मुंबई, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत तभी व्यापार समझौते करेगा जब वे देश के राष्ट्रीय हितों के अनुरूप होंगे।
पीयूष गोयल शनिवार को मुंबई में एसोचैम द्वारा आयोजित ‘विकसित भारत की दिशा में वैश्विक प्रभाव का सृजन’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंनेे कहा कि यदि भारत को एक अच्छा व्यापार समझौता मिलता है, तो हम आगे बढ़ेंगे। यदि नहीं, तो हम नहीं करेंगे। भारत हमेशा देश के हित को सर्वोपरि रखता है।
गोयल ने कहा, हमें लक्ष्य, मार्गदर्शन और मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता है। बड़ी हों या छोटी, फर्मों को एक साथ बढ़ना चाहिए। उन्होंने व्यवसायों से एक-दूसरे का समर्थन करने और स्थानीय के लिए मुखर होने का आह्वान किया।
गोयल ने वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अनुसंधान, नवाचार, गुणवत्ता और मापनीयता को बढ़ावा देने में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा। गोयल ने कहा, सरकार तभी कोई कदम उठा पाएगी जब उद्योग जगत के दिग्गज अपनी चिंताओं से अवगत कराएंगे।
गोयल ने कहा कि भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) 1 अक्टूबर से लागू होगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल 10 मार्च को हस्ताक्षरित यह समझौता भारत की व्यापार कूटनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस समझौते के तहत, भारत को अगले 15 वर्षों में ईएफटीए ब्लॉक से 100 अरब डॉलर का प्रतिबद्ध निवेश प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अनुमानों के अनुसार, इस निवेश से भारत में दस लाख प्रत्यक्ष रोजग़ार सृजित होने की उम्मीद है।
इस कार्यक्रम में डीएससीआई के सीईओ विनायक गोडसे, किंड्रिल की कॉर्पोरेट मामलों की वैश्विक प्रमुख ऊना पुल्लिज़ी, किंड्रिल इंडिया के अध्यक्ष लिंगराजू सावकर, उद्योग जगत के दिग्गज और युवा शिक्षार्थी शामिल हुए।
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(Udaipur Kiran) यादव
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