अनिल शर्मा, आगरा: बहुचर्चित धर्मांतरण मामले में शनिवार को आगरा पुलिस ने इस केस में 10 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर चल रहे गिरफ्तार 11 आरोपियों से पूछताछ के आधार पर सनसनीखेज खुलासों का दावा किया है। पुलिस के मुताबिक गिरोह के तार पाकिस्तान और कश्मीर से जुड़े हैं। धर्मांतरण के लिए लाई गई लकड़ियों की बात कश्मीर और पाकिस्तान के लोगों से कराई जाती थी। पाकिस्तान में बैठा हैंडलर कश्मीर की लड़कियों के साथ दोस्ती करवाता था। इस्लामी प्रथा DAWAH के जरिए 2050 तक भारत का इस्लामीकरण किया जाना था।
शनिवार को आगरा पुलिस ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया है कि आगरा की दो बालिकाओं के गायब होने के बाद शुरू हुई। जांच के दौरान अब तक कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें पहले 11 और बाद में 3 आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लाया गया था। पहले गिरफ्तार 11 अभियुक्तों का न्यायालय द्वारा 10 दिन का पुलिस कस्टडी रिमांड लिया गया था। इन सभी से पूछताछ चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं।
संगठित ग्रुप का सरगना अब्दुल रहमानपुलिस ने बताया है कि धर्मांतरण की अवैध गतिविधियों में लिप्त यह संगठित ग्रुप सरगना अब्दुल रहमान निवासी दिल्ली और आयशा निवासी गोवा के नेतृत्व में कार्य कर रहा था। अब्दुल रहमान फिरोजाबाद का रहने वाला व्यक्ति था, जिसने 1990 में अपना धर्म परिवर्तन किया था। यह एटीएस द्वारा जेल भेजे गए कलीम सिद्दीकी का सबसे करीबी सहयोगी था।
पुलिस का कहना है कि जितने भी अभियुक्त पकड़े गए है, उनमें से लगभग सभी के संबंध आयशा और अब्दुल रहमान से थे। उत्तराखंड के देहरादून, उत्तर प्रदेश के बरेली, अलीगढ़, रायबरेली, हरियाणा के झज्जर व रोहतक की लड़कियां जिनको धर्म परिवर्तन के लिए बहकाया गया है, उन सभी से इस संबंध में बातचीत की गयी थी और इन सभी लड़कियों को इस जंजाल से आगरा पुलिस द्वारा निकाला गया है।
पाकिस्तान का कनेक्शनपुलिस ने गिरोह की मोडस ऑपरेंडी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि धर्म परिवर्तन कराने वाले अधिकांश लोगों का संबंध कश्मीर और पाकिस्तान में बैठे व्यक्तियों से है। धर्म परिवर्तन के कुचक्र में फंसी लड़कियां पाकिस्तान से जुड़े हुए लोगों के साथ धर्म परिवर्तन के संबंध में उनके बौद्धिक विचारों को सुनती थी और उनके द्वारा जो बौद्धिक विमर्श होता था, उसमें भी सहभागी रहती थीं।
इनमें से कुछ लड़कियों के सम्बन्ध कश्मीर की लड़कियों के साथ मिले, जो इनके मस्तिष्क को इनके परिवार के खिलाफ एवं धर्म के खिलाफ जहरीले भाव से भरती थीं और वह अपने धर्म इस्लाम में आने के लिये उनको प्रेरित करती थीं।
फिलीस्तीन तक जुड़ रहा कनेक्शनइन सारी लड़कियों को कश्मीर की लड़कियां पाकिस्तान से चलने वाले ग्रुप से इनको जोड़ने का काम करती थीं। इनमें से मुख्य रुप से तनवीर अहमद और साहिल अदीम आदि से जुड़ गयी थी। पुलिस का कहना है कि इन तथ्यों के खुलासे से यह बात स्पष्ट हुई है कि यह सब हमारी राष्ट्रीय एवं आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस बारे में आगरा पुलिस के साथ बाकी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पूछताछ में जानकारी मिली है कि रहमान कुरैशी द्वारा क्राउड फंडिंग एवं क्रिप्टो करंसी के साथ-साथ डॉलर से भी आदान-प्रदान फिलीस्तीन को भी किया गया है।
डार्क वेब का इस्तेमालआरोपियों से पूछताछ में यह चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई है कि इस ग्रुप में कम से कम 3 सदस्य डार्क वेब की जानकारी रखते हैं एवं इसके द्वारा अपने सदस्यों से बात करते है। इसका प्रयोग अपनी बातों की गोपनीयता बनाये रखने के लिए किया जाता है। इनके द्वारा जो ग्रुप बनाया जाता था उसमें ये लोग सामान्यतः सिग्नल पर बात करते थे, ताकि सुरक्षा एजेंसियों को इसकी जानकारी न हो सके।
