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इतिहास के पन्नों में 20 जुलाईः नहीं रहे 'चंदा मामा दूर' , पहुंच गए नील आर्मस्ट्रांग

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देश-दुनिया के इतिहास में 20 जुलाई की तारीख खास घटना के साथ दर्ज है। यह वही तारीख थी जब नील आर्मस्ट्रांग के रूप में किसी इनसान ने पहली बार चंद्रमा की सतह पर कदम रखा। 56 साल पहले चांद पर पहुंचना, उसे करीब से देखना जैसी बहुत सी बातें लोगों को असंभव लगती थी, 20 जुलाई, 1969 को नील आर्मस्ट्रांग ने इसे संभव कर दिखाया था।

16 जुलाई को अमेरिका के फ्लोरिडा प्रांत में स्थित जॉन एफ कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ा नासा का अंतरिक्ष यान अपोलो-11 चार दिन का सफर पूरा करके उन्हें लेकर धरती के प्राकृतिक उपग्रह चांद पर लेकर पहुंचा। यह यान 21 घंटे 31 मिनट तक चंद्रमा की सतह पर रहा। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील ने वहां मून वॉक भी किया। उनके चांद पर उतरने के बाद एक अन्य अंतरिक्ष यात्री एडविन एल्ड्रिन भी चांद पर आ गए थे।

तब नील ने ऐतिहासिक घोषणा की थी, ”यह एक मनुष्य के लिए छोटा सा कदम है पर मनुष्यता के लिए बहुत बड़ी छलांग है। आज हम पूरी मानव सभ्यता की तरफ से चांद पर कदम रख रहे हैं।” नील ने चांद की सतह के बारे में कहा था कि वह बिल्कुल कोयले के चूरे जैसी है। जहां उनका यान उतरा वहां एक फुट गहरे गड्ढे भी हो गए। चांद का वह अनोखा नजारा नील के यान में लगे कैमरे में कैद हुआ था। उन्होंने सबसे पहले चांद की सतह की तस्वीरें लीं और फिर वहां की मिट्टी के नमूने भी एकत्रित किए। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने चांद पर उतरकर अमेरिकी झंडा भी लहराया।

नील और एल्ड्रिन ने करीब 2.5 घंटे चांद की जमीन पर बिताए। इस ऐतिहासिक दिन को करीब 3.5 करोड़ लोगों ने टीवी पर देखा और रेडियो पर सुना। नील ने चांद पर तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन के हस्ताक्षर वाली पट्टिका भी लगाई थी। उस पट्टिका पर लिखा था, यहां धरती से मनुष्य ने जुलाई 1969 में पहली बार कदम रखा था। नील एयरोस्पेस इंजीनियर, नौसेना अधिकारी, परीक्षण पायलट और प्रोफेसर थे।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1296: अलाउद्दीन खिलजी ने स्वयं को दिल्ली का सुल्तान घोषित किया।

1654: आंग्ल-पुर्तगाल संधि के तहत पुर्तगाल इंग्लैंड के अधीन हुआ।

1810: बोगोटा, न्यू ग्रेनेडा (अब कोलंबिया) के नागरिकों ने खुद को स्पेन से अलग कर स्वतंत्र घोषित किया।

1847: जर्मनी के खगोलशास्त्री थियोडोर ने धूमकेतु ब्रोरसेन-मेटकॉफ की खोज की।

1903: फोर्ड मोटर कंपनी ने अपनी पहली कार बाजार में उतारी।

1905ःबंगाल के पहले विभाजन को भारतीय सचिव ने मंजूरी दी।

1951: जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला प्रथम यरुशलम में हमले में मारे गए।

1956: फ्रांस ने ट्यूनीशिया को स्वतंत्र देश घोषित किया।

1960ः सीलोन (अब श्रीलंका) की सिरिमाओ भंडार नायके विश्व की प्रथम महिला राष्ट्रपति निर्वाचित।

1969: नील आर्मस्ट्रांग के रूप में मानव ने चंद्रमा की सतह पर पहला कदम रखा।

1989ः वर्मा की सेना समर्थित सरकार ने विपक्षी नेता आंग सांग सूकी को एक बार फिर उनके घर में कैद कर दिया।

1997: तीस्ता नदी जल बंटवारे पर भारत-बांग्लादेश में समझौता।

2002: उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच विमान सेवा की शुरुआत।

2007: पाकिस्तान के शीर्ष न्यायालय ने बर्खास्त मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की पद पर दोबारा बहाली का फैसला सुनाया।

2008ः तत्कालीन अमेरिकी विदेशमंत्री कोंडलिजा राइस ने भारतीय अमेरिकी डॉक्टर जयंत पाटिल के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी।

2017: रामनाथ कोविन्द भारत के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित।

जन्म

1811ः लॉर्ड कैनिंग के बाद लंदन से भारत के वायसराय बनकर आने वाले लॉर्ड एलगिन (प्रथम)।

1820ः महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता गणेश वासुदेव जोशी।

1920ः जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम मोहम्मद शाह।

1929ः सदाबहार अभिनेता राजेंद्र कुमार।

1950ः अभिनेता नसीरुद्दीन शाह।

1989ः माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय दिव्यांग महिला अरुणिमा सिन्हा।

निधन

1920ः रामकृष्ण परमहंस की जीवन संगिनी शारदा देवी।

1965ः भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त।

1982ः महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित ब्रिटिश सैन्‍य अधिकारी की पुत्री मीरा बेन।

1996ः भारत की प्रथम महिला न्यायाधीश अन्ना चांडी।

2016ः बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के मुख्य पैरोकार हाशिम अंसारी।

2019ः केरल की पूर्व राज्यपाल एवं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित।

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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