नई दिल्ली: क्या चांदी के उल्टे दिन शुरू हो गए हैं? कुछ दिनों पहले तक रोजाना नई कीमत की ऊंचाई का रिकॉर्ड बनाने वाली चांदी में अब गिरावट आ रही है। अपने ऑल टाइम हाई से चांदी की कीमत 17% तक गिर गई है। पिछले 10 दिनों में चांदी की कीमत करीब 31 हजार रुपये प्रति किलोग्राम कम हुई है।
चांदी की कीमत में गिरावट के कई कारण हैं। पहला, लंदन में चांदी की आपूर्ति बढ़ गई है। दरअसल, लंदन चांदी के वैश्विक व्यापार का एक बड़ा केंद्र है। ऐसे में वहां चांदी का स्टॉक ज्यादा या कम होना इसकी कीमत पर असर डालता है। इसकी कीमत में दूसरा कारण है कि निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है।
कितनी हुई चांदी की कीमत?शुक्रवार को चांदी की कीमत 1.47 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। इंटरनेशनल मार्केट में शुक्रवार को स्पॉट सिल्वर 48.5 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर कारोबार कर रही थी, जो एक हफ्ते पहले 54.47 डॉलर थी। बुलियन व्यापारियों का कहना है कि अमेरिका और चीन से लंदन में चांदी की बड़ी मात्रा में आवक ने फिलहाल कीमतों को कम करने में मदद की है।
लंदन में भी बढ़ गया था भावलंदन का बुलियन बाजार दुनिया भर में भौतिक चांदी के लेन-देन का मुख्य केंद्र है। इस शहर के कीमती धातुओं के गोदामों में चांदी की उपलब्धता का कीमतों पर सीधा असर पड़ता है। विशेषज्ञों ने बताया कि वहां भौतिक भंडार की कमी के कारण भारत में स्पॉट सिल्वर 14 अक्टूबर को 1.78 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
इंडस्ट्री डिमांड के कारण आई थी तेजीचांदी में हाल ही में तेजी इंडस्ट्री डिमांड बढ़ने के कारण आई थी। सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक व्हीकल, 5G टेलीकॉम उपकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हार्डवेयर जैसे क्षेत्रों से चांदी की मांग काफी बढ़ गई थी। वहीं दूसरी ओर चांदी का प्रोडक्शन धीमा पड़ गया था, जिससे इसकी उपलब्धता काफी कम हो गई थी। मांग ज्यादा और प्रोडक्शन कम होने के कारण इसकी कीमत में तेजी आई।
क्या कीमत अभी और कम होगी?आने वाले समय में चांदी की कीमत में कमी आएगी या नहीं, इस बारे में एक्सपर्ट ने अपनी राय दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक चांदी आपूर्ति में कमी संभवतः कुछ समय तक जारी रहेगी। कुल चांदी उत्पादन 26,000 टन है, लेकिन इस साल 6,000-7,500 टन की कमी है। यह हाल के दशकों में सबसे बड़ी कमी में से एक है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषक (प्रेशियस मेटल रिसर्च) मानव मोदी ने कहा कि कीमती धातुओं की कीमतें और गिर सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को उन्हें खरीदने का मौका मिलेगा। वहीं एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि खुदरा बाजार में लोग छोटी मात्रा में चांदी की खरीदारी कर रहे हैं।
चांदी की कीमत में गिरावट के कई कारण हैं। पहला, लंदन में चांदी की आपूर्ति बढ़ गई है। दरअसल, लंदन चांदी के वैश्विक व्यापार का एक बड़ा केंद्र है। ऐसे में वहां चांदी का स्टॉक ज्यादा या कम होना इसकी कीमत पर असर डालता है। इसकी कीमत में दूसरा कारण है कि निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है।
कितनी हुई चांदी की कीमत?शुक्रवार को चांदी की कीमत 1.47 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। इंटरनेशनल मार्केट में शुक्रवार को स्पॉट सिल्वर 48.5 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर कारोबार कर रही थी, जो एक हफ्ते पहले 54.47 डॉलर थी। बुलियन व्यापारियों का कहना है कि अमेरिका और चीन से लंदन में चांदी की बड़ी मात्रा में आवक ने फिलहाल कीमतों को कम करने में मदद की है।
लंदन में भी बढ़ गया था भावलंदन का बुलियन बाजार दुनिया भर में भौतिक चांदी के लेन-देन का मुख्य केंद्र है। इस शहर के कीमती धातुओं के गोदामों में चांदी की उपलब्धता का कीमतों पर सीधा असर पड़ता है। विशेषज्ञों ने बताया कि वहां भौतिक भंडार की कमी के कारण भारत में स्पॉट सिल्वर 14 अक्टूबर को 1.78 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
इंडस्ट्री डिमांड के कारण आई थी तेजीचांदी में हाल ही में तेजी इंडस्ट्री डिमांड बढ़ने के कारण आई थी। सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक व्हीकल, 5G टेलीकॉम उपकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हार्डवेयर जैसे क्षेत्रों से चांदी की मांग काफी बढ़ गई थी। वहीं दूसरी ओर चांदी का प्रोडक्शन धीमा पड़ गया था, जिससे इसकी उपलब्धता काफी कम हो गई थी। मांग ज्यादा और प्रोडक्शन कम होने के कारण इसकी कीमत में तेजी आई।
क्या कीमत अभी और कम होगी?आने वाले समय में चांदी की कीमत में कमी आएगी या नहीं, इस बारे में एक्सपर्ट ने अपनी राय दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक चांदी आपूर्ति में कमी संभवतः कुछ समय तक जारी रहेगी। कुल चांदी उत्पादन 26,000 टन है, लेकिन इस साल 6,000-7,500 टन की कमी है। यह हाल के दशकों में सबसे बड़ी कमी में से एक है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषक (प्रेशियस मेटल रिसर्च) मानव मोदी ने कहा कि कीमती धातुओं की कीमतें और गिर सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को उन्हें खरीदने का मौका मिलेगा। वहीं एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एंड करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि खुदरा बाजार में लोग छोटी मात्रा में चांदी की खरीदारी कर रहे हैं।
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