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न बाइक, कार और ट्रक...गुजरात में नदी पर बने इस पुल ने कर डाली 27 करोड़ की कमाई, सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा

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अहमदाबाद: गुजरात में पिछले दिनों पुल टूटने की घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा था, अब सोशल मीडिया पर गुजरात के ही एक पुल की खूब चर्चा हो रही है। इस अनूठे पुल से यूं तो कोई वाहन नहीं गुजरता है लेकिन फिर इस पुल ने तीन साल में 27.41 करोड़ रुपये की कमाई की है। सोशल मीडिया पर यह आंकड़ा सामने आने के बाद रोचक बहस छिड़ी हुई है। यह अनूठा पुल अहमदाबाद के बीचोबीच से गुजरने वाली साबरमती नदी पर बना है। साबरमती नदी पर यूं तो कई पुल बने हैं, उसने वाहनों की आवाजाही होती है लेकिन कमाई सिर्फ यही पुल कर रहा है। इतना ही नहीं इस अूनठे पुल ने तीन साल में अपनी कुल लागत की 37 फीसदी हिस्सा रिकवर कर लिया है। अगले एक साल में यह आंकड़ा 50 फीसदी होने की उम्मीद है। सोशल मीडिया पर इस पुल को लेकर बस छिड़ी हुई है।




साबरमती नदी पर यह है पुल

सोशल मीडिया पर छाए इस ब्रिज को अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने तैयार किया है। 27 अगस्त, 2027 को इस ब्रिज का शुभारंभ किया गया था। साबरमती रिवरफ्रंट पर बने इस ब्रिज का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यह ब्रिज सिर्फ पैदल लोगों को नदी के किनारे से दूरे किनारे जाने की सहूलियत देता है। पर्यटकों की दृष्टि से बनाया गया यह ब्रिज नगर निगम के लिए गेमचेंजर साबित हो रहा है बल्कि अहमदाबाद का नया लैंडमार्क बन गया है। इस ब्रिज की यात्रा अभी तक करीब 77.21 लाख लोग कर चुके हैं। तीनगुसाल में इन लोगों से ब्रिज को 24.71 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। नदी पर बने पुल के कमाई करने पर लोग आश्चर्य भी जता रहे हैं तो वहीं काफी यूजर्स सोशल मीडिया पर इस मॉडल को अच्छा भी बता रहे हैं।






PM मोदी ने दिया था आईडिया
अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) इस ब्रिज का निर्माण एक टूरिस्ट प्वाइंट ऑफ व्यू से किया था।शुरुआत में इस ब्रिज पर कोई टिकट नहीं था लेकिन पीएम मोदी के कहने पर गुजरात सरकार ने इस पर एक जाने के लिए एक शुल्क निर्धारित किया था। इस का खुलासा इसी साल पीएम मोदी ने खुद गुजरात दौरे में किया था। केवल पैदल यात्रियों के लिए बना यह पुल रिवरफ्रंट पर एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण बन गया है।




बड़ी संख्या में पहुंचते हैं लोग

यह साबरमती नदी पर बना है और पश्चिमी तट पर स्थित फूलों के बगीचे को पूर्वी तट पर बन रहे कला एवं संस्कृति केंद्र से जोड़ता है। इसका अनूठा डिज़ाइन अहमदाबाद के जीवंत पतंग उत्सव (उत्तरायण) से प्रेरित है। यह पुल प्रतिदिन सुबह 9:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है। आगंतुकों के लिए मामूली प्रवेश शुल्क लिया जाता है, जबकि 3 साल से कम उम्र के बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए प्रवेश निःशुल्क है। इसमें बैठने की जगह शामिल है, और यह नदी के दोनों किनारों पर बहु-स्तरीय कार पार्किंग सुविधाओं से जुड़ा हुआ है।
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