बारामूला, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । मंत्री सकीना इटू ने बुधवार को कहा कि दूरदराज के इलाकों में डॉक्टरों की कमी एक विरासत की समस्या है न कि कोई हालिया विफलता जिसे रातो रात दूर किया जा सकता है।
संवाददाताओं से बात करते हुए सकीना इटू ने कहा कि डॉक्टरों की कमी विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि आप एक साल में चीज़ों के ठीक होने की उम्मीद नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जब छह साल तक न डॉक्टर थे, न चिकित्सा कर्मचारी और न ही उचित बुनियादी ढाँचा, इन समस्याओं के समाधान में समय लगता है।
उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में वर्तमान प्रशासन ने इस संकट से निपटने के लिए कदम उठाए हैं, खासकर स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन को मजबूत करके। उन्होंने कहा कि हमने दूरदराज और वंचित इलाकों में सेवा देने के लिए डिग्रीधारकों को 309 नियुक्ति आदेश जारी किए हैं। हाल ही में स्वास्थ्य सेवा वितरण में अंतर को और कम करने के लिए 111 और नियुक्तियाँ की गई हैं।
विशेषज्ञों की भर्ती के संबंध में मंत्री सकीना इटू ने बताया कि सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के माध्यम से सलाहकार स्तर की नियुक्तियाँ भी आगे बढ़ी हैं और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने के प्रयास जारी हैं।
उन्होंने स्वीकार किया कि बुनियादी ढाँचे में सुधार के बावजूद नए पदों का सृजन और उपकरण, चिकित्सा सहायकों व सहायक कर्मचारियों जैसी आवश्यक सुविधाओं का सृजन पिछड़ गया है। इमारतों का निर्माण तेज़ी से हुआ लेकिन उनमें बुनियादी चिकित्सा उपकरणों और मानव संसाधन का अभाव है। हमें अब इन प्रयासों को और मज़बूत करने की ज़रूरत है।
उन्होंने सभी हितधारकों से व्यवस्थागत सुधार के लिए मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य सेवा को मज़बूत करने के लिए हमें मीडिया, जनता और सभी विभागों के समर्थन की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि प्रशासन स्थायी बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
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