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'मोगली के घर' में हाथियों की खातिरदारी, 'गजराज' की सात दिन तक रहेगी मौज...जानिये क्यों दी गई 11 हाथियों छुट्टी

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सिवनी: दुनिया भर में 'मोगली के घर' या 'मोगली की धरती' के रूप में पहचाने जाने वाले मप्र के पेंच टाइगर रिजर्व में इन दिनों हाथियों की मौज चल रही है। दरअसल यहां हाथी महोत्सव मनाया जाता है, इसमें हाथियों की जमकर खातिरदारी चलती है। एक हफ्ते तक हाथियों को कोई काम नहीं दिया जाता। यहां पर कुल 11 हाथी मौजूद हैं।





प्रदेश के सिवनी जिले में स्थित पेंच टाइगर रिजर्व अपनी खूबसूरती के लिए पहचाना जाता है।का 'बघीरा और मोगली' किरदार इसी धरती की देन है। देश में यह इकलौता फॉरेस्ट है, जहां काला तेंदुआ पाया जाता है। फिलहाल यहां पर हाथियों के लिए रिजूविनेशन कैंप (Rejuvenation Camp) का आयोजन किया जा रहा है। हर साल अगस्त या सितंबर में रिजर्व प्रबंधन हाथियों को आराम देने यह आयोजन करता है।



मन पसंद भोजन, मालिश भी हो रही

हाथी महोत्सव और रिजूविनेशन कैंप के तहत पेंच नेशनल पार्क के सभी नर-मादा हाथियों को फुल आराम दिया जाता है। इसमें उनको रोजाना नहलाया जाता है। तेल मालिश होती है। इसके बाद उनका पूजन भी किया जाता है और फिर भोजन परोसा जाता है। इसमें इनको सामान्य भोजन के बजाय इनकी पसंद का खाना खिलाया जाता है, मसलन मौसमी फल जिनमें आम, पपीता, अनानास, नाशपाति, केले, नारियल, मक्का, चना, गुड़ सहित अन्य फल सहित अन्य चीजें परोसी जाती है। हाथियों को सजाया भी जाता है और घुमाया भी जाता है।



टाइगर रिजर्व में कुल 11 हाथी मौजूद है

पेंच टाइगर रिजर्व से मिली जानकारी अनुसार यहां टाइगर की निगरानी और सुरक्षा के लिहाज से हाथी दल में फिलहाल 11 हाथी मौजूद हैं। इनमें 7 नर, 3 मादा और 9 माह का नर बच्चा शामिल है। हाथियों को सामान्य दिनों में टाइगर रिजर्व में पेट्रोलिंग अर्थात टाइगर की सुरक्षा, अभयारण्य क्षेत्र की निगरानी, बाघों के मूवमेंट पर नजर रखने का काम लिया जाता है। बता दें कि 19 अगस्त से 25 अगस्त तक हाथियों का कायाकल्प शिविर चलेगा।













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