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कितनी शुगर का सेवन कर रहे हैं, नहीं,चीनी खाने का सही तरीका मायने रखता है, रिसर्च ने बताया

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हम सभी जानते हैं कि ज्यादा चीनी खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है। यह वजन बढ़ने, डायबिटीज, दिल की बीमारियों और यहां तक कि त्वचा की समस्याओं का भी कारण बन सकती है। लेकिन एक नई रिसर्च में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है – चीनी की मात्रा जितनी मायने रखती है, उससे कहीं ज़्यादा यह मायने रखता है कि आप चीनी को किस रूप में और कैसे खा रहे हैं।

रिसर्च के मुताबिक (Ref) क्या आप दिन भर में कई बार मीठे स्नैक्स खाते हैं? क्या आप सॉफ्ट ड्रिंक्स, मिठाइयों या प्रोसेस्ड फूड के ज़रिए चीनी का सेवन करते हैं? रिसर्च बताती है कि लिक्विड शुगर यानी पेय पदार्थों के रूप में ली गई चीनी शरीर पर सबसे बुरा असर डालती है, क्योंकि यह सीधे ब्लड शुगर को बढ़ाती है।

इसके विपरीत, जब आप फलों के रूप में नेचुरल शुगर लेते हैं तो उसमें फाइबर और पोषक तत्व भी होते हैं, जो नुकसान को कम करते हैं। यही वजह है कि अब डॉक्टर्स सिर्फ "कितनी शुगर" नहीं, बल्कि "किस रूप में" और "कितनी बार" आप चीनी खाते हैं – इस पर भी ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। (Photo Credit): canva


चीनी की मात्रा ही नहीं, उसका तरीका भी है ज़रूरी image

अब तक हम यही सुनते आए हैं कि चीनी कम खानी चाहिए, लेकिन नई रिसर्च बताती है कि इसका फॉर्म यानी कैसे और किस समय आप चीनी खाते हैं, उसका भी शरीर पर गहरा असर होता है। डॉ सुरेंद्र कुमार, एमबीबीएस, जनरल फिजिशियन, नई दिल्ली के मुताबिक दिन भर में कई बार मीठा खाना या लिक्विड फॉर्म में शुगर लेना मेटाबॉलिज्म पर दबाव डालता है और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।


लिक्विड शुगर – सबसे खतरनाक रूप image

कोल्ड ड्रिंक्स, पैक्ड फ्रूट जूस और एनर्जी ड्रिंक्स में पाई जाने वाली लिक्विड शुगर शरीर में बहुत तेजी से अब्ज़ॉर्ब होती है। इससे ब्लड शुगर स्तर अचानक बढ़ता है और इंसुलिन स्पाइक होता है, जो मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है। इससे भूख भी बार-बार लगती है, जिससे ओवरईटिंग होती है।


प्रोसेस्ड फूड में छिपी चीनी को कैसे पहचानें image

बाजार में मिलने वाले बिस्किट, ब्रेड, केचप, इंस्टेंट नूडल्स जैसे प्रोडक्ट्स में चीनी छिपी होती है। लेबल पढ़ते समय 'sucrose', 'fructose', 'glucose syrup', 'maltose' जैसे नामों को पहचानें। यह सब भी चीनी के ही रूप हैं। पैक्ड फूड लेते वक्त न्यूट्रिशन लेबल ज़रूर देखें ताकि अनजाने में भी ज्यादा शुगर न लें।


नेचुरल शुगर बनाम ऐडेड शुगर – क्या फर्क है image

फल और सूखे मेवे में मौजूद नेचुरल शुगर, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है जो शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती। इसके उलट, ऐडेड शुगर जैसे मिठाइयों, केक और कैंडी में सिर्फ खाली कैलोरी होती है जो शरीर में फैट बनकर जम जाती है। इसलिए मिठा खाने का स्रोत समझदारी से चुनें।


दिन में कितनी बार लेना चाहिए मीठा image

अगर आप मीठा खाने के शौकीन हैं, तो उसे सीमित मात्रा में और दिन में एक बार खाना बेहतर रहता है। बार-बार शुगर स्पाइक से शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता कमजोर होती है। अगर कभी खाएं भी, तो संतुलित भोजन के बाद लें ताकि उसका असर कम हो। मिठा खाने की आदत को धीरे-धीरे कम करें।


सेहतमंद विकल्प: मीठे की क्रेविंग को कैसे करें कंट्रोल image

अगर बार-बार मीठा खाने का मन करता है, तो उसकी जगह गुड़, शहद, खजूर या फलों को शामिल करें। ये नेचुरल स्वीटनर शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते और स्वाद भी देते हैं। साथ ही, जब भी मीठा खाने का मन हो तो पानी पीने की आदत डालें – इससे क्रेविंग कम होती है। धीरे-धीरे आपकी आदत सुधरने लगेगी।



डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है । यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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