जबलपुरः मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। पनागर के प्राइवेट रेस कोर्स में हैदराबाद से आए 57 घोड़ों में 8 की मौत हो गई है। इनको पनागर के रैपुरा में रखा गया था। इन घोड़ों की मौत के बाद अनजान बीमारी की चिंता सता रही है। साथ ही पशु चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है। घोड़ों की मौत के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। जिला कलेक्टर ने इस संबंध में पुलिस को जांच के निर्देश दिये हैं। वहीं, वेटनरी डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन घोड़ों को पुनर्वास केन्द्र भेजने के संबंध में निर्णय लेगा।5 दिन के अंदर 8 घोड़ों की मौत से स्थानीय प्रशासन समेत पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा है। घोड़ों में ग्लैंडर्स बीमारी की संभावना के मद्देनजर सभी घोडे़ सहित उनके संपर्क में आने वाले 8 व्यक्तियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गये हैं। वेटनरी डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन घोड़ों को पुनर्वास केन्द्र भेजने के संबंध में निर्णय लेगा। हैदराबाद से आए रेसिंग घोड़े गौरतलब है कि हैदराबाद से 29 अप्रैल से 3 मई के बीच 57 विभिन्न नस्लों के घोड़े को जबलपुर लाकर पनागर के रैपुरा ग्राम में रखा गया था। घोड़ों की तबीयत खराब होने के कारण उनके केयरटेकर ने इस संबंध में पशुपालन एवं डेयरी विभाग को सूचित किया था। घोड़ों में ग्लैंडर्स बीमारी की सम्भावना तथा जूनोटिक रोगों की निगरानी व निदान के लिए नेशनल एक्शन प्लान के तहत रैपिड रिस्पांस टीम का गठन जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर किया गया था। 44 घोड़ों की रिपोर्ट आई निगेटिवबायोसेफ्टी सतर्कता के साथ सभी घोड़ों के ब्लड सीरम सैम्पल को जांच के लिए हरियाणा के हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र भेजा गया था। अनुसंधान केन्द्र से 44 घोडे की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।बाकी घोड़ों की रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। अभी तक उपचार के दौरान आठ घोडे़ की मौत हो गयी है। वहीं, पशु पालन तथा डेयरी विभाग की निगरानी में अन्य घोड़ों का उपचार जारी है। रहस्यमयी बीमारी की आशंकापशुपालन एवं डेयरी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ प्रफुल्ल मून ने बताया कि ग्लैंडर्स बीमारी की संभावना को देखते हुए घोड़ों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। साथ ही संपर्क के आये 8 व्यक्ति के ब्लड सीरम सेम्पल जांच के लिए हिसार अनुसंधान केन्द्र भेजे गए हैं। ग्लैंडर्स बीमारी की संभावना के कारण प्रोटोकॉल के अनुसार मृत घोड़ों का पोस्टमार्टम नहीं करवाया गया है। केयर टेकर संजय तिवारी ने घोडे़ के पासपोर्ट प्रस्तुत किये हैं। लाने के मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं मिलेहैदराबाद से जबलपुर लाने की मेडिकल स्वीकृति के दस्तावेज उनके द्वारा उपलब्ध नहीं करवाये गये हैं। घोड़ों को जबलपुर लाने के संबंध में उनके द्वारा विभाग को सूचित नहीं किया गया था। घोडे के बीमार होने पर केयर टेकर सचिन तिवारी ने इस संबंध में विभाग को सूचित किया।जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के बताया कि हैदराबाद से घोड़ों को लाने के लिए आवश्यक स्वीकृति दस्तावेज तथा बरती गयी लापरवाही की जांच के एसपी को निर्देशित किया गया है। ग्लैंडर्स बीमारी की संभावना के कारण घोड़ों को निगरानी में रखा गया है और उनका उपचार जारी है। वेटनरी डॉक्टरों की रिपोर्ट प्राप्त होने पर घोड़े को पुनर्वास केन्द्र भेजने के संबंध में प्रशासन निर्णय लेगा।
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