नई दिल्ली: भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा और आखिरी मुकाबला 10 अक्टूबर से दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला जाएगा। अहमदाबाद में हुए पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज की शर्मनाक हार के बाद, सभी की निगाहें दिल्ली की पिच पर टिकी हैं, जो अहमदाबाद से बिल्कुल अलग होने वाली है। इस मुकाबले की पिच पर यह निर्भर होगा कि यह मुकाबला कैसा होगा।
काली मिट्टी की पिच, बल्लेबाजों के लिए रहेगी मुफीद
जहां अहमदाबाद की पहली टेस्ट पिच पर घास एक समान थी, वहीं दिल्ली की पिच पर कहीं-कहीं घास होगी और कहीं-कहीं खाली जगह होगी। यह पिच काली मिट्टी से बनी है और इसे बल्लेबाजों के लिए अच्छी माना जाता है। तेज आउटफील्ड और छोटी बाउंड्री के कारण यहां खूब रन बनने की उम्मीद है। हालांकि, जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा और पिच सूखेगी, स्पिन गेंदबाजों को भी मदद मिलना शुरू हो जाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम, खासकर उनके स्पिनर, इस बदलती हुई पिच का फायदा कैसे उठाते हैं।
पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज की हुई थी करारी हार
अहमदाबाद में हुए पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज तीन दिन के अंदर ही एक पारी और 140 रनों से हार गई थी। वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था, लेकिन वे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे भारतीय तेज गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाए। वेस्टइंडीज की टीम दोनों पारियों में क्रमश सिर्फ 44.1 और 45.1 ओवर ही खेल पाई थी।
दिल्ली में पिच की स्थिति में बदलाव से वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन उन्हें भारतीय स्पिन आक्रमण का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। इस मैदान पर पिछला टेस्ट मैच 2023 में हुआ था, जो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा मुकाबला था। उस मैच में धीमी पिच पर ऑस्ट्रेलिया को भारत के खिलाफ छह विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। अब देखना यह होगा कि दोनों टीमें इस नई चुनौती का सामना कैसे करती हैं।
काली मिट्टी की पिच, बल्लेबाजों के लिए रहेगी मुफीद
जहां अहमदाबाद की पहली टेस्ट पिच पर घास एक समान थी, वहीं दिल्ली की पिच पर कहीं-कहीं घास होगी और कहीं-कहीं खाली जगह होगी। यह पिच काली मिट्टी से बनी है और इसे बल्लेबाजों के लिए अच्छी माना जाता है। तेज आउटफील्ड और छोटी बाउंड्री के कारण यहां खूब रन बनने की उम्मीद है। हालांकि, जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा और पिच सूखेगी, स्पिन गेंदबाजों को भी मदद मिलना शुरू हो जाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम, खासकर उनके स्पिनर, इस बदलती हुई पिच का फायदा कैसे उठाते हैं।
पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज की हुई थी करारी हार
अहमदाबाद में हुए पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज तीन दिन के अंदर ही एक पारी और 140 रनों से हार गई थी। वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था, लेकिन वे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे भारतीय तेज गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाए। वेस्टइंडीज की टीम दोनों पारियों में क्रमश सिर्फ 44.1 और 45.1 ओवर ही खेल पाई थी।
दिल्ली में पिच की स्थिति में बदलाव से वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन उन्हें भारतीय स्पिन आक्रमण का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। इस मैदान पर पिछला टेस्ट मैच 2023 में हुआ था, जो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा मुकाबला था। उस मैच में धीमी पिच पर ऑस्ट्रेलिया को भारत के खिलाफ छह विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। अब देखना यह होगा कि दोनों टीमें इस नई चुनौती का सामना कैसे करती हैं।
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