नई दिल्ली, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने शनिवार को कहा कि वर्ष 2040 में कोई भारतीय चंद्रमा की सतह से विकसित भारत 2047 की घोषणा करेगा। वो घोषणा पूरे ब्रह्मांड में भारत की विश्व पटल पर मजबूती की पुष्टि करेगा। भारत मंडपम में आयोजित राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम केवल रॉकेट और उपग्रहों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह लोगों को सशक्त बनाने, जीवन को बेहतर बनाने और एक उज्ज्वल भविष्य गढ़ने का माध्यम भी बन रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस इस बात की याद दिलाता है कि अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियां बहुत विशाल है। विज्ञान, नवाचार और जनकल्याण मिलकर राष्ट्र का भविष्य निर्मित कर कर रहे हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने गगनयान मिशन की तैयारियों का उल्लेख करते हुए बताया कि चार वायुसेना अधिकारी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, ग्रुप कैप्टन प्रसन्नथ बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप इस ऐतिहासिक मिशन के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में शासन में स्पेस टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग का आह्वान किया था और 2015 में इसके लिए स्पष्ट दृष्टि तैयार की गई थी। दस वर्षों बाद, सरकारी संस्थानों और निजी क्षेत्र दोनों की क्षमताओं में व्यापक वृद्धि हुई है। 300 से अधिक इंटरैक्शन और 90 से ज्यादा दस्तावेजों के आधार पर तैयार 15 वर्षीय रोडमैप में 100 से अधिक उपग्रहों का प्रक्षेपण शामिल है, जिनमें से 70 प्रतिशत छोटे उपग्रह होंगे। इनमें सरकारी तकनीकी मिशनों के साथ-साथ निजी क्षेत्र द्वारा संचालित परिचालन मिशन भी शामिल होंगे।
यह रोडमैप भारत की अंतरिक्ष यात्रा को 2040 और आगे तक दिशा देगा तथा विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए खाद्य और जल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, पर्यावरणीय सततता और समावेशी विकास में योगदान करेगा।
कार्यक्रम में डॉ. सिंह ने भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन 2025 और आईएसआरओ रोबोटिक्स चैलेंज – यूआरएससी 2025 के विजेताओं को भी सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों को न केवल व्यावहारिक अनुभव प्रदान करते हैं, बल्कि भारत की दीर्घकालिक अंतरग्रहीय खोज क्षमता को भी मजबूती देते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 2025 की शुरुआत नाविक के सफल प्रक्षेपण से हुई है और इसी वर्ष मानव-रोबोट मिशन वायुमित्र भी प्रक्षेपित किया जाएगा। 2027 में भारत गगनयान मिशन के तहत पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान का प्रयास करेगा। इसके बाद 2028 में चंद्रमित्र, फिर चंद्रयान-4, शुक्र ग्रह मिशन, और 2035 तक भारत अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना है। भारत का लक्ष्य 2040 तक चंद्रमा पर मानव को स्थापित करना है। कार्यक्रम में गगनयान मिशन के चारों अंतरिक्ष यात्री भी उपस्थित रहे और इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम तथा आगामी मिशनों की जानकारी दी।
—————
(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
You may also like
केरल कांग्रेस में घमासान, वरिष्ठ नेता ने मांगा अपनी ही पार्टी के विधायक से इस्तीफा
अगर आपकी कार पानी में गिर जाए तो कैसे बचाएं अपनी जान?ˈ जानिए वो जरूरी कदम जो हर ड्राइवर और यात्री को पता होने चाहिए
भारत के इन रहस्यमयी शहरों में आज भी होता है तंत्र-मंत्र औरˈ काला जादू जानिए कौन-कौन सी जगहें हैं सबसे खतरनाक
वॉर 2 की कमाई: सैयारा से पीछे रह गई ऋतिक की फिल्म
घर में घुस जाए सांप तो घबराएं नहीं रसोई में रखी इसˈ 1 चीज का करें छिड़काव तुरंत भाग जाएगा सांप