अंबिकापुर, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर ने आज बुधवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में परसा कोल ब्लॉक खनन परियोजना से प्रभावित ग्राम साल्ही, घाटबर्रा, फतेहपुर, हरिहरपुर, जनार्दनपुर और तारा के ग्रामीणों के साथ बैठक की. बैठक में विस्थापित ग्रामीणों ने परियोजना से जुड़े मुआवजा, रोजगार और पुनर्वास नीति के पालन को लेकर अपनी 12 सूत्रीय मांगें कलेक्टर के समक्ष रखीं.
ग्रामीणों ने बताया कि परसा कोल ब्लॉक का भूमि अधिग्रहण कोयला धारक क्षेत्र अधिनियम, 1957 के तहत किया गया है, जबकि समीपवर्ती पी.ई.के.बी. कोल ब्लॉक का अधिग्रहण भूमि अधिग्रहण कानून-2013 के अंतर्गत हुआ. दोनों परियोजनाएं Rajasthan विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आबंटित हैं, लेकिन मुआवजा दरों में स्पष्ट अंतर है. पीईकेबी कोल ब्लॉक में प्रति एकड़ 23,82,923 रुपये का मुआवजा निर्धारित है, जबकि परसा कोल ब्लॉक में यह लगभग 12 लाख रुपये प्रति एकड़ है.
ग्रामीणों ने कलेक्टर से आग्रह किया कि दोनों परियोजनाओं में मुआवजा दर समान की जाए. इसके अलावा उन्होंने पुनर्वास नीति 2007 के अनुसार रोजगार, पेंशन, सीएसआर फंड से ग्राम विकास और प्रशासनिक संवेदनशीलता की भी मांग की.
विशेष मांगों में शामिल हैं परसा कोल ब्लॉक में सभी प्रकार की भूमि का मुआवजा कम से कम 23,82,923 रुपये प्रति एकड़ दिया जाए, पात्र परिवारों को रोजगार या 10 लाख रुपये एकमुश्त भुगतान, नियुक्त कर्मचारियों का प्रारंभिक वेतन 30,000 रुपये प्रति माह, 18 वर्ष पूर्ण कर चुके युवाओं को रोजगार का अवसर, वन अधिकार पत्र धारकों को समान मुआवजा एवं रोजगार, वृद्धजन को 2,000 रुपये मासिक पेंशन, घरजमाई को रोजगार का अवसर, और सीएसआर फंड से ग्राम विकास के कार्य केवल समिति की अनुशंसा पर किए जाएं.
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कई परिवारों को अब तक घर, बोर और अन्य परिसंपत्तियों का मुआवजा नहीं मिला है. जनार्दनपुर जैसे गांवों में आवास तोड़ दिए गए हैं, किंतु पुनर्वास का लाभ नहीं मिला. उन्होंने यह भी मांग की कि जिन्होंने मुआवजा प्राप्त कर लिया है, उन्हें ब्याज सहित 3 लाख रुपये प्रति एकड़ अतिरिक्त भुगतान किया जाए.
कलेक्टर विलास भोसकर ने ग्रामीणों की सभी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि प्रत्येक मांग का परीक्षण नियमानुसार किया जाएगा. उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उदयपुर और खनन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों की मांगों के अनुरूप तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन विस्थापित परिवारों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और सभी मांगों पर पारदर्शी एवं न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी.
बैठक में अपर कलेक्टर रामसिंह ठाकुर, एसडीएम बनसिंह नेताम, खनन अधिकारी, परियोजना प्रबंधन के प्रतिनिधि और प्रभावित ग्रामों के ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.
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(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह
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