इस प्रक्रिया में इनके द्वारा लोगों से जुड़ने के लिये ऑनलाइन गेम्स जैसे कि लूडोस्टार आदि अन्य गेम खेलते हुए हिंदू लड़के-लड़कियों को अपनी ओर आकर्षित किया जाता है। उन्हें फिर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता है।
DAWAH का मकसद परिवर्तित सुमैया ने पूछताछ में बताया कि जब वो कश्मीर में रहती थी तो उसके दोस्तों ने उसे DAWAH के लिए बुलाया और बताया कि 2050 तक पूरे भारतवर्ष में इस्लाम को हम लोग फैलाएंगे। इन सभी मे एक सामान्य बात निकलकर आयी है कि यह लोग DAWAH के द्वारा इस्लाम की ओर मुखातिब हुए है। DAWAH इस्लाम की एक प्रथा है, जिसमें इस्लाम को मानने वाले अन्य धर्मावलंबियों को बौद्धिक विमर्श के लिए आमंत्रित किया जाता है और इनके बौद्धिक विमर्श के पश्चात अपने धर्म में इनको शामिल करते हैं। जितनी भी लड़कियां और लड़कों को इस्लाम में परिवर्तित किया गया है।
इन सभी ने बताया है कि पहले इनके दोस्त इनको DAWAH के लिए बुलाते है, तत्पश्चात इन लोगों को अपने धर्म इस्लाम की अच्छाइयां एवं अन्य धर्म के प्रति नकारात्मक बातों को इनके दिमाग में भरा जाता है। यदि किसी को अपने परिवार से कोई समस्या है तो परिवार के बारे में भी नकारात्मक बातें दिमाग में भरते हैं। जो लोग इस कार्य में शामिल हैं वो लोग थाना, न्यायालय, अस्पताल एवं बगीचे आदि जैसी जगहों पर जमात के दरमियान जाते है, चूंकि इन जगहों पर दुःखी लोग ज्यादा जाते है और उन लोगों को DAWAH के माध्यम से अपने धर्म में परिवर्तन करने का प्रयास करते हैं।
इसके अलावा यह बात भी संज्ञान में आई है कि असंगठित क्षेत्र के और साफ-सफाई करने वाले मजदूर एवं गरीब लोग जिन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उससे छुटकारा दिलाने के लिए एक मात्र उपाय- DAWAH से जुड़िए और समस्याओं से छुटकारा पाइए। इस तरह से इनको झांसा दिया जाता है।
इस तरह जो लोग धर्म परिवर्तन करते हैं उन लोगों को रिवर्ट (रिवर्टी) का नाम देते हैं। और इसी संबंध में कई माइक्रोब्लॉगिंग साइट्स पर रिवर्ट के नाम से कई ग्रुप देखने को मिल सकते हैं।
शनिवार को आगरा पुलिस ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया है कि आगरा की दो बालिकाओं के गायब होने के बाद शुरू हुई। जांच के दौरान अब तक कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें पहले 11 और बाद में 3 आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लाया गया था। पहले गिरफ्तार 11 अभियुक्तों का न्यायालय द्वारा 10 दिन का पुलिस कस्टडी रिमांड लिया गया था। इन सभी से पूछताछ चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं।
संगठित ग्रुप का सरगना अब्दुल रहमानपुलिस ने बताया है कि धर्मांतरण की अवैध गतिविधियों में लिप्त यह संगठित ग्रुप सरगना अब्दुल रहमान निवासी दिल्ली और आयशा निवासी गोवा के नेतृत्व में कार्य कर रहा था। अब्दुल रहमान फिरोजाबाद का रहने वाला व्यक्ति था, जिसने 1990 में अपना धर्म परिवर्तन किया था। यह एटीएस द्वारा जेल भेजे गए कलीम सिद्दीकी का सबसे करीबी सहयोगी था।
पुलिस का कहना है कि जितने भी अभियुक्त पकड़े गए है, उनमें से लगभग सभी के संबंध आयशा और अब्दुल रहमान से थे। उत्तराखंड के देहरादून, उत्तर प्रदेश के बरेली, अलीगढ़, रायबरेली, हरियाणा के झज्जर व रोहतक की लड़कियां जिनको धर्म परिवर्तन के लिए बहकाया गया है, उन सभी से इस संबंध में बातचीत की गयी थी और इन सभी लड़कियों को इस जंजाल से आगरा पुलिस द्वारा निकाला गया है।
