रांची, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । रांची विश्वविद्यालय का 66वां स्थापना दिवस शनिवार को धूमधाम से मनाया गया।
बेसिक साइंस परिसर स्थित आर्यभट्ट सभागार में आयोजित स्थामपना दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ पीएफए विभाग के छात्रों की ओर से प्रस्तुत राष्ट्रगान और कुलगीत से किया गया।
कुलपति रांची विश्विविद्यालय डॉ डीके सिंह, कुलसचिव डॉ जीसी साहु, डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहु, एफए अजोय कुमार, प्रोक्टर सह निदेशक सीवीएस डॉ मुकुंद चंद्र मेहता ने द्वीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम में डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू ने कुलपति, सभी वरीय पदाधिकारियों, कर्मचारियों और छात्रों का स्वागत किया। इस अवसर पर पीएफए विभाग की छात्राओं ने कत्थक नृत्य के तराना शैली में शिव वंदना की मनमोहक प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि उत्तराखंड से आकर मुझे झारखंड में रांची विश्वविद्यालय में कार्य करने का अवसर मिला है। मैं स्वयं को यहां पाकर बहुत सम्मानित महसूस करता हूं। यहां के शिक्षक और कर्मचारी बहुत ही समर्पित और जिम्मेवार हैं। हमें रांची विश्वविद्यालय के लिये और भी बहुत कुछ नया करना है। हमें राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुसार विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाना है, तभी राष्ट्र की भी सेवा संभव होगी। उन्होंने कहा कि वे विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुसार लेकर आगे बढ़ेंगे। शिक्षकों की कमी को दूर करना हमारी प्राथमिकता है, हमें एनइपी 2020 को लक्षित कर काम करना चाहिये।
पूर्ववर्ती छात्रों का एक अल्युम्नी ग्रुप हो
उन्होंने कहा कि हमें रीसर्च और इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार शिक्षा देना होगा। पूर्ववर्ती छात्रों का एक अल्युम्नी ग्रुप होना चाहिये, जो बड़े जगहों पर हैं और उनकी मदद लेकर उद्योगों में रोजगारपरक आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करना चाहिये। इससे हम सिर्फ डिग्री ही नहीं बल्कि प्लेरसमेंट भी दे सकेंगे। कुलपति ने कहा कि एक्सपर्ट्स को बुलाने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग की आवश्यकता है। ताकि हमारे प्राध्यापक स्वयं को और अनुभवी बना सकें। उन्होंने कहा कि मैने बहुत जगहों पर कार्य किया है, पर देखा कि रांची विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, शिक्षक और कर्मचारी बहुत ज्यादा जिम्मेदारीपूर्वक अपना कार्य करते हैं।
कार्यक्रम में मंच संचालन डिप्टी डायरेक्टर सीवीएस डॉ स्मृति सिंह ने किया।
इस आयोजन में रांची विश्वविद्यालय के सभी वरीय पदाधिकारी, विभागों के निदेशक, हेड, संकायाध्यक्ष सहित सैकड़ों छात्र उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
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