नई दिल्ली: आजाद मार्केट स्थित पुल मिठाई के पास टोकरी वाला इलाके में गुरुवार देर रात तीन बिल्डिंग भरभरा कर गिर गईं। बिल्डिंग में तीन दुकानें बनी हुई थीं, जो पूरी तरह ढह गई। इस हादसे में एक युवक की मौत हो गई। इस हादसे के बाद सवाल उठ रहा है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है? DMRC या दुकान के मालिक गुलशन महाजन, जिन्होंने खतरनाक घोषित की जा चुकी इस इमारत में अपने कर्मचारी को सोने की इजाजत दी। जहां तक दुकानदारों का सवाल है, तो वो इसके लिए कहीं न कहीं DMRC को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मृतक मनोज ऑनर गुलशन के यहां करते थे काम
बता दें कि इमारत में तीन दुकानें थी, दुकान नंबर 5-ए, 6-ए और 7-ए, जो पूरी तरह जमींदोज हो गई। मृतक मनोज शर्मा दुकान नंबर 7-ए के ऑनर गुलशन महाजन के यहां काम करते थे। दुकान नंबर 6-ए के मालिक सुरेश कुमार और दुकान नंबर 5-ए के मालिक अशोक महाजन है। दुकानदारों ने दावा किया कि इलाके की अन्य इमारतों के मुकाबले यह ज्यादा पुरानी नहीं थीं। यहां पर मेट्रो के कंस्ट्रक्शन का काम पिछले तीन-चार महीने से चल रहा है। दुकान नंबर 6-ए के मालिक सुरेश कुमार के बेटे धीरज ने बताया कि हम तीन दुकानदारों को 15 जून को नोटिस मिला था, जिसकी अवधि 8 जुलाई तक थी।
DMRC या दुकान के मालिक
दुकानदारों ने कहा कि हमसे कहा गया था कि इस दौरान दुकानों को बंद रखना है, लेकिन 8 जुलाई के बाद हमें कोई नया नोटिस नहीं मिला। धीरज ने दावा किया कि DMRC की तरफ से कहा गया था कि अभी आप लोग दुकान चलाते रहें, जब बंद करनी होगी, तो आपको पहले ही सूचना दे दी जाएगी। आस-पास के अन्य दुकानदारों का भी यही कहना था कि अगर इमारत गिरने का खतरा था, तो दुकानों को पूरी तरह बंद करा देना चाहिए था।
कभी भी गिर सकती है दूसरी इमारत
हादसे में जो इमारत गिरी, उससे सटी तीन मंजिला दूसरी इमारत के भी गिरने का खतरा पैदा हो गया है। यह इमारत अभी मलबे के सहारे टिकी हुई है। इसमें भी दुकाने और गोदाम है। हालांकि उसे खाली कराकर सील कर दिया गया है। आशंका है कि मलबा हटने के बाद यह इमारत कभी भी गिर सकती है। मलबा हटाने के लिए करीब एक दर्जन बड़े ट्रक मौके पर बुलाए गए थे। आजाद मार्केट की तरफ जाने वाली मुख्य सड़क को बंद कर दिया गया था। इस कारण लोगो को आने-जाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
चाय की तलब ने बचाई जान
हादसे में एक ट्रक भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन उसका चालक बच गया। हादसे के कुछ समय पहले ही वह ट्रक को खड़ा करके चाय पीने चला गया था। वापस आया तो देखा कि जिस इमारत के पास उसने ट्रक खड़ा किया था, वह गिर गई है और ट्रक भी क्षतिग्रस्त हो गया है।
दहशत में है दुकानदार
आजाद मार्केट की गिनती दिल्ली के सबसे पुराने बाजारों में की जाती है। यह 70 साल से भी ज्यादा पुराना मार्केट है, जिसमें लगभग 500 दुकानें हैं। ज्यादातर दुकानें तिरपाल, बैग और कपड़े की है। गुरुवार रात हुए हादसे के बाद से दुकानदारों में दहशत फैली हुई है।
