गोंडा: एंटी करप्शन कोर्ट ने गोंडा के बीएसए अतुल कुमार तिवारी, जिला समन्वयक निर्माण विद्याभूषण मिश्रा और जेम पोर्टल के जिला समन्वयक ₹15 करोड प्रेम शंकर मिश्रा के के टेंडर के लिए 15% कमिशन खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। तीनों पर 15 मांगने का करोड़ के टेंडर के लिए आरोप 15% कमिशन मांगने का आरोप है। वहीं, बीएसए ने आरोपों को निराधार बताया है।
मोतीगंज निवासी मनोज कुमार पांडे ने कोर्ट में वाद दायर कर बताया कि उन्होंने ₹15 करोड़ के फर्नीचर सप्लाई का टेंडर लिया था। इसकी मंजूरी के लिए 15% कमिशन मांगा गया। इसमें ₹50 लाख अडवांस मांगे गए। मनोज ने करीब ₹26 लाख दिए, लेकिन टेंडर नहीं मिला। इस पर बाकी रकम देने से मना किया तो फरवरी 2025 में फर्म ब्लैकलिस्ट कर फर्जी मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया।
यह पूरा मामला शिक्षा विभाग से जुड़े निर्माण कार्यों और जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदे जाने वाले सामान के टेंडर से जुड़ा है। ठेकेदार मनोज कुमार पांडे ने आरोप लगाया कि टेंडर आवंटन के बदले इन अधिकारियों ने 15 प्रतिशत कमीशन यानी लगभग 2.25 करोड़ रुपये मांगा था। जब ठेकेदार ने कमीशन देने से इनकार किया, तो फरवरी 2025 में फर्म ब्लैकलिस्ट कर फर्जी मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया।
एंटी करप्शन कोर्ट के जज विपिन कुमार तृतीय ने ठेकेदार की शिकायत को गंभीरता से लिया। कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने के अलावा पुलिस को तत्काल जांच शुरू करने और सबूत जुटाने के भी आदेश दिए।
इस मामले में बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने कहा, ये सभी आरोप पूरी तरह निराधार और झूठे हैं। मैंने न तो कभी किसी से कमीशन मांगा और न ही किसी से कोई पैसा लिया। यह मेरी छवि खराब करने की साजिश है। मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा और कानूनी कार्रवाई का सामना करने को तैयार हूं।
मोतीगंज निवासी मनोज कुमार पांडे ने कोर्ट में वाद दायर कर बताया कि उन्होंने ₹15 करोड़ के फर्नीचर सप्लाई का टेंडर लिया था। इसकी मंजूरी के लिए 15% कमिशन मांगा गया। इसमें ₹50 लाख अडवांस मांगे गए। मनोज ने करीब ₹26 लाख दिए, लेकिन टेंडर नहीं मिला। इस पर बाकी रकम देने से मना किया तो फरवरी 2025 में फर्म ब्लैकलिस्ट कर फर्जी मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया।
यह पूरा मामला शिक्षा विभाग से जुड़े निर्माण कार्यों और जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदे जाने वाले सामान के टेंडर से जुड़ा है। ठेकेदार मनोज कुमार पांडे ने आरोप लगाया कि टेंडर आवंटन के बदले इन अधिकारियों ने 15 प्रतिशत कमीशन यानी लगभग 2.25 करोड़ रुपये मांगा था। जब ठेकेदार ने कमीशन देने से इनकार किया, तो फरवरी 2025 में फर्म ब्लैकलिस्ट कर फर्जी मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया।
एंटी करप्शन कोर्ट के जज विपिन कुमार तृतीय ने ठेकेदार की शिकायत को गंभीरता से लिया। कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने के अलावा पुलिस को तत्काल जांच शुरू करने और सबूत जुटाने के भी आदेश दिए।
इस मामले में बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने कहा, ये सभी आरोप पूरी तरह निराधार और झूठे हैं। मैंने न तो कभी किसी से कमीशन मांगा और न ही किसी से कोई पैसा लिया। यह मेरी छवि खराब करने की साजिश है। मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा और कानूनी कार्रवाई का सामना करने को तैयार हूं।
You may also like

Pine Labs IPO: पाइन लैब्स का इसी सप्ताह आ रहा है आईपीओ, जान लीजिए इसका प्राइस बैंड से लेकर जीएमपी तक

मॉर्निंग वॉक के दौरान मिली थी लड़की, जिसे कोच ने भारत का कप्तान बना दिया, अब विश्व विजेता बनकर रचा इतिहास

Video: पुलिस से बचने के लिए हेलमेट की जगह कढ़ाई पहने नजर आया शख्स, वीडियो हो रहा जमकर वायरल

Pankaj Tripathi: अभिनेता पंकज त्रिपाठी की मां का हुुआ निधन, कुछ समय से थी बीमार

वीमेंस वर्ल्ड कप में क्रांति गौड़ का धमाल, मोहन सरकार देगी एक करोड़ रुपए, सीएम ने की घोषणा




