मथुरा। लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर अपने 'ज्ञान' पर घिरे कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सबसे पहले मथुरा की महिला वकीलों ने एसएसपी से मिलकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। इसके बाद गुरुवार को संतों ने मथुरा में ही महापंचायत बुलाई और अनिरुद्धाचार्य को अपने प्रवचनों पर विशेष ध्यान देने की नसीहत दी। अब अनिरुद्धाचार्य एक और मुश्किल में फंसते हुए दिख रहे हैं। आगरा में हिंदू महासभा की जिलाध्यक्ष मीरा राठौर ने उनके खिलाफ मुकदमा दायर करने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के साथ बातचीत में मीरा राठौर ने बताया, 'कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने महिलाओं को लेकर कोई पहली बार इस तरह का आपत्तिजनक बयान नहीं दिया है। इससे पहले भी वह मंच पर बैठकर कई दफा ऐसा बोल चुके हैं। संविधान में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है, फिर कैसे एक संत होकर वह संविधान के खिलाफ बयान दे रहे हैं। किसी साधु-संत के मुख से ऐसी बात अच्छी नहीं लगती। आप पहले बयान देते हैं और उसके बाद माफी मांगते हैं, यह बिल्कुल उचित नहीं है।'
मीरा राठौर ने आगे कहा, 'अनिरुद्धाचार्य कहते हैं कि लड़कियों की शादी 14 साल की उम्र में कर देनी चाहिए। ऐसा बयान देकर वह लड़कियों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं। साधुओं और संतों का सम्मान है, लेकिन ऐसे बयान समाज के लिए ठीक नहीं हैं। हमें अनिरुद्धाचार्य से कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है, लेकिन लड़कियों को लेकर दिए गए बयान पर, उनके ऊपर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। हमने अपनी अर्जी कोर्ट में दाखिल कर दी है, जिसके लिए हमें 21 अगस्त की तारीख मिली है।'
जो संत को कहना चाहिए, वह मौलाना कह रहे....वहीं, अखिल भारत हिंदू महासभा के एक अन्य नेता संजय जाट ने कहा कि जैसा बयान अनिरुद्धाचार्य ने दिया है, वह एक संत का बयान नहीं हो सकता। एक तरफ मौलाना कह रहे हैं कि मस्जिद में जाने के लिए डिंपल यादव के सिर पर पर्दा होना चाहिए और दूसरी तरफ हमारे संत लड़कियों पर इस तरह के बयान दे रहे हैं। जो बात संत समाज को भागवत कथा में कहनी चाहिए, वह एक मौलाना कह रहे हैं। अनिरुद्धाचार्य का यह बयान शर्मनाक है। उनके ऊपर कार्रवाई होनी ही चाहिए।
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के साथ बातचीत में मीरा राठौर ने बताया, 'कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने महिलाओं को लेकर कोई पहली बार इस तरह का आपत्तिजनक बयान नहीं दिया है। इससे पहले भी वह मंच पर बैठकर कई दफा ऐसा बोल चुके हैं। संविधान में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है, फिर कैसे एक संत होकर वह संविधान के खिलाफ बयान दे रहे हैं। किसी साधु-संत के मुख से ऐसी बात अच्छी नहीं लगती। आप पहले बयान देते हैं और उसके बाद माफी मांगते हैं, यह बिल्कुल उचित नहीं है।'
मीरा राठौर ने आगे कहा, 'अनिरुद्धाचार्य कहते हैं कि लड़कियों की शादी 14 साल की उम्र में कर देनी चाहिए। ऐसा बयान देकर वह लड़कियों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं। साधुओं और संतों का सम्मान है, लेकिन ऐसे बयान समाज के लिए ठीक नहीं हैं। हमें अनिरुद्धाचार्य से कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है, लेकिन लड़कियों को लेकर दिए गए बयान पर, उनके ऊपर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। हमने अपनी अर्जी कोर्ट में दाखिल कर दी है, जिसके लिए हमें 21 अगस्त की तारीख मिली है।'
जो संत को कहना चाहिए, वह मौलाना कह रहे....वहीं, अखिल भारत हिंदू महासभा के एक अन्य नेता संजय जाट ने कहा कि जैसा बयान अनिरुद्धाचार्य ने दिया है, वह एक संत का बयान नहीं हो सकता। एक तरफ मौलाना कह रहे हैं कि मस्जिद में जाने के लिए डिंपल यादव के सिर पर पर्दा होना चाहिए और दूसरी तरफ हमारे संत लड़कियों पर इस तरह के बयान दे रहे हैं। जो बात संत समाज को भागवत कथा में कहनी चाहिए, वह एक मौलाना कह रहे हैं। अनिरुद्धाचार्य का यह बयान शर्मनाक है। उनके ऊपर कार्रवाई होनी ही चाहिए।
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