वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, स्ट्रोक भारत और पूरी दुनिया में मौत और विकलांगता का एक प्रमुख कारण है। हर साल लगभग 1.5 करोड़ लोग इससे प्रभावित होते हैं। इसलिए स्ट्रोक को रोकने के लिए जोखिम कारकों को समझना और जीवनशैली में बदलाव करना बहुत जरूरी है। हर साल 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है जिसका उद्देश्य लोगों को इस जानलेवा कंडीशन के बारे में जागरूक करना है. डॉ. तुषार राउत, कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई के अनुसार, कुछ चीजें जैसे उम्र, लिंग और जेनेटिक्स इंसान के कंट्रोल में नहीं होतीं। लेकिन कई ऐसे फैक्टर्स हैं जिन्हें सुधारकर स्ट्रोक का खतरा काफी कम किया जा सकता है।
You may also like

जम्मू-कश्मीर : गुरु नानक जयंती पर विशेष तैयारी, एडीसी ने सुरक्षा-स्वच्छता पर दिया जोर

प्रिया सचदेव ने संभाला पति संजय कपूर का बिजनेस एंपायर, 30,000 करोड़ की संपत्ति पर विवाद के बीच पहुंचीं कंपनी

बिहार में एसआईआर की देन पारदर्शी मतदाता सूची में हो रहा चुनाव: जयवीर सिंह

छठ पूजा 2025: सितारों ने मनाया महापर्व, सोशल मीडिया पर छाईं तस्वीरें

वाराणसी में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, डॉगी को पॉटी कराने पर जुर्माना, घर में 24 घंटे से ज्यादा कूड़ा तो भी पेनाल्टी