पाकिस्तान का कनेक्शनपुलिस ने गिरोह की मोडस ऑपरेंडी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि धर्म परिवर्तन कराने वाले अधिकांश लोगों का संबंध कश्मीर और पाकिस्तान में बैठे व्यक्तियों से है। धर्म परिवर्तन के कुचक्र में फंसी लड़कियां पाकिस्तान से जुड़े हुए लोगों के साथ धर्म परिवर्तन के संबंध में उनके बौद्धिक विचारों को सुनती थी और उनके द्वारा जो बौद्धिक विमर्श होता था, उसमें भी सहभागी रहती थीं।
इनमें से कुछ लड़कियों के सम्बन्ध कश्मीर की लड़कियों के साथ मिले, जो इनके मस्तिष्क को इनके परिवार के खिलाफ एवं धर्म के खिलाफ जहरीले भाव से भरती थीं और वह अपने धर्म इस्लाम में आने के लिये उनको प्रेरित करती थीं।
फिलीस्तीन तक जुड़ रहा कनेक्शनइन सारी लड़कियों को कश्मीर की लड़कियां पाकिस्तान से चलने वाले ग्रुप से इनको जोड़ने का काम करती थीं। इनमें से मुख्य रुप से तनवीर अहमद और साहिल अदीम आदि से जुड़ गयी थी। पुलिस का कहना है कि इन तथ्यों के खुलासे से यह बात स्पष्ट हुई है कि यह सब हमारी राष्ट्रीय एवं आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस बारे में आगरा पुलिस के साथ बाकी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पूछताछ में जानकारी मिली है कि रहमान कुरैशी द्वारा क्राउड फंडिंग एवं क्रिप्टो करंसी के साथ-साथ डॉलर से भी आदान-प्रदान फिलीस्तीन को भी किया गया है।
डार्क वेब का इस्तेमालआरोपियों से पूछताछ में यह चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई है कि इस ग्रुप में कम से कम 3 सदस्य डार्क वेब की जानकारी रखते हैं एवं इसके द्वारा अपने सदस्यों से बात करते है। इसका प्रयोग अपनी बातों की गोपनीयता बनाये रखने के लिए किया जाता है। इनके द्वारा जो ग्रुप बनाया जाता था उसमें ये लोग सामान्यतः सिग्नल पर बात करते थे, ताकि सुरक्षा एजेंसियों को इसकी जानकारी न हो सके।
इस प्रक्रिया में इनके द्वारा लोगों से जुड़ने के लिये ऑनलाइन गेम्स जैसे कि लूडोस्टार आदि अन्य गेम खेलते हुए हिंदू लड़के-लड़कियों को अपनी ओर आकर्षित किया जाता है। उन्हें फिर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता है।
DAWAH का मकसद परिवर्तित सुमैया ने पूछताछ में बताया कि जब वो कश्मीर में रहती थी तो उसके दोस्तों ने उसे DAWAH के लिए बुलाया और बताया कि 2050 तक पूरे भारतवर्ष में इस्लाम को हम लोग फैलाएंगे। इन सभी मे एक सामान्य बात निकलकर आयी है कि यह लोग DAWAH के द्वारा इस्लाम की ओर मुखातिब हुए है। DAWAH इस्लाम की एक प्रथा है, जिसमें इस्लाम को मानने वाले अन्य धर्मावलंबियों को बौद्धिक विमर्श के लिए आमंत्रित किया जाता है और इनके बौद्धिक विमर्श के पश्चात अपने धर्म में इनको शामिल करते हैं। जितनी भी लड़कियां और लड़कों को इस्लाम में परिवर्तित किया गया है।
इन सभी ने बताया है कि पहले इनके दोस्त इनको DAWAH के लिए बुलाते है, तत्पश्चात इन लोगों को अपने धर्म इस्लाम की अच्छाइयां एवं अन्य धर्म के प्रति नकारात्मक बातों को इनके दिमाग में भरा जाता है। यदि किसी को अपने परिवार से कोई समस्या है तो परिवार के बारे में भी नकारात्मक बातें दिमाग में भरते हैं। जो लोग इस कार्य में शामिल हैं वो लोग थाना, न्यायालय, अस्पताल एवं बगीचे आदि जैसी जगहों पर जमात के दरमियान जाते है, चूंकि इन जगहों पर दुःखी लोग ज्यादा जाते है और उन लोगों को DAWAH के माध्यम से अपने धर्म में परिवर्तन करने का प्रयास करते हैं।
इसके अलावा यह बात भी संज्ञान में आई है कि असंगठित क्षेत्र के और साफ-सफाई करने वाले मजदूर एवं गरीब लोग जिन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उससे छुटकारा दिलाने के लिए एक मात्र उपाय- DAWAH से जुड़िए और समस्याओं से छुटकारा पाइए। इस तरह से इनको झांसा दिया जाता है।
इस तरह जो लोग धर्म परिवर्तन करते हैं उन लोगों को रिवर्ट (रिवर्टी) का नाम देते हैं। और इसी संबंध में कई माइक्रोब्लॉगिंग साइट्स पर रिवर्ट के नाम से कई ग्रुप देखने को मिल सकते हैं।
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