देहरादून: उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में मानसून धीमा पड़ना शुरू हो गया है। पिछले दो दिन से हो रही भारी बारिश भी धमने लगी है। दिन में धूप-छांव के खेल से लोग गर्मी और उमस महसूस कर रहे हैं। हालांकि मौसम विभाग ने उत्तराखंड के तीन जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। इसमें देहरादून, बागेश्वर और नैनीताल का नाम शामिल है। इन जिलों में गरज के साथ बिजली चमकने और तेज बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है।
जानकारी के मुताबिक देहरादून में ह्यूमिडिटी 85 प्रतिशत के करीब है। सुबह का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। हवा की क्वालिटी अच्छी है। हालांकि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल समेत अन्य जिलों में गर्मी-उसम के साथ बारिश की भी संभावना है। पिछले लगभग एक महीने उत्तराखंड में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया। साथ ही लोगों को भूस्खलन से सावधान रहने की हिदायत दी गई। वहीं पिछले दो-तीन दिन से प्रदेश में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया जा रहा है।
मानसून में सबसे ज्यादा उत्तराखंड को पहुंचा नुकसानबता दें कि उत्तराखंड में मानसून के चलते इस साल काफी ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं का सामना लोगों करना पड़ता है। धराली समेत अन्य घटनाओं ने केंद्र का भी ध्यान खींचा है। नुकसान का जायजा और अनुमान लगाने के लिए सात सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल आगामी सोमवार को यहां का दौरे करेगा। जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में अब तक 574 मिलीलीटर बारिश हो चुकी है। इतनी बारिश पिछले वर्षों में देखने को नहीं मिली थी।
पांच हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होने की उम्मीदकेंद्रीय दल का सबसे ध्यान उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल जिलों पर होगा। बारिश और भूस्खलन से सबसे ज्यादा नुकसान इन जिलों में पहुंचा है। वहीं राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 5,702 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज देने का अनुरोध किया है, ताकि प्रदेश को वापस ट्रैक पर लाया जा सके।
जानकारी के मुताबिक देहरादून में ह्यूमिडिटी 85 प्रतिशत के करीब है। सुबह का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। हवा की क्वालिटी अच्छी है। हालांकि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल समेत अन्य जिलों में गर्मी-उसम के साथ बारिश की भी संभावना है। पिछले लगभग एक महीने उत्तराखंड में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया। साथ ही लोगों को भूस्खलन से सावधान रहने की हिदायत दी गई। वहीं पिछले दो-तीन दिन से प्रदेश में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया जा रहा है।
मानसून में सबसे ज्यादा उत्तराखंड को पहुंचा नुकसानबता दें कि उत्तराखंड में मानसून के चलते इस साल काफी ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं का सामना लोगों करना पड़ता है। धराली समेत अन्य घटनाओं ने केंद्र का भी ध्यान खींचा है। नुकसान का जायजा और अनुमान लगाने के लिए सात सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल आगामी सोमवार को यहां का दौरे करेगा। जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में अब तक 574 मिलीलीटर बारिश हो चुकी है। इतनी बारिश पिछले वर्षों में देखने को नहीं मिली थी।
पांच हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होने की उम्मीदकेंद्रीय दल का सबसे ध्यान उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल जिलों पर होगा। बारिश और भूस्खलन से सबसे ज्यादा नुकसान इन जिलों में पहुंचा है। वहीं राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 5,702 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज देने का अनुरोध किया है, ताकि प्रदेश को वापस ट्रैक पर लाया जा सके।
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