उरई, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पुलिस अधीक्षक जालौन दुर्गेश कुमार के नेतृत्व में साइबर थाना और सर्विलांस टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने विभिन्न बैटिंग वेबसाइटों पर ऑनलाइन जुआ खिलाकर और बैंक लोन के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले एक संगठित गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में चार अभियुक्तों को मोबाइल फोन, सिम कार्ड, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, पासबुक, चेकबुक और नकदी के साथ गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि, मामले की शुरुआत 08 सितम्बर 2025 को हुई, जब उरई निवासी सत्येंद्र प्रताप सिंह ने साइबर थाना उरई में एक शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि कुछ अभियुक्तों ने उन्हें बैंक से लोन दिलाने का झांसा देकर उनके बैंक खाते खोले और उनकी जानकारी के बिना ही उन खातों का इस्तेमाल फ्रॉड की धनराशि के लेन-देन के लिए किया।
इस शिकायत पर साइबर थाना उरई में मुकदमा दर्ज किया गया। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस अधीक्षक जालौन के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने त्वरित विवेचना शुरू की। टीम ने गहन खोजबीन और तकनीकी विश्लेषण के बाद अभियुक्तों का पता लगाया। 09 सितम्बर को, थाना उरई और सर्विलांस टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इशलासपुरा के पास चुखीं बाईपास मार्ग पर एक पुलिया के नजदीक से चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।
आरोपियों के पास से 6 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, 20 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, विभिन्न बैंकों की 02 पासबुक और 9,000 रुपये नकद बरामद किए गए हैं। पुलिस ने 4 अभियुक्तों में साहिल कुमार उर्फ सोनू पांचाल (22 वर्ष), पुत्र बूजमोहन, उमरार खेड़ा, सोहिल मन्सूरी उर्फ नसीम अहमद (21 वर्ष), पुत्र गफ्फार अहमद, उमरार खेड़ा, नौसाद (49 वर्ष), पुत्र मोहर खान, बिजोली, पुष्पेंद्र सिंह उर्फ छोटू (23 वर्ष), पुत्र मान सिंह, उमरार खेड़ा को हिरासत में लिया है।
पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि वे Lotus.com और Mahadev.com जैसी वेबसाइटों पर ऑनलाइन बैटिंग (जुआ) करवाते थे। जो लोग इन वेबसाइटों पर जुआ खेलने में रुचि रखते थे, वे व्हाट्सएप पर सम्पर्क करते थे। गैंग दूसरे लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल करके उनमें पैसे मंगवाता था और उन्हीं खातों के जरिए गेम में पैसे डालता था। इस तरह वे अपने असली पहचान छुपाकर फ्रॉड करते थे।
पुलिस द्वारा एनसीआरपी पोर्टल पर जांच की गई तो पता चला कि इन अभियुक्तों द्वारा इस्तेमाल किए गए बैंक खातों के खिलाफ उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों में 36 ऑनलाइन शिकायतें दर्ज हैं।
पुलिस अब अभियुक्तों के अपराधिक इतिहास की जानकारी आसपास के थानों और सीमावर्ती जिलों एवं राज्यों से ले रही है। सम्भावना जताई जा रही है कि यह गैंग और बड़े पैमाने पर साइबर ठगी में शामिल हो सकता है। पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी हुई है।
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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
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