नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर के वंशवादी राजनीति वाले बयान ने पार्टी के भीतर ही जोरदार बहस छेड़ दी है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने थरूर को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नेहरू परिवार के नेताओं इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत में ऐसा कौन सा परिवार है जिसमें नेहरू परिवार जैसी निष्ठा और क्षमता रही हो?
गांधी परिवार ने देश के लिए कुर्बानी दीः प्रमोद तिवारीप्रमोद तिवारी ने कहा, 'नेतृत्व हमेशा योग्यता से आता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू इस देश के सबसे योग्य प्रधानमंत्री थे। इंदिरा गांधी ने अपनी जान देकर इसे साबित किया। राजीव गांधी ने भी देश की सेवा करते हुए बलिदान दिया। अगर कोई गांधी परिवार को ‘डायनेस्टी’ कहता है, तो बताइए, किस दूसरे परिवार ने ऐसा त्याग और समर्पण दिखाया? क्या बीजेपी ने?'
थरूर की राय से कांग्रेस नेताओं ने जताई असहमतिकांग्रेस नेता रशीद अल्वी ने भी थरूर की राय से असहमति जताई। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में फैसला जनता करती है। आप यह नहीं कह सकते कि किसी को सिर्फ इसलिए चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं कि उसके पिता सांसद थे। यह हर क्षेत्र में होता है, राजनीति कोई अपवाद नहीं।' वहीं, न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि वंशवाद केवल राजनीति तक सीमित नहीं है। डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है, व्यापारी का बेटा व्यापार संभालता है, तो नेता का बेटा राजनीति में आता है। इसमें नई बात नहीं। राजनीति में टिकट जाति और पारिवारिक बैकग्राउंड के आधार पर दिए जाते हैं। यह समाज की हकीकत है।
शशि थरूर ने क्या लिखा जिस पर मचा घमासानदरअसल, शशि थरूर ने हाल ही में एक लेख में लिखा था कि वंशवाद सिर्फ कांग्रेस में नहीं, बल्कि लगभग हर राजनीतिक दल में मौजूद है। उन्होंने कहा कि जब राजनीतिक शक्ति वंश के आधार पर तय होती है, न कि योग्यता, प्रतिबद्धता या जनसंपर्क से, तो शासन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। थरूर ने यह भी लिखा कि नेहरू-गांधी परिवार जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का प्रभाव भारत की आज़ादी और लोकतंत्र के इतिहास से जुड़ा हुआ है। लेकिन इसी ने यह विचार भी मजबूत किया कि नेतृत्व किसी का जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है, और यह सोच आज सभी पार्टियों और राज्यों तक फैल गई है।'
बीजेपी ने राहुल गांधी पर कसा तंजइस बीच, बीजेपी ने थरूर के लेख को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। बीजेपी प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने कहा, थरूर ने बहुत सटीक लिखा है कि भारत की राजनीति अब पारिवारिक कारोबार बन चुकी है। उन्होंने सीधे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर हमला किया है।
कांग्रेस और थरूर में बढ़ता जा रहा तनावबताया जा रहा है कि थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं, खासकर तब से जब उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। तनाव उस वक्त और बढ़ गया जब उनका नाम केंद्र सरकार की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पहल के लिए सुझाए गए कांग्रेस नेताओं की सूची में नहीं था। हालांकि बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अमेरिका और लैटिन अमेरिकी देशों के दौरे के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का निमंत्रण दिया।
गांधी परिवार ने देश के लिए कुर्बानी दीः प्रमोद तिवारीप्रमोद तिवारी ने कहा, 'नेतृत्व हमेशा योग्यता से आता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू इस देश के सबसे योग्य प्रधानमंत्री थे। इंदिरा गांधी ने अपनी जान देकर इसे साबित किया। राजीव गांधी ने भी देश की सेवा करते हुए बलिदान दिया। अगर कोई गांधी परिवार को ‘डायनेस्टी’ कहता है, तो बताइए, किस दूसरे परिवार ने ऐसा त्याग और समर्पण दिखाया? क्या बीजेपी ने?'
थरूर की राय से कांग्रेस नेताओं ने जताई असहमतिकांग्रेस नेता रशीद अल्वी ने भी थरूर की राय से असहमति जताई। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में फैसला जनता करती है। आप यह नहीं कह सकते कि किसी को सिर्फ इसलिए चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं कि उसके पिता सांसद थे। यह हर क्षेत्र में होता है, राजनीति कोई अपवाद नहीं।' वहीं, न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि वंशवाद केवल राजनीति तक सीमित नहीं है। डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है, व्यापारी का बेटा व्यापार संभालता है, तो नेता का बेटा राजनीति में आता है। इसमें नई बात नहीं। राजनीति में टिकट जाति और पारिवारिक बैकग्राउंड के आधार पर दिए जाते हैं। यह समाज की हकीकत है।
शशि थरूर ने क्या लिखा जिस पर मचा घमासानदरअसल, शशि थरूर ने हाल ही में एक लेख में लिखा था कि वंशवाद सिर्फ कांग्रेस में नहीं, बल्कि लगभग हर राजनीतिक दल में मौजूद है। उन्होंने कहा कि जब राजनीतिक शक्ति वंश के आधार पर तय होती है, न कि योग्यता, प्रतिबद्धता या जनसंपर्क से, तो शासन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। थरूर ने यह भी लिखा कि नेहरू-गांधी परिवार जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का प्रभाव भारत की आज़ादी और लोकतंत्र के इतिहास से जुड़ा हुआ है। लेकिन इसी ने यह विचार भी मजबूत किया कि नेतृत्व किसी का जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है, और यह सोच आज सभी पार्टियों और राज्यों तक फैल गई है।'
बीजेपी ने राहुल गांधी पर कसा तंजइस बीच, बीजेपी ने थरूर के लेख को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। बीजेपी प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने कहा, थरूर ने बहुत सटीक लिखा है कि भारत की राजनीति अब पारिवारिक कारोबार बन चुकी है। उन्होंने सीधे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर हमला किया है।
कांग्रेस और थरूर में बढ़ता जा रहा तनावबताया जा रहा है कि थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं, खासकर तब से जब उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। तनाव उस वक्त और बढ़ गया जब उनका नाम केंद्र सरकार की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पहल के लिए सुझाए गए कांग्रेस नेताओं की सूची में नहीं था। हालांकि बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अमेरिका और लैटिन अमेरिकी देशों के दौरे के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का निमंत्रण दिया।
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