बीकानेर, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । बीकानेर विकास प्राधिकरण (बीडीए) की ओर से मास्टर डवलपमेंट प्लान-2043 का प्रारूप बुधवार को जारी हुआ। बीकानेर विकास प्राधिकरण अधिनियम 2025 की धारा 21 और धारा 23 की उपधारा (1) के तहत मास्टर विकास योजना प्रारूप 2043 का प्रकाशन किया गया है। आमजन और विभिन्न विभाग अगले तीस दिनों में इस पर अपने सुझाव अथवा आपत्तियां दे सकेंगे। इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जिला कलेक्टर एवं बीडीए अध्यक्ष नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर, बीकानेर विकास प्राधिकरण आयुक्त अपर्णा गुप्ता, जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल, बीकानेर विकास प्राधिकरण उपायुक्त कुणाल राहड़, निदेशक (वित्त) नरेश राजपुरोहित, निदेशक (आयोजना) पुनीत शर्मा, उप नगर नियोजक गरिमा चारण, सहायक नगर नियोजक अर्पित मोदी, अर्बन प्लानर आकाश कर्णावत सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि नगरीय क्षेत्र के विकास को ध्यान रखते हुए राज्य सरकार द्वारा नगर विकास न्यास को क्रमोन्नत कर 15 दिसम्बर 2024 को बीकानेर विकास प्राधिकरण का गठन किया गया था। बीकानेर रीजन के विकास को देखते हुए कुल 185 राजस्व गांवों तथा बीकानेर, नापासर एवं देशनोक नगरीय क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुए बीकानेर डवलपमेंट प्राधिकरण बीकानेर रीजन बनाया गया।
रीजन में शामिल 185 ग्रामों के अनुसार मास्टर प्लान को नवीनीकृत किए जाने का निर्णय लिया गया था। इसके मद्देनजर नगर विकास न्यास क्षेत्र के लिए तैयार किए गए प्रारूप मास्टर प्लान की निरंतरता में बीकानेर विकास प्राधिरण अधिनियम 2025 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बीकानेर रीजन का मास्टर डवलपमेंट प्लान का प्रारूप वर्ष 2043 के हिसाब से तैयार किया गया है।
जिला कलक्टर ने बताया कि प्रारूप मास्टर प्लान को जीआईएस प्लेटफार्म में तैयार किया गया है, जिसमे समस्त 188 गांवों अथवा नगरीय क्षेत्रों का राजस्व मानचित्र/मौका स्थिति को अद्यतन किया गया है। यह जानकारी प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाई गई है, जिससे कि आम जन को अपनी भूमि के भू-उपयोग की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके।
उन्होंने बताया कि नवीन मास्टर प्लान में शहर की आवासीय जरूरतों को ध्यान रखते हुए पूर्व दिशा के साथ पश्चिम दिशा में भी लगभग नाल तक आवासीय भू-उपयोग अन्य आवश्यक जन उपयोगी सुविधाओं के साथ नियोजित रूप से प्रस्तावित किया गया है। शहर में औद्योगिक विकास की संभावनाओं के मद्देनजर शहर के उत्तर तथा पश्चिम भाग में एयरपोर्ट, रेलवे लाइन, राज्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप नवीन औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित किया गया है। नापासर औद्योगिक क्षेत्र के साथ भी लॉजिस्टिक हब तथा वेयरहाउस गोदाम आदि प्रस्तावित किए गए हैं। बीकानेर विकास प्राधिकरण आयुक्त अपर्णा गुप्ता ने बतायाकि प्राधिकरण द्वारा 188 गांवों अथवा नगरीय क्षेत्रों के सुनियोजित विकास को दृष्टिगत रखते हुए विद्यमान सड़कों/राजस्व रास्ता का मार्गाधिकार प्रस्तावित कर, ग्रामीण विस्तार एवं हाईवे डेवलपमेंट कंट्रोल एरिया के लिए समय-समय पर जारी आदेशों कि अनुरूप नियोजित विकास की दृष्टि से भू-उपयोग प्रस्तावित किए गए हंै जिससे इन क्षेत्रों में 90ए/भू-रूपांतरण प्रस्तावित उपयोग अनुसार आसानी से किया जा सके।
गुप्ता ने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने एवं आमजन को रोजगार उपलब्ध करवाने की संभावना को देखते हुए पेमासर रोड एवं जयपुर रोड के मध्य लगभग 700 हेक्टेयर क्षेत्रफल में टूरिस्ट सुविधा हेतु भू-उपयोग प्रस्तावित किया गया है। शहर की व्यावसायिक गतिविधियों के अनुसार वल्लभ गार्डन एवं अन्य क्षेत्र में व्यावसायिक भू-उपयोग के साथ, आवश्यकता अनुसार सड़क मार्गाधिकार को 24 मीटर प्रस्तावित किया गया है जिससे भविष्य में नियोजित व्यावसायिक गतिविधियां संचालित किए जाने के साथ साथ ट्रैफिक व्यवस्था भी सुचारू की जा सके। उन्होंने बताया कि 27 अगस्त से 25 सितम्बर 2025 (30 दिवस) तक आमजन से प्राप्त आपत्तियों और सुझावों पर विचार उपरांत मास्टर प्लान (प्रारूप) 2043 को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि आमजन की सहभागिता से इस योजना के माध्यम से बीकानेर रीजन का सर्वांगीण एवं सुनियाजित विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
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