अयोध्या, 5 मई . बजरंगबली की शीर्ष पीठ सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी मंदिर में हरिद्वारी पट्टी चांदनी चाैक के बाबा तुलसीदास महाराज काे संताें ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी. जाे हनुमानगढ़ी की हरिद्वारी पट्टी से थे और आसन के महंत रहे. साेमवार काे हनुमत संस्कृत महाविद्यालय हनुमानगढ़ी में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन गया. सभा में हनुमानगढ़ी चाराें पट्टी के नागातीताें ने साकेतवासी महंत तुलसीदास महाराज के चित्रपट पर श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया. साथ ही उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला.
इस माैके पर हनुमानगढ़ी हरिद्वारी पट्टी चांदनी चौक के महंत नागा माेहन दास ने बताया कि साकेतवासी महंत अप्रतिम प्रतिभा के धनी संत थे. जाे गाै एवं संत सेवी रहे. उनके अंदर संतत्व के सारे गुण थे. वह व्यवहार कुशल रहे. सरलता ताे उनमें देखते ही झलकती थी. रामनगरी के सभी संत-महंत उनका आदरपूर्वक सम्मान करते थे. उन्होंने सेवा काे ही अपना धर्म माना. आजीवन सेवा ही परमाेधर्मा के मार्ग पर चलते रहे. वह कई सेवा प्रकल्पों से जुड़े रहे. अपने शिष्य-अनुयायियाें काे भी सेवा का पाठ पढ़ाया. सेवा धर्म के लिए प्रेरित भी किया. इस अवसर पर वृहद भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में संताें ने प्रसाद ग्रहण किया. अंत में पहलवान राजेश एवं मंगल पधारे हुए संत-महंताें का स्वागत-सत्कार कर भेंट, विदाई दिया. इस अवसर पर निर्वाणी अनी के श्रीमहंत मुरली दास, धर्मसम्राट श्रीमहंत ज्ञानदास महाराज के उत्तराधिकारी एवं संकटमोचन सेना अध्यक्ष संजय दास, श्रीमहंत धर्मदास, हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन श्रीमहंत प्रेमदास महाराज के प्रधान शिष्य और हनुमत संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. महेश दास, हनुमानगढ़ी के सरपंच महंत रामकुमार दास, पहलवान राजेश दास, महंत रामकृष्ण दास, महंत बलराम दास, आचार्य सत्यदेव दास, हेमंत दास, नागा नंदराम दास, माेहित दास, मंगल दास, पहलवान मनीराम दास, उपेंद्र दास, स्वामी देवेश दास, पूर्व पार्षद पुजारी रमेश दास, कल्लू दास समेत हनुमानगढ़ी चाराें पट्टी के समस्त नागातीत माैजूद रहे.
/ पवन पाण्डेय
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