उत्तर प्रदेश के कानपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की रिहाई ने राजनीतिक सुर्खियां बटोर ली हैं। करीब 34 महीने जेल में रहने के बाद मंगलवार देर रात ढाई बजे इरफान सोलंकी कानपुर पहुंचे। उनके घर पहुंचते ही समर्थकों ने आतिशबाजी और जोरदार नारेबाजी के साथ उनका भव्य स्वागत किया।
घर पर इरफान सोलंकी का स्वागत परिवार ने फूलों की बारिश और माला पहनाकर किया। इस दौरान उनकी पत्नी और मौजूदा विधायक नसीम सोलंकी भी मौजूद रहीं। समर्थकों ने उनके लिए विशेष उत्सव का आयोजन किया और इरफान सोलंकी के राजनीतिक भविष्य को लेकर उत्साह व्यक्त किया।
हालांकि, इरफान सोलंकी की रिहाई ने समाजवादी पार्टी में हलचल पैदा कर दी है। पार्टी के भीतर तनाव का कारण उनकी लगातार दो विधानसभा सीटों पर दावा करना बताया जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सोलंकी की वापसी सपा की रणनीति और क्षेत्रीय समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।
इरफान सोलंकी ने रिहाई के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वे इलाज के लिए दिल्ली जाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय होने की संभावना है।
स्थानीय सपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सोलंकी की रिहाई से पार्टी समर्थकों में उत्साह बढ़ा है और इसे चुनावी मोर्चे पर मजबूती के रूप में देखा जा रहा है। वहीं राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सोलंकी का दो सीटों पर दावा पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इससे मौजूदा समीकरणों में तनाव पैदा हो सकता है।
इस मौके पर समर्थकों ने कहा कि इरफान सोलंकी की रिहाई उनके संघर्ष और धैर्य का परिणाम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सोलंकी अब प्रदेश में अपनी सक्रिय राजनीतिक भूमिका निभाएंगे और पार्टी को मजबूती प्रदान करेंगे।
कुल मिलाकर, कानपुर में इरफान सोलंकी की रिहाई ने राजनीतिक और सामाजिक माहौल दोनों पर प्रभाव डाला है। उनके समर्थकों की उत्साहपूर्ण स्वागत ने यह साबित कर दिया कि सोलंकी का जनाधार अभी भी मजबूत है, जबकि सपा के लिए उनके भविष्य की भूमिका एक नई चुनौती और अवसर दोनों के रूप में उभर कर सामने आई है।