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चीन के J-36 और J-50 फाइटर... छठीं पीढ़ी के जेट बनाने में ड्रैगन ने दी अमेरिका को मात? क्या कहते हैं एक्सपर्ट

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बीजिंग: अमेरिका के साथ अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की प्रतिस्पर्धा के बीच चीन ने छठीं पीढी के अपने जेट J-36 को दुनिया को दिखाया है। चीन ने कुछ समय पहले J-36 और J-50 जैसे विमानों के प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया है। वहीं अमेरिका F-47 लड़ाकू विमान बनाने पर काम कर रहा है। अमेरिका ने ये काम बोइंग को दिया है। दोनों देशों का लक्ष्य जल्दी से जल्दी छठीं पीढ़ी के जेट बनाना है। इसमें चीन ने आगे दिखने की कोशिश की है। हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि अभी चीन के छठीं पीढ़ी के जेट पूरी तरह तैयार नहीं है, वह अमेरिका पर दबाव के लिए इनका प्रदर्शन कर रहा है।साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपने नए लड़ाकू विमान का प्रोटोटाइप दिखाया। इससे पता चलता है कि चीन तेजी से अगली पीढ़ी के जेट बना रहा है। दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगली पीढ़ी का अमेरिकी F-47 लड़ाकू विमान कार्यक्रम रद्द नहीं होगा। ब्रिटेन, जापान और इटली मिलकर ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम बना रहे हैं। फ्रांस, जर्मनी और स्पेन फ्यूचर कॉम्बैट एयर सिस्टम पर काम कर रहे हैं। चीन के जेट पर दुनिया की नजरचीन से जारी किए गए पहले वीडियो में एक त्रिकोणीय आकार का विमान चेंगदू शहर के ऊपर उड़ता देखा गया। इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने बनाया है, जिसे J-36 नाम दिया गया है। दो इंजन वाला एक दूसरा विमान भी चीनी आसमान में दिखा है, जिसका नाम J-50 है। एक्सपर्ट ने बताया है कि इसमें डाइवर्टरलेस सुपरसोनिक इनलेट का इस्तेमाल हुआ है। इसमें तीन इंजन लगे हैं, दो पंखों के नीचे और एक कॉकपिट के पीछे है। लड़ाकू विमान को बनाने में करीब 20 साल लगते हैं। चीन के छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का विकास 2010 के दशक के अंत में शुरू हुआ था और पिछले साल, 2024 में इसका पहला परीक्षण उड़ान हुआ। ये दिखाता कि चीन का कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अभी भी इसमें कई चुनौतियां हैं। चीन का विमान अभी पूरी तरह तैयार नहीं!स्टिमसन सेंटर के रीइमेजिनिंग यूएस ग्रैंड स्ट्रैटेजी प्रोग्राम की सीनियर फेलो केली ग्रीको ने कहा कि पिछले साल J-36 की जो तस्वीरें सामने आई, उनमें लैंडिंग गियर नीचे था और नोज पर एक फ्लाइट डेटा प्रोब लगा है। ये दिखाता है कि यह शुरुआती परीक्षण चरण है। ग्रीको ने कहा कि चीन ने इन परीक्षण उड़ानों को सार्वजनिक करते हुए यह दिखाने की कोशिश है कि वह जेट बनाने में अमेरिका से आगे है।सियोल में कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर मिलिट्री अफेयर्स के सीनियर फेलो और चीनी हथियारों के विशेषज्ञ यून सुक-जून ने कहा कि चीन ने उम्मीद से पहले विमान का प्रदर्शन किया। छठी पीढ़ी के चीनी लड़ाकू विमान का पहला डिजाइन 2022 के अंत में दिखाया गया था। दो-तीन साल में इसे असली प्रोटोटाइप में बदलना मुश्किल कम समय है। अभी निश्चित रूप से इसमें काम बाकी है। चीन सबसे पहले चाहता है तैनातीऑस्ट्रेलियाई सामरिक नीति संस्थान के सीनियर एनालिस्ट मैल्कम डेविस ने कहा, 'नए जेट के वीडियो को जारी करने से पता चलता है कि चीन समझता है कि वह अमेरिका और दूसरे देशों के साथ दौड़ में है। मुझे लगता है कि चीन छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान को सबसे पहले तैनात करना चाहता है। इसलिए वे कार्यक्रम के विकास की गति को तेज कर रहे हैं।चीनी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, J-36 विमान लगभग 23 मीटर (75 फीट) लंबा है और इसका वजन 45,000 से 54,000 किलोग्राम (99,200-119,000 पाउंड) के बीच है। यह पांचवीं पीढ़ी के J-20 जैसे लड़ाकू विमानों से बहुत बड़ा और भारी जेट होने जा रहा है। वहीं J-20 का वजन 34,000 से 37,000 किलोग्राम के बीच है।
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