जालौन, 06 जुलाई (Udaipur Kiran) । उरई शहर में मोहर्रम की दसवीं पर शिया समुदाय ने कदीमी अलम का जुलूस निकाला, जो मोहल्ला अथाई स्थित कर्रार हुसैन के इमामबाड़े से शुरू हुआ। इस अवसर पर मौलाना ने कहा कि कर्बला की जंग आतंकवाद के खिलाफ पहली जंग थी, जिसमें हजरत इमाम हुसैन ने यजीद की फौज के सामने सिर नहीं झुकाया और अपने 72 साथियों के साथ शहीद हो गए। उनका बलिदान इंसानियत और सच्चाई का प्रतीक है।
बता दें कि रविवार को यह जुलूस मोहल्ला अथाई से शुरू होकर मोहल्ला बल्लभ नगर स्थित आतिशबाज मिट्ठूलाल के मैदान पर पहुंचा। जहां छूरी, जंजीर, ब्लेड और कमा से मातम शुरू हुआ। बजरिया रोड पर या हुसैन और या अब्बास की सदाएं गूंजीं। मातमी जुलूस मोहल्ला मोहनपुरा स्थित बारगाहे बाबुल मुराद और हाजी डॉक्टर जरगाम अली के आवास पर पहुंचा, जहां अंतिम मातम हुआ। मौलाना अकबर अली नजफी और मौलाना गुलफाम हुसैन समेत कई धार्मिक नेताओं ने आयोजन की अगुवाई की। कार्यक्रम शांति और श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुआ, जिसमें शहर भर से बड़ी संख्या में अकीदतमंद जुलूस में शामिल हुए।
—————
(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
You may also like
सरकारी दफ्तर में 'बाबू' को सिगरेट पीते हुए धुएं के छल्ले उड़ाना पड़ा महंगा, CM हेमंत के निर्देश पर सस्पेंड
केरल के अनोखे शाकाहारी मगरमच्छ बाबिया का निधन
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री: भक्तों के बीच लोकप्रियता और संपत्ति पर चर्चा
छात्रा की मजेदार उत्तर पुस्तिका ने सोशल मीडिया पर मचाई धूम
कानपुर में शिक्षक की शर्मनाक हरकत: छात्रा के साथ अश्लीलता और रेप की कोशिश