भोपाल: मध्य प्रदेश में AIIMS-भोपाल के शोधकर्ताओं ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। राज्य में पहली बार हुए ओरल हेल्थ सर्वे में पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में 12 साल के लगभग 15 में से 1 बच्चा तंबाकू का सेवन करता है। यह सर्वे 41 जिलों में 48,000 से अधिक लोगों पर किया गया। इससे मध्य प्रदेश में ओरल हेल्थ की स्थिति का पता चला है।
शहरों में 6.8 प्रतिशत बच्चे खा रहे तंबाकू
सर्वे में पाया गया कि शहरों में रहने वाले 12 साल के बच्चे गांवों के बच्चों से ज्यादा तंबाकू खाते हैं। शहरी इलाकों में 6.8% बच्चे तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें ज्यादातर गुटखा जैसे धुंआ रहित तंबाकू शामिल हैं।
60 से ज्यादा उम्र के 100% लोगों को नकली दांतों की जरूरत
डॉ. अभिनव सिंह (AIIMS-भोपाल) के अनुसार, कुछ जिलों में 60 साल से ज्यादा उम्र के 100% लोगों को डेन्चर या नकली दांतों की जरूरत है। ज्यादातर इलाकों में 85% लोगों को इनकी जरूरत है। डॉ. सिंह ने बताया कि भारत में पहली बार मध्य प्रदेश के लिए WHO के मानकों पर आधारित ओरल हेल्थ डेटा बैंक बनाया गया है। इससे जिलेवार बीमारी, इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकारी सेवाओं की जानकारी मिलेगी। यह डेटा नीति बनाने और योजना बनाने में मदद करेगा।
131 डेंटल सर्जनों को दी गई ट्रेनिंग
सर्वे के लिए 131 डेंटल सर्जनों को ट्रेनिंग दी गई। डॉ. सिंह ने कहा कि सर्वे में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए GPS वाले मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया गया। इससे सर्वे करने वालों की लोकेशन पता चलती रही। डेटा एंट्री के लिए खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया, जिससे डेटा एकदम सही रहा।
2002 में हुआ था सर्वे
गौरतलब है कि भारत में आखिरी राष्ट्रव्यापी ओरल हेल्थ सर्वे 2002 में हुआ था। उस समय मध्य प्रदेश के सिर्फ तीन जिले शामिल थे, जिनमें लगभग 2500 लोगों का सर्वे किया गया था।
शहरों में 6.8 प्रतिशत बच्चे खा रहे तंबाकू
सर्वे में पाया गया कि शहरों में रहने वाले 12 साल के बच्चे गांवों के बच्चों से ज्यादा तंबाकू खाते हैं। शहरी इलाकों में 6.8% बच्चे तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें ज्यादातर गुटखा जैसे धुंआ रहित तंबाकू शामिल हैं।
60 से ज्यादा उम्र के 100% लोगों को नकली दांतों की जरूरत
डॉ. अभिनव सिंह (AIIMS-भोपाल) के अनुसार, कुछ जिलों में 60 साल से ज्यादा उम्र के 100% लोगों को डेन्चर या नकली दांतों की जरूरत है। ज्यादातर इलाकों में 85% लोगों को इनकी जरूरत है। डॉ. सिंह ने बताया कि भारत में पहली बार मध्य प्रदेश के लिए WHO के मानकों पर आधारित ओरल हेल्थ डेटा बैंक बनाया गया है। इससे जिलेवार बीमारी, इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकारी सेवाओं की जानकारी मिलेगी। यह डेटा नीति बनाने और योजना बनाने में मदद करेगा।
131 डेंटल सर्जनों को दी गई ट्रेनिंग
सर्वे के लिए 131 डेंटल सर्जनों को ट्रेनिंग दी गई। डॉ. सिंह ने कहा कि सर्वे में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए GPS वाले मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया गया। इससे सर्वे करने वालों की लोकेशन पता चलती रही। डेटा एंट्री के लिए खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया, जिससे डेटा एकदम सही रहा।
2002 में हुआ था सर्वे
गौरतलब है कि भारत में आखिरी राष्ट्रव्यापी ओरल हेल्थ सर्वे 2002 में हुआ था। उस समय मध्य प्रदेश के सिर्फ तीन जिले शामिल थे, जिनमें लगभग 2500 लोगों का सर्वे किया गया था।
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