रूसी सर्जनों की सोसाइटी ने पहली बार भारत से सर्जनों को किया था आमंत्रित
Prayagraj, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . Uttar Pradesh में Prayagraj जनपद के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रसिद्ध लैप्रोस्कोपिक सर्जन और सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रोबाल नियोगी ने एक बार फिर जिले ही नहीं बल्कि देश का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है. डाक्टर नियोगी को बीते दिनाें रूस की राजधानी मॅास्काे में आयाेजित रूसी सर्जनों की सोसाइटी में भारत के उच्चस्तरीय शल्य चिकित्सक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप मेंआमंत्रित किया गया था. यह जानकारी sunday को मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ संतोष सिंह ने sunday काे दी.
मीडिया प्रभारी डॉ संतोष ने बताया कि मॉस्को में आयोजित 16वें कांग्रेस ऑफ रशियन सर्जन्स का आयाेजन 12 से 23 अक्टूबर 2025 तक किया गया था. इसमें प्रोफेसर डॉ. प्रोबाल नियोगीने उच्चस्तरीय शल्य चिकित्सक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप मेंभाग लिया. कार्यक्रम में उन्हें भारत
की ओर से व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया था. यह पहली बार है जब रूस ने किसी Indian सर्जनों को अपने वार्षिक सम्मेलन में आमंत्रित किया है. एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय मामलों के संयोजक डॉ. नियोगी के साथ इस प्रतिनिधिमंडल में वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. प्रवीण सुर्यवंशी (Maharashtra) भी शामिल थे.
इस दाैरान Indian प्रतिनिधिमंडल को मॉस्को के 1800 बेड वाले बॉटकिन मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च एंड क्लिनिकल सेंटर का दौरा भी कराया गया, जहां उन्होंने ट्रॉमा सर्जरी, कैंसर केयर और अन्य विशेष शाखाओं के निदेशकों से विचार-विमर्श किया.
मॉस्को में आयोजित कांग्रेस ऑफ़ रशियन सर्जन्स सम्मेलन में शामिल हाेने वाले डॉ. प्रोबाल नियोगी ने अपने बयान में कहा कि “यह मेरे लिए अत्यंत गर्व और भावनात्मक क्षण था कि मैं Prayagraj और भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रूस जैसे बड़े देश में Indian सर्जनों की उपलब्धियों को साझा कर सका.उन्हाेंने बताया कि भारत में शल्य चिकित्सा का अनुभव और दक्षता विश्व स्तर पर सराही जा रही है. यह सहयोग आने वाले समय में दोनों देशों के बीच चिकित्सा अनुसंधान, प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीक के आदान-प्रदान का नया अध्याय खोलेगा.”
एमओयू के जरिए दोनों देशों में होगा शल्य चिकित्सा का आदान-प्रदान
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ संतोष सिंह ने बताया कि सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के बीच शल्य चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक एमओयू का प्रारूप तैयार किया गया. इस दाैरान रूसी सर्जनों की सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो. अलेक्सी वासिलीविच शाबुनिन ने कहा कि “Indian सर्जनों का गोली और युद्ध संबंधी चोटों के उपचार में अनुभव बेहद महत्वपूर्ण है. यह हमारे रक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों के लिए उपयोगी होगा.” उन्हाेंने बताया कि यह एमओयू दिसंबर 2025 में कोलकाता में होने वाले एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा.
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल





