जबलपुर: 'परमलोक धाम' नाम के पंजीयन के लिए लेडी क्लर्क ने रिश्वत की मांग कर डाली तो आवेदक शिव को यह उचित नहीं लगा। उन्होंने सीधे लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज करा दी। फिर क्या था रिश्वत की रकम हाथ में आते ही महिला कर्मचारी के हाथ रंग गए। लोकायुक्त ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी अनुसार जबलपुर लोकायुक्त ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं में कार्यरत महिला क्लर्क ने को लोकायुक्त टीम ने पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही की। महिला कर्मचारी ने पीडित से संस्था के रजिस्ट्रेशन के बदले रिश्वत की मांग कर रही थी।
लोकायुक्त एसपी अंजुलता पटले ने बताया कि कटनी जिले के ग्राम कौड़िया निवासी शिवप्रसाद कुशवाहा ने परमलोक धाम टाइटल से आश्रम सेवा समिति का रजिस्ट्रेशन कराने कार्यालय असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं जबलपुर संभाग में आवेदन किया था। रजिस्ट्रेशन के एवज में सहायक ग्रेड-2 प्रीति ठाकुर द्वारा उनसे 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी।
प्रीति ने जैसे ही रुपए हाथ में लिए, पकड़ी गई
लोकायुक्त एसपी के अनुसार सत्यापन में पीड़ित की शिकायत सही पाई गई थी। इसके बाद ट्रेप की योजना बनाई गई। आवेदक शिवप्रसाद कुशवाहा को रिश्वत की रकम लेकर कार्यालय भेजा था। महिला कर्मचारी ने जैसे ही रिश्वत की रकम ली, लोकायुक्त ने दबिश देकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी अनुसार जबलपुर लोकायुक्त ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं में कार्यरत महिला क्लर्क ने को लोकायुक्त टीम ने पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही की। महिला कर्मचारी ने पीडित से संस्था के रजिस्ट्रेशन के बदले रिश्वत की मांग कर रही थी।
लोकायुक्त एसपी अंजुलता पटले ने बताया कि कटनी जिले के ग्राम कौड़िया निवासी शिवप्रसाद कुशवाहा ने परमलोक धाम टाइटल से आश्रम सेवा समिति का रजिस्ट्रेशन कराने कार्यालय असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं जबलपुर संभाग में आवेदन किया था। रजिस्ट्रेशन के एवज में सहायक ग्रेड-2 प्रीति ठाकुर द्वारा उनसे 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी।
प्रीति ने जैसे ही रुपए हाथ में लिए, पकड़ी गई
लोकायुक्त एसपी के अनुसार सत्यापन में पीड़ित की शिकायत सही पाई गई थी। इसके बाद ट्रेप की योजना बनाई गई। आवेदक शिवप्रसाद कुशवाहा को रिश्वत की रकम लेकर कार्यालय भेजा था। महिला कर्मचारी ने जैसे ही रिश्वत की रकम ली, लोकायुक्त ने दबिश देकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
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