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India High Expenses: यूएई = 25 लाख, भारत = 57 लाख... क्या 'सस्ते' का टैग सिर्फ एक भ्रम? एक्सपर्ट ने चौंका दिया

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नई दिल्‍ली: फाइनेंशियल एडवाइजर अक्षत श्रीवास्तव ने भारत में अमीरों के लिए रहने के खर्च पर बहस छेड़ दी है। उनका कहना है कि टैक्स और लाइफस्टाइल की चाहतों को देखते हुए भारत अब सस्ता नहीं रहा। विजडम हैच के संस्‍थापक श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म 'एक्‍स' पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसमें यूएई में खरीदी गई टोयोटा RAV4 की तुलना भारत में उसी गाड़ी की कीमत से की। उन्होंने बताया कि यूएई में उन्हें यह गाड़ी 25.6 लाख रुपये में पड़ी। इसमें इंश्योरेंस और 3 साल का मेंटेनेंस भी शामिल था। भारत में उसी कार की कीमत 40 लाख होती। श्रीवास्तव का कहना है कि असली मार टैक्स से पड़ती है। 40 लाख रुपये कमाने के लिए पहले 30% टैक्स देना होगा। जबकि यूएई में कोई टैक्स नहीं है। इस तरह, भारत में गाड़ी की कुल कीमत 57.14 लाख हो जाएगी जो यूएई से दोगुनी है।



श्रीवास्तव ने इस बात की आलोचना की कि भारत को परचेजिंग पावर पैरिटी (पीपीपी) के कारण सस्ता देश माना जाता है। उनका कहना है कि पीपीपी डेटा इस बात को नहीं दिखाता। यह सिर्फ कुछ लोगों के लिए ही सस्ता है। अगर आप अच्छी चीजें चाहते हैं, जैसे अच्छा घर, अच्छी गाड़ी, बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और सुरक्षा तो आपको बहुत ज्यादा कीमत चुकानी होगी। भारत में हाई टैक्स और 'ग्लोबल स्टैंडर्ड लाइफस्टाइल' की चाहत के कारण अमीर लोग देश छोड़ रहे हैं।







अच्‍छी लाइफस्‍टाइल जीना बहुत महंगा

अक्षत श्रीवास्तव ने कहा कि सिर्फ गाड़ियां ही नहीं, बल्कि घर और बच्चों की शिक्षा भी महंगी है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले सालों में हेल्थकेयर भी महंगा हो जाएगा। भारत में रहने वाले बहुत से लोग ऐसा सोचते हैं कि यहां जरूरत की चीजें तो सस्ती हैं, लेकिन अच्छी लाइफस्टाइल जीना बहुत महंगा है।



भारत में पर्सनल इनकम टैक्स की दरें एशिया में सबसे ज्यादा हैं। सबसे ज्यादा टैक्स की दर 30% तक जा सकती है। इसके अलावा, सरचार्ज और सेस भी लगता है। इससे टैक्स का बोझ लगभग 42.7% तक पहुंच जाता है। वहीं, यूएई और सिंगापुर जैसे देशों में टैक्स की दरें बहुत कम हैं या बिल्कुल नहीं हैं। इसलिए वहां लग्जरी चीजें और अच्छी सेवाएं भारत के मुकाबले सस्ती हैं।



टैक्‍स के कारण अमीर छोड़ रहे देश

भारत से बहुत से अमीर लोग दूसरे देशों में जा रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह यहां का हाई टैक्स है। ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में अमीर लोगों की आबादी के अनुपात में देश छोड़ने वाले HNWIs (हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स) की संख्या सबसे ज्यादा है।



श्रीवास्तव ने एक्‍स पर लिखा, 'यूएई में टोयोटा RAV4 की कुल कीमत 109K AED यानी 25.6 लाख रुपये है। इसमें इंश्योरेंस और 3 साल का मेंटेनेंस शामिल है। अगर मैं यह गाड़ी भारत में खरीदता तो इसकी कीमत 40 लाख होती।' उन्होंने आगे लिखा, '40 लाख रुपये कमाने के लिए मुझे पहले कम से कम 30% टैक्स देना होगा, जबकि यूएई में 0% टैक्स है। इसलिए, भारत में गाड़ी की कुल कीमत 57.14 लाख होगी। यह यूएई के मुकाबले दोगुनी है।'

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