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Indian Military Academy : बिहार का सीना गर्व से चौड़ा, 6 सपूत बने लेफ्टिनेंट! गया OTA में दिखा जोश और जज्बे का नजारा.

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News India Live, Digital Desk: शनिवार की सुबह बिहार की गया धरती के लिए एक बहुत ही खास और गर्व का मौका लेकर आई. यहां ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) के ड्रिल स्क्वायर पर जब कदम से कदम मिलाकर युवा कैडेट्स चल रहे थे, तो हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था. मौका था पासिंग आउट परेड का, जिसके बाद भारतीय सेना को 207 नए, जांबाज और जोशीले अधिकारी मिल गए.यह सिर्फ एक परेड नहीं थी, बल्कि यह उन नौजवानों के कठिन परिश्रम, अनुशासन और देश सेवा के जज्बे का जश्न था.गर्व का पल: जब कंधों पर सजे सितारेपरेड का सबसे खूबसूरत और भावुक पल वो था, जब इन नए नवेले अफसरों के माता-पिता ने कांपते हुए और गर्व से भरे हाथों से उनके कंधों पर लेफ्टिनेंट के सितारे लगाए. अपने बच्चों को देश की सेवा के लिए अफसर बनते देखना, हर माता-पिता के लिए एक सपने के सच होने जैसा था. इस दौरान कई माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए.इस शानदार परेड के बाद भारतीय सेना के बेड़े में अब 207 और युवा अधिकारी शामिल हो गए हैं. इनमें 141 जेंटलमैन कैडेट्स और 66 स्पेशल कमीशन प्राप्त अधिकारी शामिल हैं.बिहार के 6 लाल भी बने सेना में अफसरयह मौका बिहार के लिए भी बेहद खास था, क्योंकि गया की धरती से देश को मिले इन 207 अफसरों में 6 बिहार के लाल भी शामिल हैं, जो अब लेफ्टिनेंट बनकर देश की सेवा करेंगे. इसके अलावा, हमारे मित्र देशों, वियतनाम और श्रीलंका के 8 कैडेट्स ने भी यहां से अपनी ट्रेनिंग पूरी की है.कोल्हापुर के ध्रुव ने जीता सबसे बड़ा सम्मानहर परेड में कुछ कैडेट्स अपने शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीत लेते हैं. इस बार परेड के असली हीरो रहे महाराष्ट्र के कोल्हापुर के रहने वाले ध्रुव कुलथे. उन्हें अकादमी के सबसे बड़े सम्मान 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' (Sword of Honour) से नवाजा गया.वहीं, हिमाचल प्रदेश के अभिषेक शर्मा ने जेंटलमैन कैडेट्स में गोल्ड मेडल हासिल किया, जबकि नायब सूबेदार दिनेश सिंह को स्पेशल कमीशन प्राप्त अधिकारियों में गोल्ड मेडल मिला.परेड की सलामी भारतीय सेना के उप-प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ली. उन्होंने सभी नए अधिकारियों को बधाई दी और उन्हें भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहने और पूरी ईमानदारी और बहादुरी के साथ देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया.ये 207 युवा अब भारतीय सेना की अलग-अलग रेजिमेंट और कोर का हिस्सा बनकर देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तैयार हैं.
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