राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को भारी बारिश से खराब हुई फसलों को लेकर तीव्र हंगामा हुआ। यह मामला जैसे ही सदन में उठाया गया, कांग्रेसी विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के चलते सदन में कामकाजी माहौल बिगड़ गया और विधानसभा की कार्यवाही को रोकना पड़ा।
मामला उस समय तूल पकड़ गया जब कांग्रेसी विधायक भारी बारिश के कारण प्रभावित हुई फसलों के मुद्दे पर अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए वेल में आ गए और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। इसके बाद, स्पीकर ने कांग्रेसी विधायकों से शांत रहने की अपील की, लेकिन वे अपनी नारेबाजी पर अडिग रहे। इसके चलते स्पीकर ने कार्यवाही स्थगित कर दी। बाद में, दोपहर 2 बजे कार्यवाही फिर से शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस विधायक अपनी मांगों को लेकर फिर से वेल में आ गए और नारेबाजी जारी रखी।
कांग्रेस पार्टी के विधायक लगातार राज्य सरकार से मांग कर रहे थे कि फसलों के नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए और किसानों की स्थिति को लेकर सरकार कोई ठोस कदम उठाए। उनका आरोप था कि राज्य सरकार इस गंभीर मुद्दे पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रही है और किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
स्पीकर ने कांग्रेसी विधायकों को कई बार शांत रहने की अपील की, लेकिन स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो गई, और अंततः सदन की कार्यवाही फिर से स्थगित करनी पड़ी। इस हंगामे से विधानसभा की कार्यवाही में विघ्न आ गया और सदन का समय बर्बाद हुआ।
राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन विपक्षी दलों ने फसलों के नुकसान पर सरकार को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि किसानों के हितों को अनदेखा किया जा रहा है और उन्हें राहत देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
इस बीच, विधानसभा में जारी इस हंगामे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब देखना यह है कि क्या सरकार इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करती है और किसानों को उचित राहत मिलती है, या यह विवाद और बढ़ता रहेगा।
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