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उप्र में खान-पान की चीजों में मानव अपशिष्ट मिलाना हाेगा संज्ञेय अपराध, शीघ्र आएगा कठोर कानून : मुख्यमंत्री याेगी

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-खाद्य पदार्थों की पवित्रता सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यवस्था के बारे में उपभोक्ताओं में विश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है कठोर कानून : याेगी

– हर उपभोक्ता को अधिकार हो कि वह खाद्य एवं पेय पदार्थों के विक्रेता तथा सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रख सके : याेगी

– पहचान छुपा कर खान-पान की वस्तुओं एवं पेय पदार्थ में मानव अपशिष्ट, अखाद्य, गंदी चीजों की मिलावट में रोकने के लिए शीघ्र आएगा नया कानून : मुख्यमंत्री याेगी

– कानून के उल्लंघन पर कारावास और अर्थदंड का होगा प्रावधान

लखनऊ, 15 अक्टूबर . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में हाल के दिनों में घटित जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट, अखाद्य व गंदी चीजों की मिलावट की घटनाओं पर स्थायी रोक लगाने के लिए प्रस्तावित नए कानून पर विमर्श किया. मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में प्रमुख दिशा-निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट, अखाद्य व गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं. ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं. यह सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं. ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किये जा सकते.

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य पदार्थों की पवित्रता सुनिश्चित करने तथा सार्वजनिक व्यवस्था के बारे में उपभोक्ताओं में विश्वास बनाए रखने की महत्ता के दृष्टिगत कठोर कानून बनाया जाना आवश्यक है. होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, स्ट्रीट वेंडर से जुड़ी इन गतिविधियों के संबंध में सुस्पष्ट कानून तैयार करें. कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कारावास और अर्थदंड की सजा सुनिश्चित होनी चाहिए. ऐसे अपराध को संज्ञेय और अजमानतीय मानते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि अपनी पहचान छुपा कर असामाजिक तत्वों को खान-पान की वस्तुओं एवं पेय पदार्थ में मानव अपशिष्ट, अखाद्य, गंदी चीजों की मिलावट में रोकने की एक भी गतिविधि न हो, इसे कानून के माध्यम से सुनिश्चित करना होगा. ऐसी असामाजिक गतिविधियों पर कड़ाई से लगाम लगाया जाना चाहिए.

योगी ने कहा कि हर उपभोक्ता को यह अधिकार हो कि वह खाद्य एवं पेय पदार्थों के विक्रेता तथा सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रख सके. इसके लिए विक्रेता द्वारा प्रतिष्ठान पर साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य हो. खाद्य प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी कार्मिकों को पहचान पत्र धारण करना अनिवार्य हो. छद्म नाम रखने, गलत जानकारी देने वालों के विरुद्ध कठोरतम सजा का प्रावधान होना चाहिए.

उन्हाेंने कहा कि प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि उसके प्रतिष्ठान में कोई भी भोजन दूषित न हो. खाद्य प्रतिष्ठानों के रसोईघर एवं भोजन कक्ष में सतत निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य हो, जिसकी न्यूनतम एक माह की फुटेज जिला प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर हर समय उपलब्ध कराई जाए. रसोईघर में भोजन पकाते समय और भोजन प्रतिष्ठान में उसे परोसते समय सिर ढकना, मास्क पहनना और दस्ताने पहनना अनिवार्य होना चाहिए. खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों का विवरण सम्बंधित थाने को उपलब्ध कराया जाना चाहिए.

उन्हाेंने कहा कि यदि किसी खाद्य प्रतिष्ठान में किसी कार्मिक के घुसपैठिया अथवा अवैध विदेशी नागरिक होने की पुष्टि होती है तो इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. कानून में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान किया जाए.

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/ मोहित वर्मा

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