सीतामढ़ी: पुलिस अंकल, शराबबंदी के बाद हर जगह शराब कैसे मिलती हैं...जैसे अनेकों सवालों से पुलिस को दो-चार होना पड़ा। ये सवाल थे स्कूली बच्चों के। बच्चों ने पुलिस अफसर से तीखे और सटीक सवाल पूछे। पुलिस अफसर द्वारा भी बच्चों के हर सवाल का माकूल जवाब देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया गया। दरअसल, स्टूडेंट्स-पुलिस कैडेट (एसपीसी) कार्यक्रम के तहत सीतामढ़ी शहर के नगरपालिका स्कूल, भवदेपुर के बच्चों को नगर थाना का भ्रमण कराया गया। पुलिस-छात्र संवाद हुआ। इसी दौरान बच्चों के सवालों का नगर थानाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह ने जवाब दिया। यह संवाद काफी ज्ञानवर्धक और रोचक रहा। बच्चों ने पुलिस से जुड़े किए सवालराज्यस्तरीय मुख्य प्रशिक्षक नित्यानंद सिंह और अमर आनंद के नेतृत्व में कक्षा सात ओर आठ थाना पहुंचे थे। बच्चों ने पुलिस की कार्यशैली, समाज में पुलिस के प्रति फैले डर, पुलिस की 24 घंटे की कठिन ड्यूटी के आलावा अन्य कई गंभीर सवाल किए। छात्र शालिनी कुमारी ने ड्यूटी-नौकरी और दूर रह रहे परिवार के बीच सामंजस्य कैसे बनाते है? नगर थानाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह ने जवाब दिया कि उनके लिए पूरा नगर ही परिवार है। वहीं, मो. अफान ने पुलिस अफसर से सवाल किया कि पुलिस कर्मी बिना हेलमेट के गाड़ी क्यों चलाते हैं, जबकि पुलिस, बिना हेलमेट वाले पब्लिक को दंडित करती है। नगर थानाध्यक्ष ने कहा, कभी-कभी पुलिस कर्मी गलती कर जाते है, जिसके लिए उन्हें दंडित होना पड़ता है। पॉक्सो एक्ट से सुरक्षा कैसे संभव है? गुंजा और कविता ने पुलिस अफसर से पूछा कि उन जैसे बच्चियों को पोक्सो एक्ट से किस तरह की सुरक्षा मिलती है। महिला सुरक्षा-महिलाओं के साथ अपराध से पुलिस किस तरह से काम करती है? मो. आशिक ने पूछा कि जमानतीय और गैर जमानती धारा में क्या अंतर है और बेल कैसे मिलती है? कन्हैया ने सवाल किया कि गूंगी बच्ची के साथ रेप के मामले की जांच- अनुसंधान पुलिस कैसे करती हैं? वहीं, एक छात्र ने सवाल किया कि 24 घंटे ड्यूटी के लिए ऊर्जा कहां से आती है? जवाब मिला, बच्चों के मुस्कान से। सबसे तीखा सवाल रहा कि पुलिस अंकल, शराबबंदी में भी शराब कैसे बिक रही है? पुलिस हर में मांगती है पैसा? भ्रष्टाचार को लेकर सूबे में जीरो टॉलरेंस की नीति है, जबकि आम जनमानस में यह बात चर्चा में है कि हर काम के लिए पुलिस पैसा मांगती है। एक छात्र ने पूछा कि साइबर अपराध क्या है और 1930, 1098 और 112 का उपयोग कैसे करेंगे, जबकि मोबाइल नहीं है। नगर थानाध्यक्ष ने छात्र-छात्राओं की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस और स्टूडेंट्स के बीच यह पहला संवाद कार्यक्रम हुआ है। मुख्य प्रशिक्षक सिंह ने बताया कि एसपीसी टीम के सदस्य पुलिस तथा समाज के बीच सेतु का कार्य करेंगे। टीम का मुख्य काम समाज में कानून का सम्मान करना, अनुशासन का अभ्यास करना, नागरिक चेतना, सहानुभूति कार्य करना और कमजोर वर्गों को न्याय दिलाना मुख्य कार्य होगा। बताया कि पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) बिहार, पटना के आदेश के आलोक में स्कूली बच्चों को नजदीकी थाना क्षेत्र का भ्रमण कराया गया है।
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अंकल, शराबबंदी में भी शराब कैसे मिलती है... पुलिस बिना हेलमेट के गाड़ी क्यों चलाती हैं, बच्चों के सवाल से सभी हैरान
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