शिलांग: मेघालय पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। आरोप है कि इन्होंने मेघालय की एक युवती को 3 लाख रुपये में बेचकर राजस्थान में जबरन विवाह करा दिया था। इस मामले की शुरुआत एक लापता लड़की की रिपोर्ट से हुई थी, लेकिन जांच के दौरान कई राज्यों में फैले शोषण के भयावह नेटवर्क का खुलासा हुआ। मेघालय के री-भोई जिले के बर्नीहाट क्षेत्र से एक युवती के लापता होने की रिपोर्ट 11 जून को दर्ज की गई थी। इसी शिकायत के आधार पर मेघालय पुलिस ने जांच शुरू की थी।
युवती की जबरन शादी करवाई गई
जांच के दौरान पता चला कि युवती राजस्थान में बंदी बनाकर रखी गई थी, लेकिन वह किसी तरह वहां से भागने में सफल रही। इसके बाद राजस्थान पुलिस की मदद से उसे छुड़ाकर सुरक्षित मेघालय लाया गया। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, पूछताछ में युवती ने बताया कि उसकी पहचान फेसबुक पर असम के एक युवक से हुई थी। उसने शादी का झांसा देकर युवती को दिल्ली और फिर राजस्थान बुलाया। वहां पहुंचने के बाद उसे 3 लाख रुपये में एक अज्ञात व्यक्ति को बेच दिया गया और जबरन विवाह करा दिया गया।
पूछताछ में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस ने 19 अक्टूबर को गुवाहाटी से इस गिरोह के मुख्य आरोपी राजेश हिंगे (31) को गिरफ्तार किया, जो त्रिपुरा के कुमारघाट का रहने वाला है। इसके बाद 21 अक्टूबर को उसके साथी मोहम्मद खलील अली (31) को असम के बको क्षेत्र के कराबारी गांव से गिरफ्तार किया गया। जांच आगे बढ़ने पर पुलिस ने इस गिरोह की कथित सरगना राजस्थान निवासी मोनिका को 26 अक्टूबर को कामाख्या रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह पिछले दो वर्षों में असम के बको क्षेत्र की कम से कम पांच लड़कियों और त्रिपुरा की एक लड़की की तस्करी कर चुका है। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर युवतियों को फंसाते थे। पहले दोस्ती और भरोसा जीतने के बाद, उन्हें शादी या सैर-सपाटे के बहाने दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान ले जाया जाता था, जहां उन्हें बेच दिया जाता था।
युवती की जबरन शादी करवाई गई
जांच के दौरान पता चला कि युवती राजस्थान में बंदी बनाकर रखी गई थी, लेकिन वह किसी तरह वहां से भागने में सफल रही। इसके बाद राजस्थान पुलिस की मदद से उसे छुड़ाकर सुरक्षित मेघालय लाया गया। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, पूछताछ में युवती ने बताया कि उसकी पहचान फेसबुक पर असम के एक युवक से हुई थी। उसने शादी का झांसा देकर युवती को दिल्ली और फिर राजस्थान बुलाया। वहां पहुंचने के बाद उसे 3 लाख रुपये में एक अज्ञात व्यक्ति को बेच दिया गया और जबरन विवाह करा दिया गया।
पूछताछ में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस ने 19 अक्टूबर को गुवाहाटी से इस गिरोह के मुख्य आरोपी राजेश हिंगे (31) को गिरफ्तार किया, जो त्रिपुरा के कुमारघाट का रहने वाला है। इसके बाद 21 अक्टूबर को उसके साथी मोहम्मद खलील अली (31) को असम के बको क्षेत्र के कराबारी गांव से गिरफ्तार किया गया। जांच आगे बढ़ने पर पुलिस ने इस गिरोह की कथित सरगना राजस्थान निवासी मोनिका को 26 अक्टूबर को कामाख्या रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह पिछले दो वर्षों में असम के बको क्षेत्र की कम से कम पांच लड़कियों और त्रिपुरा की एक लड़की की तस्करी कर चुका है। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर युवतियों को फंसाते थे। पहले दोस्ती और भरोसा जीतने के बाद, उन्हें शादी या सैर-सपाटे के बहाने दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान ले जाया जाता था, जहां उन्हें बेच दिया जाता था।
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