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गूगल का एक्शन प्लान, मैसेज करने वाले दें ध्यान, वरना हो जाएंगे ब्लॉक

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गूगल मैसेज की तरफ से कई नए फीचर्स को रोलआउट किया गया है। यह फीचर्स यूजर प्राइवेसी को बढ़ावा देते हैं। गूगल के नए फीचर संदिग्ध कॉल और मैसेज की पहचान करने में मददगार साबित होंगे। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फीचर का सपोर्ट मिलता है। इसमें इंटरनेशनल कॉल और मैसेज की पहचान की जा सकती है। साथ ही ऐसे मैसेज की पहचान की जा सकती है, जो यूजर्स के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इन्हैंस स्पैम प्रोटेक्शनमैसेज ऐप में ऑटोमेटिक तरीके से उन मैसेज को स्पैम लिस्ट में डाल दिया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि यह सुविधा बातचीत को पहचानने और कैटेगराइज्ड करने के लिए ऑन-डिवाइस मशीन लर्निंग (एमएल) का लाभ उठाती है। Google का दावा है कि टेक्स्ट संदेश तब तक निजी रहेंगे जब तक कि विशेष रूप से स्पैम के रूप में रिपोर्ट न किया जाए। खतरनाक लिंक माउंटेन व्यू बेस्ड टेक्नोलॉजी मौजूदा वक्त में भारत, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर में मौजूद है। यह टेक्नोलॉजी यूजर्स को अनजान सेंडर के खतरनाक लिंक के बारे में सचेत करती है और उन्हें ब्लॉक करती है। संदिग्ध कंटेंट वॉर्निंग गूगल की तरफ से संदिग्ध कंटेंट वॉर्निंग ऑप्शन दिया गया है। यह संदिग्ध कंटेंट को ब्लर कर देता है। साथ ही यूजर्स को अन्य ऑप्शन देता है। वही फॉरवर्ड किये जाने वाले मैसेज को लेकर चेतावनी जारी की जाती है। कंपनी का दावा है कि यह सारा प्रॉसेस ऑन डिवाइस होता है। साथ ही एंड टू एंड एन्क्रिप्शन बेस्ड है। नया फीचर 18 साल से कम उम्र के लोगों के कंटेंट बैरियर लगाएगा। इंटरनेशन कॉल से बचाव गूगल का नया फीचर इंटरनेशन कॉल को ऑटोमेटिक तरीके से हाइड कर देगा। इस तरह के मैसेज को स्पैम और ब्लॉक फोल्डर में डाल दिया जाएगा। इस फीचर को पायलट प्रोजक्ट के तहत रोलआउट किया जाएगा। इसे सबसे पहले सिंगापुर मे रोलआउट किया जा सकता है। कॉन्टैक्ट वेरिफिकेशन्स गूगल मैसेज की ओर से कॉन्टैक्ट वेरिफिकेशन फीचर पेश किया गया है। यह यूजर्स को मैसेज भेजने से पहले उनकी पहचान को वेरिफाई करने की सुविधा देता है। Google की नई सर्विस अगले साल एंड्रॉइड 9 या उसके बाद के वर्जन पर चलने वाले डिवाइस के लिए शुरू की जाएगी।
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