30 साल से कर रहे थे काम
पुलिस ने बताया कि हादसे में मारे गए मनोज 30 साल से दुकान में काम कर रहे थे। वह दिनभर उनकी दुकान में काम करते थे और रात में वहीं सो जाते थे। उनका परिवार गांव में रहता है। वह मालिक के काफी विश्वासपात्र भी थे।
मृतक मनोज ऑनर गुलशन के यहां करते थे काम
बता दें कि इमारत में तीन दुकानें थी, दुकान नंबर 5-ए, 6-ए और 7-ए, जो पूरी तरह जमींदोज हो गई। मृतक मनोज शर्मा दुकान नंबर 7-ए के ऑनर गुलशन महाजन के यहां काम करते थे। दुकान नंबर 6-ए के मालिक सुरेश कुमार और दुकान नंबर 5-ए के मालिक अशोक महाजन है। दुकानदारों ने दावा किया कि इलाके की अन्य इमारतों के मुकाबले यह ज्यादा पुरानी नहीं थीं। यहां पर मेट्रो के कंस्ट्रक्शन का काम पिछले तीन-चार महीने से चल रहा है। दुकान नंबर 6-ए के मालिक सुरेश कुमार के बेटे धीरज ने बताया कि हम तीन दुकानदारों को 15 जून को नोटिस मिला था, जिसकी अवधि 8 जुलाई तक थी।
DMRC या दुकान के मालिक
दुकानदारों ने कहा कि हमसे कहा गया था कि इस दौरान दुकानों को बंद रखना है, लेकिन 8 जुलाई के बाद हमें कोई नया नोटिस नहीं मिला। धीरज ने दावा किया कि DMRC की तरफ से कहा गया था कि अभी आप लोग दुकान चलाते रहें, जब बंद करनी होगी, तो आपको पहले ही सूचना दे दी जाएगी। आस-पास के अन्य दुकानदारों का भी यही कहना था कि अगर इमारत गिरने का खतरा था, तो दुकानों को पूरी तरह बंद करा देना चाहिए था।
कभी भी गिर सकती है दूसरी इमारत
हादसे में जो इमारत गिरी, उससे सटी तीन मंजिला दूसरी इमारत के भी गिरने का खतरा पैदा हो गया है। यह इमारत अभी मलबे के सहारे टिकी हुई है। इसमें भी दुकाने और गोदाम है। हालांकि उसे खाली कराकर सील कर दिया गया है। आशंका है कि मलबा हटने के बाद यह इमारत कभी भी गिर सकती है। मलबा हटाने के लिए करीब एक दर्जन बड़े ट्रक मौके पर बुलाए गए थे। आजाद मार्केट की तरफ जाने वाली मुख्य सड़क को बंद कर दिया गया था। इस कारण लोगो को आने-जाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
चाय की तलब ने बचाई जान
हादसे में एक ट्रक भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन उसका चालक बच गया। हादसे के कुछ समय पहले ही वह ट्रक को खड़ा करके चाय पीने चला गया था। वापस आया तो देखा कि जिस इमारत के पास उसने ट्रक खड़ा किया था, वह गिर गई है और ट्रक भी क्षतिग्रस्त हो गया है।
दहशत में है दुकानदार
आजाद मार्केट की गिनती दिल्ली के सबसे पुराने बाजारों में की जाती है। यह 70 साल से भी ज्यादा पुराना मार्केट है, जिसमें लगभग 500 दुकानें हैं। ज्यादातर दुकानें तिरपाल, बैग और कपड़े की है। गुरुवार रात हुए हादसे के बाद से दुकानदारों में दहशत फैली हुई है।
30 साल से कर रहे थे काम
पुलिस ने बताया कि हादसे में मारे गए मनोज 30 साल से दुकान में काम कर रहे थे। वह दिनभर उनकी दुकान में काम करते थे और रात में वहीं सो जाते थे। उनका परिवार गांव में रहता है। वह मालिक के काफी विश्वासपात्र भी थे।
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