Banking Sector in India: भारत में बैंकों को जल्द ही एक राष्ट्रीय कॉलिंग नंबर मिलेगा। अब बैंकों को ऐसे नंबर मिलने जा रहे हैं, जिस पर ग्राहक बैंक को और बैंक ग्राहकों को कॉल कर सकेंगे। देश में बढ़ते फ्रॉड कॉल के मामलों को रोकने के लिए सरकार यह कदम उठाएगी। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो ग्राहक आसानी से पहचान सकेंगे कि कॉल फ्रॉड है या असली। फोन फ्रॉड के मामलों में काफी कमी आने की संभावना है। इससे लोगों के लिए बैंक को कॉल करना आसान हो जाएगा।
अब स्थिति क्या है?
वर्तमान में बैंक 1600xx सीरीज के कई आउटबाउंड नंबरों से ग्राहकों को कॉल करते हैं, लेकिन कई बार ग्राहक इन नंबरों पर कॉल बैक नहीं कर पाते हैं। ये नंबर केवल आउटगोइंग के लिए होते हैं, यानी इन नंबरों पर इनकमिंग कॉल की सुविधा नहीं होती है।
बैंकों ने प्रस्ताव दिया है कि हर बैंक को एक यूनिक नेशनल नंबर मिलना चाहिए जो 1600xx सीरीज का हो, लेकिन इसमें आउटगोइंग के साथ-साथ इनकमिंग कॉल की सुविधा भी होनी चाहिए। इस तरह ग्राहक बैंक से बात कर सकते हैं और बैंक ग्राहक से।
बताया जा रहा है कि बैंकों ने इस विषय पर भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण से बात की है। बैंकिंग सेक्टर को उम्मीद है कि जल्द ही कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा।
रिकवरी एजेंटों के बारे में चिंता
बैंकों ने लोन रिकवरी का मुद्दा भी उठाया है। यानी कुछ बैंक लोन रिकवरी का काम थर्ड पार्टी एजेंट को सौंप देते हैं। ऐसे में क्या इन एजेंट के लिए 1600xx सीरीज का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा? बैंकों ने आरबीआई और ट्राई से स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे हैं।
You may also like
मोहम्मद यूनुस ने किया बांग्लादेश का बेड़ा गर्क, अब ढाका की सड़कों पर उतरे हजारों मजदूर, जबरदस्त विरोध प्रदर्शन
स्कूल में दाख़िला और वो ख़्वाब: दिल्ली में एक रोहिंग्या बच्ची की कहानी
जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाने पर तख्तापलट की आशंका, जेल में बंद इमरान खान ने कसा तंज
यूपी बोर्ड: दो साल में स्क्रूटनी के 6637 आवेदन बढ़े
सिवान के युवक ने इंस्टाग्राम पर प्यार का झांसा दे छात्रा को किया अगवा, मोबाइल में मिली आपत्तिजनक