नई दिल्ली, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । महाराष्ट्र के औरंगाबाद (संभाजीनगर) में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से औरंगाबाद इंडस्ट्रियल सिटी (ऑरिक) में 20,000 वर्ग फुट क्षेत्र में एक नया कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस संबंध में अगले सप्ताह समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने छत्रपति संभाजीनगर के दौरे के दौरान इस पहल की जानकारी दी।
इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में औद्योगिक बुनियादी ढांचे और स्टार्टअप विकास की प्रगति की समीक्षा की। सचिव ने ऑरिक को नवाचार और उच्च मूल्य निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) केंद्रों और वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) में निवेश आकर्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया। दौरे के दौरान आयोजित उद्योग संवाद सत्र में सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, सीएमआईए और मासिया जैसे प्रमुख उद्योग संगठनों ने हिस्सा लिया और क्षेत्र की जरूरतों व सुझावों को प्रस्तुत किया।
हितधारकों ने औरंगाबाद-हैदराबाद-चेन्नई के बीच बेहतर संपर्क, मरम्मत और रखरखाव (एमआरओ) सुविधा, वंदे भारत टर्मिनल का निर्माण, बिडकिन में बेहतर लॉजिस्टिक्स पहुंच, जालना और वालुज के बीच लोकल ट्रेन सेवा, म्हाडा के माध्यम से किफायती आवास और समर्पित रासायनिक क्षेत्र के विकास जैसी सिफारिशें कीं। इसके अलावा, एमएसएमई के लिए भूमि आरक्षण को 10% से बढ़ाकर 40% करने, स्टार्टअप्स के लिए 10% भूमि आरक्षित करने और ऑरिक में सॉफ्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कौशल विकास को मजबूत करने की भी मांग की गई।
सचिव का दौरा मराठवाडा एक्सेलरेटर फॉर ग्रोथ एंड इनक्यूबेशन काउंसिल (मैजिक) से शुरू हुआ, जहां उन्होंने नवोदित उद्यमियों, स्टार्टअप संस्थापकों और इनक्यूबेटरों से संवाद किया। उन्होंने उनकी नवाचार क्षमता की सराहना की और बताया कि सरकार टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए स्टार्टअप इंडिया, फंड ऑफ फंड्स जैसी योजनाओं के माध्यम से विशेष समर्थन दे रही है।
इसके बाद सचिव ने बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने जेएसडब्ल्यू ग्रीन-टेक लिमिटेड, टोयोटा किर्लोस्कर और जल शोधन संयंत्र जैसे बुनियादी ढांचे की प्रगति की समीक्षा की। इसके बाद वे शेंद्रा औद्योगिक क्षेत्र पहुंचे और वहां एनएलएमके इंडिया, ह्योसंग टीएंडडी प्राइवेट लिमिटेड और कोटॉल फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया। उन्होंने इन इकाइयों द्वारा उच्च मूल्य निर्माण और रोजगार सृजन में दिए जा रहे योगदान की सराहना की, जो ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण को साकार करने में सहायक है।
उन्होंने ऑरिक स्मार्ट सिटी के जल शोधन संयंत्र, एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी), अत्याधुनिक ऑरिक हॉल और शेंद्रा के 3डी सिटी मॉडल का भी निरीक्षण किया। ऑरिक स्मार्ट सिटी दो चरणों में विकसित की जा रही है, जिसमें कुल 10,000 एकड़ (करीब 4,000 हेक्टेयर) क्षेत्र शामिल है। इसमें 60% भूमि उद्योगों के लिए तथा शेष 40% भूमि वाणिज्यिक, आवासीय, शैक्षणिक और स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं के लिए आरक्षित है।
शेंद्रा और बिडकिन क्षेत्रों में जल आपूर्ति, बिजली, सीवरेज प्रणाली और हाई-स्पीड इंटरनेट जैसे बुनियादी ढांचे पहले ही विकसित किए जा चुके हैं। यहां भूमिगत वितरण व्यवस्था से सभी औद्योगिक भूखंडों तक सुविधाएं पहुंच रही हैं। पानी की 42% मांग उपचारित अपशिष्ट जल से पूरी की जाती है। शहर में आधुनिक एससीएडीए प्रणाली, सीसीटीवी निगरानी, वायु गुणवत्ता सेंसर और ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम भी लगाए गए हैं। साथ ही, ई-भूमि प्रबंधन प्रणाली के जरिए औद्योगिक भूमि आवंटन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। ऑरिक का अपना बिजली वितरण लाइसेंस भी है, जिससे निवेशकों को सस्ती दरों पर बिजली मिल रही है।
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(Udaipur Kiran) / prashant shekhar
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