नई दिल्ली: भारत ने 2024 के अंत में 5 मैचों की रोमांचक टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। इस सीरीज को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, इस सीरीज में टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। भारत को ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से हराया था। इस सीरीज के दौरान दिग्गज दिग्गज रविचंद्रन अश्विन रिटायर हो गए थे। वहीं सीरीज खत्म होने के बाद मई में रोहित शर्मा और विराट कोहली ने भी टेस्ट से संन्यास ले लिया। अब भारत को ऑस्ट्रेलिया में अपनी कप्तानी में टेस्ट सीरीज (2020-21) जिताने वाले अजिंक्य रहाणे ने बड़ा बयान दिया है।
अजिंक्य रहाणे ने दिया बड़ा बयान
रहाणे ने रणजी ट्रॉफी में छत्तीसगढ़ के खिलाफ मुंबई के लिए खेलते हुए 303 गेंद में 21 चौकों की मदद से 159 रन की शानदार पारी खेली। लेकिन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में नहीं खेल पाने का मलाल उन्हें अब भी है जिसमें भारत 1-3 से हार गया था। रहाणे का आखिरी टेस्ट 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ था। उन्होंने कहा, ‘उम्र सिर्फ एक संख्या है। एक खिलाड़ी के तौर पर, अगर आपके पास अनुभव है, अगर आप अब भी घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं, अगर आप अब भी अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं तो मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं को (चयन के लिए) विचार करना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘यह उम्र की बात नहीं है। यह इरादे की बात है। यह लाल गेंद (क्रिकेट) के प्रति जुनून और मैदान पर की जाने वाली कड़ी मेहनत की बात है। यही मेरे लिए मायने रखता है इसलिए मैं इसमें पूरी तरह विश्वास नहीं करता।’
भारतीय टीम को मेरी जरूरत थी...इस 37 वर्षीय खिलाड़ी ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल हसी का उदाहरण दिया जिन्होंने काफी देर से टेस्ट पदार्पण किया था। उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में (अगर) आप देखें। माइकल हसी ने 30 के दशक के अंत में पदार्पण किया था और फिर भी उन्होंने रन बनाए। लाल गेंद वाले क्रिकेट में अनुभव मायने रखता है और मुझे व्यक्तिगत रूप से लगा कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी, यह मेरा व्यक्तिगत अहसास है।’
रहाणे ने 2020-21 में ऑस्ट्रेलियाई टीम पर 2-1 से रोमांचक जीत दिलाई थी।
उन्होंने 2023 में लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में टेस्ट क्रिकेट में वापसी की। फिर वह वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी बार देश के लिए खेले थे। उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘‘मैंने 2023 के डब्ल्यूटीसी फाइनल में वापसी की और उससे पहले मैंने दो साल घरेलू क्रिकेट खेला (जहां) मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। मैंने आईपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन किया और वापसी करते हुए डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाई।’
इस बात से दुखी हैं रहाणे
लेकिन मुंबई के इस खिलाड़ी को खुद के बाहर किए जाने के बाद संवाद की कमी का दुख था। उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम के लिए इतना क्रिकेट खेलने के बाद मेरे जैसे अनुभवी खिलाड़ी को जब टीम से बाहर किया गया तो मुझे लगा कि कुछ अलग है। मैंने सोचा था कि वापसी करने पर मेरे जैसे अनुभवी खिलाड़ी को और मौके मिलने चाहिए। लेकिन कोई कम्यूनिकेशन नहीं हुई।’
(भाषा के इनपुट के साथ)
अजिंक्य रहाणे ने दिया बड़ा बयान
रहाणे ने रणजी ट्रॉफी में छत्तीसगढ़ के खिलाफ मुंबई के लिए खेलते हुए 303 गेंद में 21 चौकों की मदद से 159 रन की शानदार पारी खेली। लेकिन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में नहीं खेल पाने का मलाल उन्हें अब भी है जिसमें भारत 1-3 से हार गया था। रहाणे का आखिरी टेस्ट 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ था। उन्होंने कहा, ‘उम्र सिर्फ एक संख्या है। एक खिलाड़ी के तौर पर, अगर आपके पास अनुभव है, अगर आप अब भी घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं, अगर आप अब भी अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं तो मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं को (चयन के लिए) विचार करना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘यह उम्र की बात नहीं है। यह इरादे की बात है। यह लाल गेंद (क्रिकेट) के प्रति जुनून और मैदान पर की जाने वाली कड़ी मेहनत की बात है। यही मेरे लिए मायने रखता है इसलिए मैं इसमें पूरी तरह विश्वास नहीं करता।’
भारतीय टीम को मेरी जरूरत थी...इस 37 वर्षीय खिलाड़ी ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल हसी का उदाहरण दिया जिन्होंने काफी देर से टेस्ट पदार्पण किया था। उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में (अगर) आप देखें। माइकल हसी ने 30 के दशक के अंत में पदार्पण किया था और फिर भी उन्होंने रन बनाए। लाल गेंद वाले क्रिकेट में अनुभव मायने रखता है और मुझे व्यक्तिगत रूप से लगा कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी, यह मेरा व्यक्तिगत अहसास है।’
रहाणे ने 2020-21 में ऑस्ट्रेलियाई टीम पर 2-1 से रोमांचक जीत दिलाई थी।
उन्होंने 2023 में लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में टेस्ट क्रिकेट में वापसी की। फिर वह वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी बार देश के लिए खेले थे। उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘‘मैंने 2023 के डब्ल्यूटीसी फाइनल में वापसी की और उससे पहले मैंने दो साल घरेलू क्रिकेट खेला (जहां) मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। मैंने आईपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन किया और वापसी करते हुए डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाई।’
इस बात से दुखी हैं रहाणे
लेकिन मुंबई के इस खिलाड़ी को खुद के बाहर किए जाने के बाद संवाद की कमी का दुख था। उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम के लिए इतना क्रिकेट खेलने के बाद मेरे जैसे अनुभवी खिलाड़ी को जब टीम से बाहर किया गया तो मुझे लगा कि कुछ अलग है। मैंने सोचा था कि वापसी करने पर मेरे जैसे अनुभवी खिलाड़ी को और मौके मिलने चाहिए। लेकिन कोई कम्यूनिकेशन नहीं हुई।’
(भाषा के इनपुट के साथ)
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