नई दिल्लीः पूर्व बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा के बिहार विधानसभा चुनाव में वोट डालने को लेकर विवाद हो गया है। उन पर दिल्ली और बिहार (बेगूसराय) दोनों जगह वोट डालने के आरोप लगे हैं। विपक्षी दलों कांग्रेस , आम आदमी पार्टी ( AAP ) के हमलावर होने के बाद राकेश सिन्हा ने पलटवार किया है। राकेश सिन्हा ने कहा कि राजनीति इतनी हल्की हो सकती है इसका अंदाजा उन्हें नहीं था। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका नाम दिल्ली के मतदाता सूची में था। लेकिन बिहार की राजनीति में सक्रियता के कारण उन्होंने अपना नाम गांव मनसेर पुर (बेगूसराय) करा लिया। राकेश सिन्हा मानहानि का मामला दर्ज कराने की चेतावनी दी है।
दिल्ली के बाद बिहार में वोट डालने पर बवाल
असल में, आज बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा था। वोट डालने के बाद राकेश कुमार सिन्हा ने बेगुसराय स्थित अपने गांव में मतदान की फोटो शेयर की। इसके बाद विपक्षी दलों कांग्रेस और AAP ने दिल्ली वोटिंग की पुरानी पोस्ट दिखाकर चुनाव आयोग को घेरा। विपक्ष ने नियमों का हवाला देकर कहा कि एक नागरिक एक साथ दो राज्यों में वोट नहीं डाल सकत?
आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने बीजेपी पर 'वोटर फ्रॉड' के आरोप लगाए। दोनों दलों का दावा है कि बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने आज बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में भी मतदान किया। जबकि इससे पहले वह फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट डाल चुके हैं। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने इसे 'बड़ा खुलासा' बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्यसभा सांसद और आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने फरवरी में द्वारका (दिल्ली) से वोट डाला था और अब बिहार में फिर मतदान किया है। उन्होंने इसे खुलेआम धोखाधड़ी बताया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राकेश सिन्हा दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं, ऐसे में वे बिहार का पता कैसे दिखा सकते हैं? अगर हमने बीजेपी की चोरी पकड़ ली है तो क्या वे सुधर जाएंगे? बिल्कुल नहीं, वे खुलेआम चोरी करेंगे।' कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी भारद्वाज के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा, 'बीजेपी नेता राकेश सिन्हा ने फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट डाला और 5 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव में भी मतदान किया। यह किस योजना के तहत संभव है?
राकेश सिन्हा का जवाब और सफाई
विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश सिन्हा ने कहा कि उनका नाम फरवरी में दिल्ली की वोटर लिस्ट में था, लेकिन अब उन्होंने अपना पता बिहार के बेगूसराय जिले के मानसरपुर गांव में बदलवा लिया है, क्योंकि वे वहां की राजनीति में सक्रिय हैं। राकेश सिन्हा ने आरोपों पर मानहानि का मुकदमा करने की चेतावनी भी दी। राकेश सिन्हा ने एक्स पर लिखा, 'मुझे अंदाज़ा नहीं था कि राजनीति इतनी नीची हो सकती है। जो संविधान में विश्वास पर सवाल उठाते हैं, उन्हें सौ बार सोचना चाहिए। मेरा नाम दिल्ली की वोटर लिस्ट में था, लेकिन बिहार की राजनीति में सक्रियता के कारण मैंने अपना नाम बेगूसराय के मानसरपुर गांव में बदलवा लिया। क्या मुझे इसके लिए मानहानि का केस दायर करना चाहिए?' राकेश सिन्हा ने कहा कि उनका पैतृक घर बेगूसराय में है। मैं मिट्टी से जुड़ा हुआ व्यक्ति हूं। मैं अपने गांव वोट डालने छुट्टी लेकर और खर्च करके गया। कौन संविधान के मूल्यों की बात कर रहा है? आम आदमी पार्टी लोकतंत्र पर धब्बा है। उन्होंने अपने अपडेटेड वोटर लिस्ट की फोटो भी साझा की, जिसमें उनका पता मानसरपुर, बेगूसराय दर्ज था।
AAP की पलटवार प्रतिक्रिया
सौरभ भारद्वाज ने राकेश सिन्हा की सफाई पर पलटवार करते हुए कहा कि जब वे अभी भी मोतीलाल नेहरू कॉलेज में पढ़ा रहे हैं, तो उन्होंने पता कैसे बदला? राजनीतिक सक्रियता के लिए वोट बदलना कहां जरूरी है? बीजेपी कब तक मानहानि के केसों से लोगों को डराती रहेगी? आपकी सरकार ने पहले भी कई केस किए हैं, एक और सही। AAP नेता ने यह भी दावा किया कि सिन्हा ने बिहार में 28 अप्रैल को नया वोटर आईडी बनवाया, जबकि 4 सितंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (DUTA) चुनाव में वोट मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार व्यक्ति को वहीं वोट डालने का अधिकार है, जहां वह काम करता और रहता है, न कि अपने पैतृक गांव में।
दिल्ली के बाद बिहार में वोट डालने पर बवाल
असल में, आज बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा था। वोट डालने के बाद राकेश कुमार सिन्हा ने बेगुसराय स्थित अपने गांव में मतदान की फोटो शेयर की। इसके बाद विपक्षी दलों कांग्रेस और AAP ने दिल्ली वोटिंग की पुरानी पोस्ट दिखाकर चुनाव आयोग को घेरा। विपक्ष ने नियमों का हवाला देकर कहा कि एक नागरिक एक साथ दो राज्यों में वोट नहीं डाल सकत?
आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने बीजेपी पर 'वोटर फ्रॉड' के आरोप लगाए। दोनों दलों का दावा है कि बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने आज बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में भी मतदान किया। जबकि इससे पहले वह फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट डाल चुके हैं। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने इसे 'बड़ा खुलासा' बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्यसभा सांसद और आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने फरवरी में द्वारका (दिल्ली) से वोट डाला था और अब बिहार में फिर मतदान किया है। उन्होंने इसे खुलेआम धोखाधड़ी बताया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि राकेश सिन्हा दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं, ऐसे में वे बिहार का पता कैसे दिखा सकते हैं? अगर हमने बीजेपी की चोरी पकड़ ली है तो क्या वे सुधर जाएंगे? बिल्कुल नहीं, वे खुलेआम चोरी करेंगे।' कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी भारद्वाज के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा, 'बीजेपी नेता राकेश सिन्हा ने फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट डाला और 5 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव में भी मतदान किया। यह किस योजना के तहत संभव है?
राकेश सिन्हा का जवाब और सफाई
विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश सिन्हा ने कहा कि उनका नाम फरवरी में दिल्ली की वोटर लिस्ट में था, लेकिन अब उन्होंने अपना पता बिहार के बेगूसराय जिले के मानसरपुर गांव में बदलवा लिया है, क्योंकि वे वहां की राजनीति में सक्रिय हैं। राकेश सिन्हा ने आरोपों पर मानहानि का मुकदमा करने की चेतावनी भी दी। राकेश सिन्हा ने एक्स पर लिखा, 'मुझे अंदाज़ा नहीं था कि राजनीति इतनी नीची हो सकती है। जो संविधान में विश्वास पर सवाल उठाते हैं, उन्हें सौ बार सोचना चाहिए। मेरा नाम दिल्ली की वोटर लिस्ट में था, लेकिन बिहार की राजनीति में सक्रियता के कारण मैंने अपना नाम बेगूसराय के मानसरपुर गांव में बदलवा लिया। क्या मुझे इसके लिए मानहानि का केस दायर करना चाहिए?' राकेश सिन्हा ने कहा कि उनका पैतृक घर बेगूसराय में है। मैं मिट्टी से जुड़ा हुआ व्यक्ति हूं। मैं अपने गांव वोट डालने छुट्टी लेकर और खर्च करके गया। कौन संविधान के मूल्यों की बात कर रहा है? आम आदमी पार्टी लोकतंत्र पर धब्बा है। उन्होंने अपने अपडेटेड वोटर लिस्ट की फोटो भी साझा की, जिसमें उनका पता मानसरपुर, बेगूसराय दर्ज था।
राजनीति इतनी हल्की हो सकती है इसका अंदाजा मुझे नहीं था ।संविधान में आस्था रखने वालों पर सवाल करने वाले पर सवाल करने वालों को सौ बार सोच लेना चाहिए ।मेरा नाम दिल्ली के मतदाता सूची में था । बिहार की राजनीति में सक्रियता के कारण मैंने अपना नाम गाँव मनसेर पुर (बेगूसराय) करा लिया ।… https://t.co/jxPllpCpvT
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 6, 2025
AAP की पलटवार प्रतिक्रिया
सौरभ भारद्वाज ने राकेश सिन्हा की सफाई पर पलटवार करते हुए कहा कि जब वे अभी भी मोतीलाल नेहरू कॉलेज में पढ़ा रहे हैं, तो उन्होंने पता कैसे बदला? राजनीतिक सक्रियता के लिए वोट बदलना कहां जरूरी है? बीजेपी कब तक मानहानि के केसों से लोगों को डराती रहेगी? आपकी सरकार ने पहले भी कई केस किए हैं, एक और सही। AAP नेता ने यह भी दावा किया कि सिन्हा ने बिहार में 28 अप्रैल को नया वोटर आईडी बनवाया, जबकि 4 सितंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (DUTA) चुनाव में वोट मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार व्यक्ति को वहीं वोट डालने का अधिकार है, जहां वह काम करता और रहता है, न कि अपने पैतृक गांव में।
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