शिमला, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । पवित्र किन्नौर कैलाश यात्रा का शुभारंभ इस वर्ष 15 जुलाई से होगा और यह यात्रा 30 अगस्त 2025 तक आयोजित की जाएगी। इस वार्षिक धार्मिक यात्रा के सफल आयोजन को लेकर उपमंडलाधिकारी कल्पा अमित कल्थाईक की अध्यक्षता में रिकांगपिओ के सभागार में एक बैठक आयोजित की गई। इसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।
अमित कल्थाईक ने बताया कि इस वर्ष भी किन्नौर कैलाश यात्रा तांगलिंग गांव से ही आरंभ की जाएगी तथा पूर्वनी कंडे से यात्रा पर विचार मार्ग की अद्यतन स्थिति का जायजा लेने के उपरांत ही लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हर वर्ष की भांति यात्रियों को पंजीकरण पत्र व चिकित्सा प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य होगा तथा तांगलिंग गांव के मलिंग खट्टा में बेस कैंप स्थापित किया जाएगा जहां पर सभी यात्रियों को चिकित्सा जांच होने के उपरांत व 200 रुपए ग्रीन शुल्क के रूप में जमा करने पर ही यात्रा की अनुमति प्रदान की जाएगी। सभी यात्रियों को पंजीकरण पत्र, चिकित्सा प्रमाण पत्र व ग्रीन शुल्क जमा करवाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा ऑनलाइन यात्रा के लिए पोर्टल 11 जुलाई से आरंभ किया जाएगा तथा तंगलिंग गांव से 14 जुलाई से ऑफलाइन सेवा आरम्भ की जाएगी।
उन्होंने बताया कि वन विभाग के परिक्षेत्र अधिकारी मनमोहन सिंह को किन्नौर कैलाश यात्रा के दौरान आने-जाने वाले यात्रियों की रिपोर्टिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने पुलिस, वन, होमगार्ड व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने विभाग से तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों की सूची 11 जुलाई तक उन्हें उपलब्ध करवा दें तथा आपस में बेहतर समन्वय स्थापित कर यात्रा के सफल आयोजन में किसी प्रकार की कोताही न होने दें।
इसके अतिरिक्त उन्होंने एक त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन करने के भी निर्देश दिए ताकि किसी भी आपदा की स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। उन्होंने यात्रा के दौरान सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए ताकि यात्रा का सफल आयोजन हो सके। इसके लिए उन्होंने यात्रियों से भी आग्रह किया है कि पवित्र किन्नौर कैलाश यात्रा की पवित्रता को बनाए रखने में अपनी भूमिका का वहन जिम्मेदारी से करें।
अमित कल्थाईक ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा के दौरान हर प्रकार की चिकित्सा आवश्यकता को पूर्ण करें तथा यात्रा के अधिकतर स्थानों पर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाएं। उन्होंने स्थानीय पंचायतों के हितधारकों से आह्वान किया कि वे जिला प्रशासन का सहयोग करें ताकि यात्रा का सफल आयोजन सुगमता के साथ पूर्ण हो सके। इसके अलावा यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को अन्य मूलभूत सुविधाएं जैसे सार्वजनिक शौचालयों, सोलर लाईट, स्वच्छ पेयजल, विभिन्न पड़ावों, ऑक्सीजन सिलेंडर व मेडिकल सेवा की सुविधा संबंधित विभागों को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने बताया कि यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर गणेश पार्क में बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर व चिकित्सा अधिकारी उपलब्ध रहेंगे तथा पार्वती गुफा में पैरा मेडिकल दल व छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता रहेगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा यात्रा के सफल आयोजन व यात्रियों की सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं ताकि श्रद्धालु सफलतापूर्वक यात्रा कर किन्नौर कैलाश के दर्शन कर सकें।उन्होंने बताया कि ऑनलाइन फॉर्म व अधिक जानकारी के लिए यात्री hpkinnaur.nic.in की वेबसाईट पर जा कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
किन्नौर कैलाश हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित एक पवित्र स्थल है, जो समुद्र तल से लगभग 6,050 मीटर (19,850 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थल भगवान शिव का निवास माना जाता है और यहाँ स्थित शिवलिंगनुमा चट्टान (जिसे ‘किन्नौर कैलाश शिवलिंग’ कहा जाता है) का विशेष धार्मिक महत्व है। यह यात्रा अत्यंत दुर्गम मानी जाती है और मानसिक तथा शारीरिक रूप से तैयार श्रद्धालु ही इस कठिन चढ़ाई को पूरा कर पाते हैं।
(Udaipur Kiran) शुक्ला
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