भीलवाड़ा: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बिजौलियां उपखंड क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तिलस्वां महादेव मंदिर में रविवार देर रात से हो रही भारी बारिश के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। तिलस्वां कस्बे से होकर गुजरने वाली ऐरू नदी का जलस्तर 8 फीट तक पहुंच गया, जिससे मंदिर परिसर सहित आसपास की सड़कों पर 4 से 5 फीट तक पानी भर गया।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को आवाजाही के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मंदिर में भरे पानी के कारण भक्तों को पूजा-अर्चना करने में कठिनाई हो रही है।
श्रावण में उमड़ता है श्रद्धा का सैलाब, बारिश ने रोकी आस्था की राह
तिलस्वां महादेव मंदिर मेवाड़ का एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक केंद्र है, जहां श्रावण मास में हर सोमवार को हजारों श्रद्धालु भगवान शिव का अभिषेक करने पहुंचते हैं। रविवार रात से जारी तेज बारिश के कारण मंदिर पहुंचने वाले सभी मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे भक्तों की आस्था पर पानी फिर गया है।
मंदिर परिसर में तालाबंदी बनी परेशानी का कारण
शुक्रवार से मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर परिसर और धर्मशालाओं पर ताले लगाए जाने के कारण वहां रुके श्रद्धालु गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था बाधित हो गई है। बारिश के बीच मंदिर परिसर में फंसे लोगों की दिनचर्या भी अस्त-व्यस्त हो गई।
पानी भराव के बाद प्रशासन सक्रिय, हालात पर नजर
कांस्या चौकी प्रभारी नरेश सुखवाल मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों ने रात्रि में ट्रस्ट के ताले खुलवाकर श्रद्धालुओं को धर्मशालाओं में ठहराया और प्रशासन को हालात से अवगत कराया। सुबह 7 बजे तक बिजौलियां क्षेत्र में 136 एमएम वर्षा दर्ज की गई, जिससे कई स्थानों पर जलभराव हो गया है।
मेनाल और भीमलत झरने पूरे वेग पर
क्षेत्र के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी बारिश का प्रभाव देखा जा रहा है। मेवाड़ का प्रसिद्ध मेनाल झरना और भीमलत जलप्रपात इस समय पूरे यौवन पर बह रहे हैं, जिससे देखने वालों की भीड़ उमड़ रही है। हालांकि बारिश के कारण इन स्थलों तक पहुंचना भी जोखिम भरा हो गया है।
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स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को आवाजाही के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मंदिर में भरे पानी के कारण भक्तों को पूजा-अर्चना करने में कठिनाई हो रही है।
श्रावण में उमड़ता है श्रद्धा का सैलाब, बारिश ने रोकी आस्था की राह
तिलस्वां महादेव मंदिर मेवाड़ का एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक केंद्र है, जहां श्रावण मास में हर सोमवार को हजारों श्रद्धालु भगवान शिव का अभिषेक करने पहुंचते हैं। रविवार रात से जारी तेज बारिश के कारण मंदिर पहुंचने वाले सभी मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे भक्तों की आस्था पर पानी फिर गया है।
मंदिर परिसर में तालाबंदी बनी परेशानी का कारण
शुक्रवार से मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर परिसर और धर्मशालाओं पर ताले लगाए जाने के कारण वहां रुके श्रद्धालु गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था बाधित हो गई है। बारिश के बीच मंदिर परिसर में फंसे लोगों की दिनचर्या भी अस्त-व्यस्त हो गई।
पानी भराव के बाद प्रशासन सक्रिय, हालात पर नजर
कांस्या चौकी प्रभारी नरेश सुखवाल मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों ने रात्रि में ट्रस्ट के ताले खुलवाकर श्रद्धालुओं को धर्मशालाओं में ठहराया और प्रशासन को हालात से अवगत कराया। सुबह 7 बजे तक बिजौलियां क्षेत्र में 136 एमएम वर्षा दर्ज की गई, जिससे कई स्थानों पर जलभराव हो गया है।
मेनाल और भीमलत झरने पूरे वेग पर
क्षेत्र के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी बारिश का प्रभाव देखा जा रहा है। मेवाड़ का प्रसिद्ध मेनाल झरना और भीमलत जलप्रपात इस समय पूरे यौवन पर बह रहे हैं, जिससे देखने वालों की भीड़ उमड़ रही है। हालांकि बारिश के कारण इन स्थलों तक पहुंचना भी जोखिम भरा हो गया है।
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