जींद : हरियाणा के जींद जिले में एक दंपती को शादी के 19 साल बाद संतान सुख की प्राप्ति हुई। घर में बेटी के जन्म लेने पर दंपती की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लड़की का नाम भूमि रखा गया। इस कार्यक्रम में सोमवार की रात जश्न मनाया गया। डीजे बजा, पारंपरिक रस्में निभाई गईं। 21 गांवों को न्योता दिया गया था। कार्यक्रम में 24 खापों के प्रधान समेत करीब आठ हजार लोग नवजात बेटी को आशीर्वाद देने पहुंचे थे। दावत में तरह-तरह के पकवान परोसे गए। बच्ची के मामा ने दिल खोलकर रुपये बिखेरे। यह जश्न जींद के गांव थुआ में जश्न कालीरमण खाप के उपप्रधान सुरेंद्र के घर हुआ। सुरेंद्र ने कहा कि यह समाज के लिए उनका संदेश है कि बेटी और बेटा बराबर होते हैं।
लड़की के पिता सुरेंद्र ने मंगलवार को बताया कि उनके मन में शादी के करीब 20 साल बाद बच्चा होने की इतनी खुशी थी कि उन्होंने हर किसी को पार्टी देने का मन बनाया। इसलिए उन्होंने करीब 21 गांवों को न्योता दिया। करीब आठ हजार लोग सोमवार की रात इस कार्यक्रम में आए। कालीरमण खाप के उपप्रधान सुरेंद्र की शादी 9 जून 2006 को हुई। शादी के काफी समय बाद भी संतान नहीं हुई। सुरेंद्र ने बताया कि पत्नी गर्भवती होतीं, लेकिन दूसरे-तीसरे महीने में ही गर्भपात हो जाता। 10 से ज्यादा बार उनकी पत्नी कृष्णा को गर्भपात का दर्द झेलना पड़ा। जब उन्होंने डॉक्टर से पता किया तो पीजीआई के डॉक्टरों ने बताया कि कृष्णा के ब्लड ग्रुप के कारण यह दिक्कत आ रही है। इसी कारण संतान सुख प्राप्ति की संभावना कम है।
बेटी का नाम भूमि रखा गया
सुरेंद्र ने अपने बड़े भाई के बेटे को गोद ले लिया। एक साल पहले कृष्णा फिर से गर्भवती हुईं। दूसरे-तीसरे महीने तक किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। बच्चे की ग्रोथ ठीक लगी। 10 जुलाई को उन्हें संतान प्राप्ति हुई। इससे उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बेटी का नाम भूमि रखा गया। डिलीवरी नॉर्मल हुई। थुआ गांव निवासी सुरेंद्र 100 एकड़ से ज्यादा जमीन को ठेके पर लेकर खेती करते हैं। उनके पास खुद की साढ़े चार एकड़ जमीन है। पिछले डेढ़ साल से सुरेंद्र कालीरमण खाप के उपप्रधान हैं।
समाज में जाएगा अच्छा संदेश
इस मौके पर ग्रामीणों ने कहा बेटी के जन्म पर भी बेटे की तरह कार्यक्रम करना चाहिए। इससे समाज में अच्छा संदेश जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि सुरेंद्र ने बेटी के जन्म पर जो कार्यक्रम किया है। उसका संदेश पूरे समाज में जाएगा। बेटी के जन्म पर आस-पास के गांव में कभी इस तरह का कार्यक्रम नहीं देखा था। लोगों को रूढ़िवादी सोच को दूर करते हुए परिवार में सुरेंद्र ने बताया कि मन में इतनी खुशी थी कि जी चाह रहा तो हर किसी को पार्टी दूं। अपने भाईचारे के साथ बैठक की। जिसमें फैसला लिया कि पूरे गांव का न्योता दूंगा। हालांकि इससे भी सुरेंद्र का मन नहीं भरा, उन्होंने तपा के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर थुआ तपा के सभी 21 गांवों को चूल्हा न्योता दिया।
लड़की के पिता सुरेंद्र ने मंगलवार को बताया कि उनके मन में शादी के करीब 20 साल बाद बच्चा होने की इतनी खुशी थी कि उन्होंने हर किसी को पार्टी देने का मन बनाया। इसलिए उन्होंने करीब 21 गांवों को न्योता दिया। करीब आठ हजार लोग सोमवार की रात इस कार्यक्रम में आए। कालीरमण खाप के उपप्रधान सुरेंद्र की शादी 9 जून 2006 को हुई। शादी के काफी समय बाद भी संतान नहीं हुई। सुरेंद्र ने बताया कि पत्नी गर्भवती होतीं, लेकिन दूसरे-तीसरे महीने में ही गर्भपात हो जाता। 10 से ज्यादा बार उनकी पत्नी कृष्णा को गर्भपात का दर्द झेलना पड़ा। जब उन्होंने डॉक्टर से पता किया तो पीजीआई के डॉक्टरों ने बताया कि कृष्णा के ब्लड ग्रुप के कारण यह दिक्कत आ रही है। इसी कारण संतान सुख प्राप्ति की संभावना कम है।
बेटी का नाम भूमि रखा गया
सुरेंद्र ने अपने बड़े भाई के बेटे को गोद ले लिया। एक साल पहले कृष्णा फिर से गर्भवती हुईं। दूसरे-तीसरे महीने तक किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। बच्चे की ग्रोथ ठीक लगी। 10 जुलाई को उन्हें संतान प्राप्ति हुई। इससे उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बेटी का नाम भूमि रखा गया। डिलीवरी नॉर्मल हुई। थुआ गांव निवासी सुरेंद्र 100 एकड़ से ज्यादा जमीन को ठेके पर लेकर खेती करते हैं। उनके पास खुद की साढ़े चार एकड़ जमीन है। पिछले डेढ़ साल से सुरेंद्र कालीरमण खाप के उपप्रधान हैं।
समाज में जाएगा अच्छा संदेश
इस मौके पर ग्रामीणों ने कहा बेटी के जन्म पर भी बेटे की तरह कार्यक्रम करना चाहिए। इससे समाज में अच्छा संदेश जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि सुरेंद्र ने बेटी के जन्म पर जो कार्यक्रम किया है। उसका संदेश पूरे समाज में जाएगा। बेटी के जन्म पर आस-पास के गांव में कभी इस तरह का कार्यक्रम नहीं देखा था। लोगों को रूढ़िवादी सोच को दूर करते हुए परिवार में सुरेंद्र ने बताया कि मन में इतनी खुशी थी कि जी चाह रहा तो हर किसी को पार्टी दूं। अपने भाईचारे के साथ बैठक की। जिसमें फैसला लिया कि पूरे गांव का न्योता दूंगा। हालांकि इससे भी सुरेंद्र का मन नहीं भरा, उन्होंने तपा के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर थुआ तपा के सभी 21 गांवों को चूल्हा न्योता दिया।
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