गोरखपुर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . अखिल Indian विद्यार्थी परिषद, गोरक्ष प्रांत स्टूडेंट फॉर डेवलेपमेंट (एसएफडी) द्वारा नेशनल एनवायरमेंट यूथ पार्लियामेंट का आयोजन मंगलवार को गोरखपुर के एनेक्सी भवन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ तमकुहीराज के विधायक डॉ० असीम कुमार, अभाविप गोरक्ष प्रांत के प्रांत मंत्री शमयंक राय, प्रांत एस.एफ.डी की प्रमुख डॉ० स्मृति मल्ल और प्रांत एस.एफ.डी संयोजक आलोक गुप्ता ने मां शारदे और स्वामी विवेकानंद के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया.
अभाविप द्वारा पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण पर मंथन करने हेतु आयोजित यूथ पार्लियामेंट को संचालित करने हेतु विभिन्न पदों के प्रतीकात्मक प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी दी गई, जिसमें सदन के पहले सत्र में की अध्यक्षता सु अलका सिंह, प्रधानमंत्री अखिल मणि त्रिपाठी तो वहीं विशाल पांडेय को नेता प्रतिपक्ष, नूर को पर्यावरण के लिए वित्त व बजट मंत्री और अब्दुला ने भूत पूर्व कृषि मंत्री के दायित्व की जिम्मेदारी संभाली. वहीं दूसरे सत्र हेतु सदन की अध्यक्षता सु नूर फातिमा ने, सदन के प्रतिपक्ष के नेता का पद सु राशि विश्वास ने संभाला. इसके अतिरिक्त कई अन्य युवाओं ने विभिन्न विभागों और राज्यों के प्रतिनिधियों के रूप में पर्यावरणीय विषयों पर प्रभावशाली तर्क प्रस्तुत किए.
अखिल Indian विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित नेशनल एनवायरमेंट यूथ पार्लियामेंट में युवा प्रतिनिधियों ने पर्यावरणीय मुद्दों पर गंभीर विमर्श किया. सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के युवाओं के बीच तीखी बहस देखने को मिली, जिसने संसद जैसी जीवंतता और लोकतांत्रिक परिपक्वता को दर्शाया. गंगा स्वच्छता अभियान को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को कटघरे में खड़ा किया. विपक्ष के नेता राहुल पांडेय ने आरोप लगाते हुए कहा कि “सत्ता पक्ष केवल गंगा को साफ करने के नाम पर जुमलेबाज़ी करता रहा है, जबकि ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं दिख रहा.”
इसके जवाब में सत्ता पक्ष के मंत्री नितेश सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा, “हमारी सरकार प्रयासरत है, लेकिन पिछले 60 वर्षों में अधिकांश समय विपक्ष की ही सरकार रही है. अगर उस दौरान गंगा की सफाई को लेकर संजीदगी दिखाई गई होती, तो आज हालात बेहतर होते.
इसके अलावा विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर शहरी क्षेत्रों में बढ़ता स्मॉग और उससे लोगों पर हो रहे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे तीखे सवाल कर सत्ता पक्ष को घेरना चाहा तो वहीं सत्ता पक्ष ने जनता के हित में संचालित हो रहे उसके नीतियों को गिनाने का काम किया. वहीं सदन के पहले सत्र में अध्यक्ष की भूमिका निभा रहीं अलका सिंह ने गरिमा बनाए रखने के लिए सख्त रुख अपनाया. कार्यवाही के दौरान असंसदीय व्यवहार दिखाने पर उन्होंने सांसद कृष्ण नंद जायसवाल, आनंद यादव समेत कुछ अन्य सदस्यों को सदन से कुछ समय के लिए बाहर किए जाने का निर्देश दिया.
यूथ पार्लियामेंट के अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक डॉ० असीम कुमार ने कहा कि आज वाल्मीकि जयंती है, एक ऐसा दिन जो समाज को नैतिकता, ज्ञान और प्रकृति से जुड़ने की प्रेरणा देता है. ऐसे पावन अवसर पर अखिल Indian विद्यार्थी परिषद SFD द्वारा युवाओं को यह मंच देना, जहाँ वे पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण जैसे ज्वलंत विषयों पर विचार रख सकें, वास्तव में अत्यंत प्रशंसनीय है. यह कार्य वही संगठन कर सकता है जो राष्ट्र निर्माण की भावना से प्रेरित हो, और वह है- विद्यार्थी परिषद. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन युवाओं को केवल विचार रखने का अवसर ही नहीं देते, बल्कि उन्हें लोकतंत्र और नीति निर्माण की प्रक्रिया को समझने का वास्तविक अनुभव भी कराते हैं.
अभाविप गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय ने कहा कि हवा, जल, अग्नि, पशु और मनुष्य- ये सभी तत्व हमारे जीवन के आधार हैं और इनका संतुलन ही प्रकृति का सौंदर्य है. अखिल Indian विद्यार्थी परिषद एकमात्र ऐसा छात्र संगठन है जो निरंतर विद्यार्थियों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और संरक्षण की भावना को जागृत कर रहा है. परिषद का उद्देश्य केवल शैक्षणिक जागरूकता नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को भी विद्यार्थियों के चरित्र का हिस्सा बनाना है. परिषद देशभर में ऐसे मंचों के माध्यम से युवाओं को जागरूक कर रही है, जहाँ वे प्रकृति, पर्यावरण और सतत विकास जैसे गंभीर विषयों पर न केवल विचार रखते हैं, बल्कि समाधान की दिशा में पहल भी करते हैं. यह प्रयास केवल आज के लिए नहीं, आने वाली पीढ़ियों के लिए है— ताकि हम एक ऐसा भारत बना सकें, जहाँ विकास और पर्यावरण साथ-साथ चलें, और जहाँ प्रकृति को केवल उपयोग की वस्तु नहीं, बल्कि पूज्य तत्व माना जाए.
प्रांत SFD संयोजक आलोक गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थी परिषद का मानना है कि प्रकृति का संरक्षण किसी सरकारी आदेश से नहीं, बल्कि जन-जागरण और संस्कारों के माध्यम से ही संभव है — और यह जागरण हमारे युवाओं से ही शुरू होता है. जब छात्र जागरूक होंगे, तो समाज भी सजग होगा, और तब एक सतत, सुरक्षित और समृद्ध भारत का निर्माण संभव होगा.
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय