाहिर नहीं कर पा रहा था। स्वालेहीन ने बताया कि उनके परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था, और उन्हें अपनी जान का खतरा भी महसूस हुआ। लेकिन प्यार की ताकत ने उन्हें हिम्मत दी, और उन्होंने आर्य समाज मंदिर में विधि-विधान से सात फेरे लिए। विवाह के बाद स्वालेहीन ने अपना नाम बदलकर शालिनी रख लिया। शालिनी ने कहा, "मैंने यह फैसला अपनी मर्जी से लिया। अमित मेरे लिए सब कुछ हैं, और मैं उनके साथ एक नया जीवन शुरू करना चाहती हूँ।" इस जोड़े ने समाज को यह संदेश दिया कि प्यार में विश्वास और आपसी समझ ही सबसे बड़ी ताकत है।
नीलम और गौरव: एक और प्रेम की मिसालदूसरी कहानी भोजपुर की नूर फातमा और गौरव की है। नूर फातमा ने भी अपने प्रेमी गौरव के साथ विवाह रचाया और अपना नाम बदलकर नीलम रख लिया। इस जोड़े ने भी आर्य समाज मंदिर में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह किया। नीलम ने बताया कि उनका और गौरव का रिश्ता कई सालों से था, लेकिन सामाजिक और पारिवारिक दबाव के कारण वे अपने प्यार को दुनिया के सामने नहीं ला पाए। नीलम ने कहा, "हमने किसी के दबाव में नहीं, बल्कि अपनी खुशी के लिए यह कदम उठाया। गौरव मेरे लिए मेरा परिवार हैं, और मैं उनके साथ एक नई शुरुआत करना चाहती हूँ।" इस जोड़े की कहानी भी प्रेम और साहस की एक मिसाल है, जो दूसरों को प्रेरित करती है।
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