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वाराणसी में गंगा उफान पर: घाटों का टूटा संपर्क, गंगा आरती स्थल बदला

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—श्रद्धालुओं की बढ़ी परेशानी, प्रशासन सतर्क, जल पुलिस व एनडीआरएफ तैनात

वाराणसी, 08 जुलाई (Udaipur Kiran) । धर्म नगरी काशी में मां गंगा की लहरें एक बार फिर उफान पर हैं। दो दिनों तक स्थिर रहने के बाद मंगलवार रात से जलस्तर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार रात 8 बजे वाराणसी में गंगा का जलस्तर 63.34 मीटर रिकॉर्ड किया गया। चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.26 मीटर से अभी दूर है, लेकिन निचले घाटों की सीढ़ियां पहले ही जलमग्न हो चुकी हैं और पानी अब ऊपरी हिस्सों की ओर बढ़ रहा है।

गंगा की तेज़ी से बढ़ती लहरों ने दशाश्वमेध घाट की विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती को भी प्रभावित किया है। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि सुरक्षा कारणों से आरती स्थल को 10 फीट पीछे स्थानांतरित किया गया है। इस वर्ष यह पहली बार है जब गंगा आरती का स्थान बदला गया है। बावजूद इसके, भारी संख्या में श्रद्धालु मां गंगा की संध्या आरती में शामिल हुए। गंगा सेवा निधि के वालंटियर, पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहे।

जलस्तर बढ़ने से घाटों के बीच आपसी संपर्क टूट गया है। श्रद्धालुओं को अब जलमग्न सीढ़ियों और तटीय रास्तों से होकर घाटों तक पहुंचना पड़ रहा है। हरिश्चंद्र घाट पर स्थिति और भी गंभीर हो चुकी है—यहां बाढ़ का पानी श्मशान घाट तक पहुंच गया है, जिससे शवदाह की प्रक्रिया सीढ़ियों पर ही करनी पड़ रही है। मणिकर्णिका घाट पर भी शवयात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

मानमंदिर घाट, त्रिपुरा भैरवी घाट, भदैनी, निषादराज, मानमहल और ललिता घाट समेत कई घाटों का संपर्क मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो चुका है। शिवाला और गुलरिया घाट को जोड़ने वाली अंतिम सीढ़ी भी पानी में डूब गई है, जिससे दोनों घाटों के बीच आवागमन बंद हो गया है। घाटों की सीढ़ियों पर स्थित मंदिर और शिवलिंग अब पूरी तरह गंगा की लहरों में समा चुके हैं।

प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। छोटी नावों के संचालन पर रोक लगा दी गई है और श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से सख्त मना किया गया है। नाविकों ने भी अपनी नावों को सुरक्षित स्थानों पर बांध दिया है। प्रशासनिक अधिकारी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं और जलस्तर में और वृद्धि की आशंका को देखते हुए घाटों पर अनाउंसमेंट सिस्टम के ज़रिए सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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